Saturday, May 4, 2024
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माध्यमिक शिक्षा परिषद की परीक्षाओं में नकलविहीन करायी जाये सम्पादित: मुख्य सचिव

मुख्य सचिव ने समस्त मण्डलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों को माध्यमिक शिक्षा परिषद की परीक्षाओं में नकल पर प्रभावी ढंग से रोक-थाम करने और प्रश्नपत्रों की गोपनीयता भंग होने से रोकने के लिये सभी आवश्यक तैयारियां सुनिश्चित कराने के दिये निर्देश
परीक्षाओं को निर्विघ्न, शान्तिपूर्ण एवं नकलविहीन कराये जाने हेतु उपमहानिरीक्षक, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, पुलिस अधीक्षक एवं समस्त अधिकारियों के साथ बैठक आयोजित कर तैयार की जाये कार्ययोजना: राजेन्द्र कुमार तिवारी
मुख्य सचिव ने समस्त मण्डलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों को परिपत्र निर्गत कर दिये निर्देश
लखनऊ, जन सामना ब्यूरो। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री राजेन्द्र कुमार तिवारी ने समस्त मण्डलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों को माध्यमिक शिक्षा परिषद की परीक्षाओं में नकल पर प्रभावी ढंग से रोक-थाम करने और प्रश्नपत्रों की गोपनीयता भंग होने से रोकने के लिये सभी आवश्यक तैयारियां सुनिश्चित कराने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि परीक्षाओं को निर्विघ्न, शान्तिपूर्ण एवं नकलविहीन कराये जाने हेतु उपमहानिरीक्षक, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, पुलिस अधीक्षक एवं समस्त अधिकारियों के साथ बैठक आयोजित कर कार्ययोजना तैयार कर ली जाये, जिसमें परीक्षा केन्द्रों की सुरक्षा व्यवस्था, परीक्षा के दौरान सघन निरीक्षण की व्यवस्था के बिन्दुओं पर विशेष ध्यान दिया जाये। उन्होंने कहा कि परीक्षा केन्द्रों पर हाईस्कूल एवं इण्टरमीडिएट के किसी भी परीक्षार्थी के जूते एवं मोजे उतरवाकर परीक्षा न ली जाये, बल्कि परीक्षा से पूर्व ही परीक्षा कक्षों में प्रवेश के समय परीक्षार्थियों के जूते-मोजों की भलीभांति जांच अवश्य कर ली जाये, जिससे परीक्षार्थियों को किसी प्रकार की असुविधा न हो और परीक्षा की पवित्रता एवं शुचिता पर कोई प्रश्नचिन्ह न लगे।
मुख्य सचिव ने यह निर्देश समस्त मण्डलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों को उ0प्र0 माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा आयोजित वर्ष 2020 की हाईस्कूल तथा इण्टरमीडिएट परीक्षाओं को नकलविहीन तथा शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न कराये जाने हेतु परिपत्र निर्गत कर दिये। उन्होंने कहा कि परीक्षा केन्द्रों के बाहर समाज विरोधी तत्वों एवं नकल में संलिप्त वाह्य व्यक्तियों पर अंकुश लगाये जाने हेतु जिला प्रशासन द्वारा दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा-144 लागू करने तथा केन्द्रों पर सशस्त्र बल की व्यवस्था करने सहित सभी आवश्यक उपाय सुनिश्चित किये जायें। इसके साथ ही अतिसंवेदनशील परीक्षा केन्द्रों पर आवश्यकतानुसार एस0टी0एफ0 तैनात कर परीक्षायें नकलविहीन सम्पादित करायी जाये। उन्होंने परीक्षार्थियों को किसी भी प्रकार के शस्त्रादि लेकर परीक्षास्थल की परिधि में जाने की अनुमति न दी जाये तथा इसका उल्लंघन करने वाले व्यक्ति को भारतीय दण्ड संहिता की धारा-188 के अन्तर्गत दण्डित करने की कार्यवाही की जाये। उन्होंने परीक्षा केन्द्रों के आस-पास ध्वनि विस्तारक यंत्रों के प्रयोग को प्रतिबंधित करने के भी निर्देश दिये।
श्री राजेन्द्र कुमार तिवारी ने कहा कि प्रदेश सरकार माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा आयोजित हाईस्कूल/इण्टरमीडिएट में अनुचित साधन प्रयोग (नकल) की प्रवृत्ति/सम्भावनाओं पर अंकुश लगाने, परीक्षाओं की शुचिता, पवित्रता, गुणवत्ता एवं विश्वसनीयता तथा विधि व्यवस्था बनाये रखने हेतु कटिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि मण्डल/जनपद में परिषद की वर्ष 2020 की हाईस्कूल तथा इण्टरमीडिएट की परीक्षायें शान्तिपूर्ण, नकलविहीन एवं सुचारु रूप से सम्पन्न कराये जाने हेतु प्रत्येक जनपद को परीक्षा केन्द्रों की संख्या के आधार पर सेक्टरों में विभाजित कर लिया जाये तथ प्रत्येक