Friday, May 3, 2024
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शिक्षक कर रहे है प्रेरणा ऐप का विरोध

प्रेरणा के विरोध में विकासखंड कड़ा के समस्त समन्वयक न्याय पंचायत के पद से दिया सामूहिक इस्तीफा
कड़ा के ऐसे सजग शिक्षकों की हो रही जनपद में चहुओर प्रशंसा
कौशाम्बी, जन सामना ब्यूरो। प्रदेश में प्रेरणा ऐप के विरोध में शिक्षकों के शिक्षा कार्य से इतर सौंपी गयी जिम्मेदारियों पर इस्तीफा देने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है ।इसी कड़ी में प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रांतीय नेतृत्व वा जिला कार्यसमिति के अध्यक्ष मुलायम सिंह के निर्णय पर विकासखंड कड़ा के समस्त सह समन्यवयक न्याय पंचायत के पद से सामूहिक इस्तीफा दे दिया है। इस कड़ी में न्याय पंचायत अलीपुर जीता, न्याय पंचायत अम्माई बुजुर्ग, सैनी दारानगर, शहजादपुर, कड़ा, सौरई बुजुर्ग ,डोरमा,सिपाह कनवार उचरावा के शिक्षकों ने अपने अतिरिक्त पदों से इस्तीफा देकर अपने मूल कर्तव्य के प्रति आस्था जाहिर की है। खंड शिक्षा अधिकारी कड़ा को दिए गए सामूहिक त्यागपत्र में समस्त शिक्षकों ने अपने मूल विद्यालय में जाकर शिक्षण कार्य करने पर अपनी आस्था प्रकट किया है। ज्ञात हो कि मौजूदा समय प्रेरणा एप को लेकर प्रदेश के समस्त जनपदों में शिक्षकों द्वारा भारी विरोध जताया जा रहा है। शिक्षक संगठनों ने इसे समाज के विश्वकर्मा, शिक्षकों का अपमान करार दिया है।
विकासखंड कड़ा के इस्तीफा देने वाले समस्त शिक्षकों का समाज के संभ्रांत नागरिकों ने तहेदिल से सम्मान करते हुए ऐसे शिक्षकों की जिन्होंने अपने मूल कर्तव्य के प्रति अपनी आस्था को जागृत किया है खुले मन से सराहना किया है। साथ ही यह भी कहा है कि समाज के अन्य शिक्षकों को भी विकास खंड कड़ा के उक्त शिक्षकों से सीख लेने की आवश्यकता है। जिससे हमारे समाज के साथ-साथ हमारे शिक्षक समाज का भी सम्मान समाज में बरकरार रह सके।
इस्तीफा सौंपने वाले अध्यापकों में संतोष कुमार मिश्र, जुबेर अहमद, जमशेद आलम, रमेश चंद, गणेश प्रसाद, लल्लू प्रसाद, लवकुश गुप्त, आदि प्रमुख अध्यापक रहे हैं जिन्होंने प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष मुलायम सिंह की अगुवाई में खंड शिक्षा अधिकारी कड़ा को अपना सामूहिक इस्तीफा देकरके शिक्षक समाज के सम्मान के प्रति एक कदम सबसे आगे बढ़ाया है।
विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक सरसँवा विकास खण्ड के अलवारा न्याय पंचायत सहित अन्य न्याय पंचायत में शिक्षण कार्य से इतर जिम्मेदारी सम्भाल रहे शिक्षक कुण्डली मारकर बैठे है। सरसँवा के ऐसे शिक्षकों की सबसे बाद में एक एक कर बिसूर बिसूर कर इस्तीफा देने की उम्मीद जताई जा रही है।