Tuesday, April 30, 2024
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प्रभु शक्ति में रसिक की जीवन नौका संसार से आसानी से हो जाती है पार- कथा व्यास

फिरोजाबाद, एस. के. चित्तौड़ी। सोहन मार्केट मित्र मण्डल द्वारा श्रीगणेश चतुर्थी के शुभ अवसर पर आयोजित ग्यारहवें श्रीगणेश महोत्सव के तृतीय दिवस की बेला में वृन्दावन से पधारे परमपूज्य व्यास जी महाराज ने श्रीमद् भागवत कथा में वेदव्यास महाराज ने सृष्टि क्रम का वर्णन बड़े विस्तार पूर्वक किया।
उन्होंने कर्दम देवहूति एवं कपिल प्रसंग पर कहा कि भगवान की भक्ति की तीन धाराएं हैं। विश्वास, सम्बन्ध और समर्पण। प्रभु की भक्ति का आरम्भ विश्वास से मध्य सम्बन्ध से और अंतिम धारा समर्पण को बताया। उन्होंने कहा कि जब जीवात्मा अपनी बुद्धि को भक्तिमय बनाकर कामनाओं का दमन करता हुआ नवधा भक्ति से युक्त हो जाता है। तभी परमात्मा उसके हृदयगति गर्भ में प्रकट होते हैं। उन्होंने कहा कि जीवात्मा तब तक संसार के चक्कर लगाता है। जब तक वह भगवान की दिव्य गाथा का पान नहीं करता। इसलिये मानव को संसार में रहते हुए ही राप दिव्यरस का पान करना चाहिए। क्योंकि प्रभु शक्ति में रसिक की जीवन नौका संसार से आसानी से पार हो जाती है। साथ ही उसका परलोक भी सुधर जाता है। इस अवसर पर मुख्य यजमान विद्याशरण गुप्ता ने भागवत का पूजन एवं व्यास पूजन किया। अंत में भव्य भागवत जी की आरती कराकर प्रसाद वितरण कराया गया। जिसमें अश्वनी चतुर्वेदी, कपिल अग्रवाल, विकास लहरी, अरविन्द शर्मा, मन्दीप गुप्ता, गोपाल अग्रवाल, अमित चतुर्वेदी के साथ महिला मण्डल में संगीता गुप्ता, प्रीती गुप्ता, कल्पना, आभा, पुष्पादेवी गुप्ता आदि लोग उपस्थित थे।