सेक्टर में सिटी मजिस्ट्रेट/उप जिलाधिकारियों/ तहसीलदार/नायब तहसीलदार तथा जनपद स्तरीय अधिकारियों को सेक्टर मजिस्ट्रेट बनाया जाये। इसके साथ ही नियमित अनुश्रवण कर यह भी सुनिश्चित किया जाये कि परीक्षा के दौरान परीक्षा केन्द्रों का सेक्टर मजिस्ट्रेट द्वारा सतत् निरीक्षण करें। उन्होंने संवेदनशील परीक्षा केन्द्रों की केन्द्रों की पहचान अभी से कर उन्हें अतिसंवेदनशील, संवेदनशील तथा सामान्य श्रेणी में विभक्त कर अति संवेदनशील परीक्षा केन्द्रों पर स्टैटिक मजिस्ट्रेट की तैनाती के भी निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि प्रत्येक सेक्टर मजिस्ट्रेट/स्टैटिक मजिस्ट्रेट, केन्द्र पर शान्तिपूर्ण एवं शुचितापूर्ण परीक्षा कराने के लिये व्यक्तिगत रूप से उत्तरदायी होंगे तथा जिला मजिस्टेªट जनपद में परीक्षाओं को नकलविहीन एवं शान्तिपूर्ण रूप से सम्पन्न कराने में प्रभावी भूमिका का निर्वहन करेंगे।
श्री राजेन्द्र कुमार तिवारी ने कहा कि परीक्षा के दौरान विद्यालय के प्रवेश द्वार सहित प्रत्येक कक्ष में वाईस रिकार्डर युक्त सी0सी0टी0वी0 कैमरा एवं रिकार्डिंग हेतु डी0वी0आर0 तथा विद्यालय के चारों ओर सुरक्षित चहारदिवारी एवं मुख्य प्रवेश पर द्वार पर गेट की व्यवस्था अनिवार्य की गयी है। उन्होंने कहा कि परीक्षा केन्द्रों के औचक निरीक्षण के दौरान वायर रिकार्डर युक्त सी0सी0टी0वी0 कैमरा के प्रभावी रूप से कार्य करने/संचालित होने की जांच अवश्य की जाये। पारदर्शितापूर्ण, नकलविहीन परीक्ष कराये जाने एवं उसकी वेबकास्टिंग द्वारा माॅनीटरिंग किये जाने के उद्देश्य से वायस रिकार्डर युक्त सी0सी0टी0वी0 कैमरे के डी0वी0आर0 के साथ लगाये गाये राऊटर डिवाइस का परीक्षण किसी भी समय शासन एवं उच्च शिक्षा अधिकारी द्वारा किया जा सकता है।
मुख्य सचिव ने नियमित अनुश्रवण हेतु जनपद स्तर पर एक कण्ट्रोल रूम भी स्थापित करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि कण्ट्रोल रूम में प्रत्येक कम्प्यूटर पर अधिकतम 15 से 16 परीक्षा केन्द्रों के सतत निरीक्षण हेतु राजकीय विद्यालयों के दो-दो शिक्षकों की ड्यूटी लगायी जाये। निरीक्षण में परीक्षा केन्द्रों पर किसी प्रकार की अनुचित स्थिति परिलक्षित होने पर अथवा सी0सी0टी0वी0 आदि सही ढंग से कार्य नहीं करने पर उसकी सूचना तत्काल जिला विद्यालय निरीक्षण के माध्यम से सचल दलों को दी जाये। इसके साथ ही इसको दैनिक रूप से एक निरीक्षक पंजिका में भी अंकित किया जाये। उन्होंने कहा कि जनपद मुख्यालय स्तर पर बनाये गये कण्ट्रोल रूम की माॅनीटरिंग जिलाधिकारी द्वारा नामित प्रशासनिक अधिकारी द्वारा की जाये तथा किसी प्रकार से नकल में संलिप्त परीक्षा केन्द्रों के सम्बन्ध में सूचना परिषद कार्यालय के ई-मेल आई0डी0- नचउेचमगंउबमदजतम/हउंपसण्बवउ  पर भेजी जाये।
श्री राजेन्द्र कुमार तिवारी ने कहा कि परीक्षा प्रारम्भ होने के एक सप्ताह पूर्व से ही पूर्ण परीक्षा अवधि तक जिला प्रशासन द्वारा इस बात की जांच नियमित रूप से की जाये कि जनपद के परीक्षा केन्द्रों पर प्रश्नपत्रों के प्रकटन के प्रयास तो नहीं किये जा रहे हैं। इस प्रकार के प्रयास की सम्भावना को रोकने के लिये प्रभावी सुरक्षात्मक उपाये किये जाये। उन्होंने कहा कि परीक्षा केन्द्रों के निरीक्षण के दौरान सचल दल अधिकारी द्वारा यह विशेष रूप से ध्यान रखा जाये कि शान्तिपूर्वक परीक्षा दे रहे किसी भी परीक्षार्थी को अनावश्यक परेशानी न हो और न ही उन्हें किसी प्रकार से भयभीत किया जाये। किसी भी दशा में सचल/निरीक्षण दल के पुरुष सदस्य द्वारा बालिकाओं की तलाशी नहीं ली जायेगी। उन्होंने कहा कि परीक्षा अवधि में किसी व्यक्ति/व्यक्तियों द्वारा परीक्षा से सम्बद्ध किसी कार्यकर्ता के प्रति आपराधिक/धमकी भरे व्यवहार का संज्ञान प्रशासन द्वारा लेकर उसके प्रति त्वरित विधिक कार्यवाही की जाये। उन्होंने कहा कि परीक्षार्थियों के बैठने हेतु फर्नीचर की पर्याप्त व्यवस्था एवं परीक्षा अवधि में दोनों पालियों की परीक्षाओं हेतु निर्बाध रूप से विद्युत आपूर्ति की व्यवस्था सुनिश्चित करायी जाये। साथ ही परीक्षार्थियों के स्वास्थ्य सम्बन्धी किसी भी परेशानी की स्थिति में उनके उपचार हेतु स्वास्थ्य विभाग को संवेदनशील एवं सचेत किया जाये।