Friday, May 3, 2024
Breaking News
Home » मुख्य समाचार » भगवान विश्वकर्मा पर राजनीति करने वाले दलों के बहिष्कार का लिया गया निर्णय

भगवान विश्वकर्मा पर राजनीति करने वाले दलों के बहिष्कार का लिया गया निर्णय

चन्दौली, दीप नारायण यादव। दुलहीपुर विश्कर्मा समाज के अस्मिता संस्कृति तथा पौराणिक परंपराओं के साथ खिलवाड़ एवं भगवान विश्वकर्मा के नाम पर वोट के लिए सपा द्वारा राजनीति करने के विरोध में ऑल इंडिया यूनाइटेड विश्वकर्मा शिल्पकार महासभा के तत्वावधान में दुल्हीपुर स्थित केंद्रीय कार्यालय पर आज दिन में विश्वकर्मा स्वाभिमान बचाओ सम्मेलन संपन्न हुआ। राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक कुमार विश्वकर्मा ने कहा विश्वकर्मा समाज का सभी दलों ने सिर्फ वोट के लिए इस्तेमाल कर धोखा दिया है। राजनैतिक भेदभाव के चलते यह समाज आज भी उपेक्षित शोषित और वंचित है। उन्होंने कहा एक ओर जहां विश्वकर्मा समाज के लोग विश्वकर्मा पूजा पर्व के सार्वजनिक अवकाश सहित पौराणिक संस्कृति स्वाभिमान अस्मिता और अधिकार के लिए संघर्ष कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर कुछ तथाकथित स्वार्थ लोलुप लोग राजनैतिक स्वार्थ लाभ के लिए समाज की एकता पौराणिक संस्कृति परंपरा और स्वाभिमान को बेच रहे हैं। तथा विश्वकर्मा पूजा दिवस के नाम पर निश्चित तिथि के बाद लखनऊ स्थित सपा दफ्तर में भगवान विश्वकर्मा पूजा दिवस के नाम पर चरण रज दिवस मना कर एक ऐसे नेता की जय जयकार कर रहे हैं जो अपने पिता चाचा भाई सगे संबंधियों का भी नहीं हुआ सम्मेलन में ऐसे तथाकथित समाज को बेचने वाले स्वार्थी एवं असामाजिक तत्वों के कृत्यों की घोर निंदा की गई। सम्मेलन में योगी सरकार द्वारा विश्वकर्मा पूजा पर्व के अवकाश की मांग को अनदेखी किए जाने तथा अवकाश घोषित न किए जाने पर गहरा आक्रोश व्यक्त किया गया तथा यह निर्णय लिया गया की विश्वकर्मा पूजा का सार्वजनिक अवकाश घोषित होने तक सभी दलों का बहिष्कार किया जाएगा ।सम्मेलन में नेताओं ने कहा मौजूदा सरकार में समाज के लोगों पर जुल्म अत्याचार और अन्याय की घटनाएं चरम पर है। सरकार न्याय और अधिकार की आवाज दबा रही है जिसके लिए प्रदेश व्यापी व्यापक आंदोलन की रणनीति तय की गई। सम्मेलन में त्रिस्तरीय पंचायत चुनावो में बड़ी संख्या में समाज के लोगों को चुनाव लड़ाने का निर्णय किया गया। जिसके लिए पंचायत स्तर से लेकर संगठन का विस्तार करने का फैसला किया गया। सम्मेलन की अध्यक्षता नंदलाल विश्वकर्मा तथा संचालन राजेश कुमार विश्वकर्मा ने किया। विचार व्यक्त करने वाले लोगों में प्रमुख रुप से सर्वश्री श्रीकांत विश्वकर्मा, डॉक्टर प्रमोद कुमार विश्वकर्मा, सुरेश विश्वकर्मा, लोचन विश्वकर्मा, रमेश विश्वकर्मा, भरत विश्वकर्मा, मनोज विश्वकर्मा, रामकिशुन विश्वकर्मा, महेंद्र विश्वकर्मा, संजय विश्वकर्मा बागी जी, विष्णु विश्वकर्मा, विजयलक्ष्मी विश्वकर्मा आदि लोग मौजूद रहे।