Thursday, May 16, 2024
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शैक्षणिक संस्थानों को तंबाकू मुक्त घोषित करने का आदेश जारी

कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। राज्य सरकार ने सभी शैक्षणिक संस्थानों को तंबाकू मुक्त घोषित करने का आदेश जारी किया है। इस क्रम में स्कूली शिक्षा निदेशक विजय किरन आनन्द ने सभी जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी कर, शिक्षण संस्थानों के 100 मीटर के दायरे में तंबाकू उत्पाद सिगरेट, खैनी, बीड़ी, जर्दा, पान मसाला आदि की बिक्री पर रोक लगाने को कहा है।
साथ ही शिक्षण संस्थानों की दीवारों पर तंबाकू मुक्त संस्थान का बोर्ड या दीवार पर इससे संबंधित संदेश लिखने को कहा है। इससे संबंधित प्रारूप भी सभी को भेजा गया है। इस आदेश को हर हाल में शत-प्रतिशत पालन करने के निर्देश दिये गये हैं।
हर महीने होगी स्थिति की समीक्षा-  मासिक बैठक में शिक्षण संस्थानों को तंबाकू मुक्त बनाने के लिए किए जा रहे प्रयासों की समीक्षा होगी। इसके तहत सभी शिक्षण संस्थानों को आदेश जारी कर सरकार के निर्देश का अनुपालन करने को कहा गया है। इसके साथ ही सरकार ने सभी संस्थान के प्रभारी को स्कूल परिसर से  100 गज की दूरी पर पीली रेखा खींचकर तंबाकू मुक्त क्षेत्र घोषित करते हुए प्रदर्शित करने को कहा है।
शिक्षण संस्थानों को परिसर में प्रवेश करने वाले छात्र, कर्मी, आगंतुक, वाहन चालक व सहायक आदि को किसी भी प्रकार के तंबाकू उपयोग पर प्रतिबंध लगाने के निर्देश जारी किए गये हैं।
सर्वे रिपोर्ट ने चौंकाया : ग्लोबल यूथ टोबैको सर्वे की रिपोर्ट के मुताबिक तंबाकू से संबंधित बीमारियों के कारण हर साल 13.5 लाख से अधिक भारतीयों की असमय मौत हो जाती है। 26.7 करोड़ वयस्क भारत में तंबाकू का उपयोग करते हैं। उत्तर प्रदेश में 5.1करोड़ लोग किसी न किसी रूप में तंबाकू का इस्तेमाल कर रहे हैं। 4.2 करोड़ लोग चबाने वाली तंबाकू जैसे गुटखा, खैनी, जर्दा आदि का प्रयोग कर रहे हैं। तंबाकू से संबंधित बीमारियों के कारण हर साल 1.9 करोड़ से अधिक  लोगों की मौत हो जाती है। भारत में 5500 बच्चे  रोजाना तंबाकू खाना शुरू करते हैं। शिक्षण संस्थाओं के पास तंबाकू उत्पादों की उपलब्धता इनके सेवन करने की शुरुआत को बढ़ावा देती है। वहीं, भारत में 13-15 आयु वर्ग के 28.6 प्रतिशत युवा तंबाकू का किसी न किसी रूप में प्रयोग कर रहे हैं। यह स्थिति बेहद चिंताजनक है। अतः परिषदीय विद्यालयों के विद्यार्थियों को उनके जीवन रक्षा के लिए किसी भी प्रकार का नशा न किए जाने एवं वो अपने परिवारजनों, अभिभावकों, मित्रों एवं परिचितों को भी इससे दूर रखने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु संबंध हेल्थ फाउंडेशन को सभी जनपदों में जागरूकता कार्यक्रम संचालित किए जाने के निर्देश भी दिए गए हैं।