Friday, November 29, 2024
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ई.ओ.डब्ल्यू की टीम ने केरोसिन घोटाले के अभिलेख खंगाले

डेढ़ सैकड़ा आरोपी कोटेदारों को नोटिस थमाने से मची खलबली
उरई, जन सामना ब्यूरो। राशनिंग के मिट्टी के तेल के घोटाले का घोटाले के प्रकरण में दर्ज अभियोग के विवेचनाधिकारी अपराध अनुसंधान संगठन के क्षेत्राधिकारी सोहराब आलम ने कालपी तहसील के डेढ़ सैकड़ा आरोपी कोटेदारों से पूछताछ की गई। तथा नोटिस थमा दिया है। घोटाले की विवेचना शुरू होते ही केरोसिन ऑयल घोटाले के आरोपियों में दिनभर खलबली मची रही।
विदित हो कि आपूर्ति विभाग के द्वारा 2007 व 2008 में सूखा राहत योजना का केरोसिन ऑयल शासन से थोक डीलरों को एक लाख लीटर आवंटित हुआ था। लेकिन तत्कालीन अधिकारियों की मिलीभगत से सरकारी किरासिन को उपभोक्ताओं को न बाँटकर घोटाला किया गया था। इस मामले की शिकायत की प्रारम्भिक जांच करने पर घोटाले का मामला सत्य पाया गया था। फलस्वरूप अपराध अनुसंधान संगठन की ओर से तत्कालीन अधिकारियों, थोक डीलरों तथा कोटेदारों सहित 191 नामजद लोगों के खिलाफ ई.ओ.डब्ल्यू थाने में धारा 420/467/468/471/120 बी व 3/7 आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज करके विवेचना शुरू की गई थी। उक्त प्रकरण में विवेचक एवं ई.ओ.डब्ल्यू के क्षेत्राधिकारी सोहराव आलम की टीम कालपी तहसील के सभाकक्ष में पहुँची। क्षेत्राधिकारी ने डेढ़ सैकड़ा कोटेदारों को तलब करके नोटिस थमा कर दस दिनों के अंदर बयान दर्ज करने के निर्देश दिये हैं।
थोक डीलर हुये रफूचक्कर
तहसील कालपी सभाकक्ष के अंदर आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन की टीम कोटेदारों से पूछताछ करने में जुटी हुई थी।जबकि बाहर तमाम कोटेदारों ने बताया कि हम लोगों को किसी भी योजना का अतिरिक्त मिट्टी का तेल वर्ष 2007 व 2008 में डीलरों के द्वारा नही दिया गया। शासनादेश के तहत हम लोगों को रजिस्टर एवं अभिलेख तीन वर्षों तक रखने का नियम है। पिछले अभिलेख हम लोगों के पास नही है। इस सम्बंध में कोटेदार शपथपत्र प्रस्तुत करने के लिए तैयार है। इधर ई.ओ.डब्ल्यू की टीम की भनक सुनकर किरासिन आयल डिपो के संचालक फरार हो गये।