Tuesday, May 14, 2024
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प्रदेश में जैविक खेती का दायरा बढ़ाने हेतु प्रत्येक जनपद में 200 एकड़ क्षेत्रफल चिन्हित किया जाये: मुख्य सचिव

प्रदेश में ही टिशू कल्चर लैब में विभिन्न प्रजातियों के ज्यादा से ज्यादा गुणवत्ता वाले पौधे तैयार करने हेतु एक सुविचारित प्रस्ताव तैयार कर शीघ्र प्रस्तुत करें: राजेन्द्र कुमार तिवारी
उद्यान विभाग द्वारा नर्सरी को राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड एनएचबी के मानकों के अनुसार अवस्थापना सुविधायें विकसित कर एनएचबी से जोड़ा जाये: मुख्य सचिव
विभिन्न विभागों द्वारा अलग-अलग गोदामों को निर्मित करने के स्थान पर एकीकृत गोदाम बनाने का माॅडल तैयार किया जाये: राजेन्द्र कुमार तिवारी
लखनऊ, जन सामना ब्यूरो। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने निर्देश दिये हैं कि प्रदेश में जैविक खेती का दायरा बढ़ाने हेतु एक कार्ययोजना तैयार की जाये, जिसमें प्रत्येक जनपद में 200 एकड़ क्षेत्रफल चिन्हित किया जाये। उन्होंने गंगा के किनारे भी जैविक नर्सरी लगाये जाने हेतु प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि प्रदेश में ही टिशू कल्चर लैब में विभिन्न प्रजातियों के ज्यादा से ज्यादा गुणवत्ता वाले पौधे तैयार करने हेतु एक सुविचारित प्रस्ताव तैयार कर शीघ्र प्रस्तुत किया जाये।
मुख्य सचिव ने यह निर्देश लोक भवन स्थित कार्यालय कक्ष के सभागार में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना की 30वीं स्टेट लेवल सेक्शनिंग कमेटी (एस0एल0एस0सी0) तथा प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना की 6वीं एस0एल0एस0सी0 बैठक में दिये। उन्होंने कहा कि उद्यान विभाग द्वारा नर्सरी का सुदृढ़ीकरण करने के साथ-साथ नर्सरी में राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड (एनएचबी) के मानकों के अनुसार अवस्थापना सुविधायें विकसित कर एनएचबी से जोड़ा जाये। उन्होंने कहा कि गत बैठकों में दिये गये निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित कराते हुये अनुपालन आख्या कृषि विभाग को प्रत्येक दशा में समय से उपलब्ध कराये। समिति द्वारा दिये गये निर्देशों/निर्णयों का परिपालन 15 दिन के अन्दर ही सुनिश्चित करने के प्रयास किये जाएं, किसी भी दशा में एक माह से अधिक का समय न लिया जाय।
राजेन्द्र कुमार तिवारी ने कहा कि विभिन्न विभागों द्वारा अलग-अलग गोदामों को निर्मित करने के स्थान पर एकीकृत गोदाम बनाने का माॅडल तैयार किया जाये, ताकि गोदामों का अधिक से अधिक उपयोग किया जा सके। उन्होंने कहा कि समस्त विभाग/संस्थाएं लाभार्थीपरक कार्यक्रमों में कृषकों को अधिक से अधिक लाभ/अनुदान का भुगतान डी0बी0टी0 के माध्यम से तेजी के साथ कराने एवं योजनान्तर्गत सृजित अवस्थापनाओं की शत्-प्रतिशत जियो-टैगिंग कराना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि आर0के0वी0वाई0 के कार्याें का निष्पादन वर्ष 2020-21 में समयबद्ध एवं तीव्र गति से सुनिश्चित कराने के साथ भारत सरकार स्तर से सम्पूर्ण मात्राकृत केन्द्रांश अवमुक्त कराने के प्रयास सुनिश्चित किये जायें।
राज्य स्तरीय स्वीकृति समिति की बैठक में कृषि, गन्ना, उद्यान, रेशम, पशुपालन, मत्स्य, यू0पी0डास्प तथा प्रदेश के कृषि विश्वविद्यालय एवं शोध संस्थाओं की वर्ष 2020-21 हेतु लगभग रू0 871.17 करोड की कुल 75 योजनाएं के प्रस्ताव पर अनुमोदन प्रदान किया गया। मुख्य सचिव ने निर्देश दिये कि आर0के0वी0वाई0 के अन्तर्गत उपलब्ध पुनर्वैध धनराशि 187.30 करोड़ रू0 की वित्तीय स्वीकृतियाॅ केन्द्राॅश एवं राज्याॅश की वित्तीय स्वीकृतियाॅ तत्काल निर्गत कराने की कार्यवाही कृषि एवं वित्त विभाग द्वारा सुनिश्चित करायी जाये।
बैठक में प्रदेश के 100 विकास खण्डों में रू0 80.14 करोड़ की लागत से 100 किसान केन्द्रों के निर्माण के प्रस्ताव को अनुमोदन प्रदान किया गया, जिसके अन्तर्गत किसानों को एक ही स्थान पर कृषि निवेश, प्रशिक्षण एवं डी0बी0टी0 की सुविधा प्राप्त होगी। बुन्देलखण्ड क्षेत्र के 07 जनपदों में 2000 लघु तालाब एवं 500 मध्यम तालाबों हेतु रू0 17.81 करोड़ की धनराशि अनुमोदित की गई, जिसके तहत तालाबों की खुदाई हेतु किसानों को 50 प्रतिशत अनुदान देय होगा। पूर्वी उत्तर प्रदेश के 16 जनपदों में हरित क्रान्ति के विस्तार की योजना हेतु रू0 70.63 करोड़ अनुमोदन प्रदान किया गया। इसी प्रकार पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 11 जनपदों में फसल विविधीकरण कार्यक्रम हेतु 42.17 करोड़ रू0, नमामि गंगे योजना के अन्तर्गत 35780 हे0 क्षेत्र में जैविक खेती के विस्तार हेतु रू0 182.47 करोड़ तीन वर्ष के लिए एवं वर्ष 2020-21 हेतु रू0
60.22 करोड़ के प्रस्ताव को अनुमोदित किया गया।
प्रदेश के गन्ना उत्पादक 44 जनपदों हेतु प्राथमिक, आधारीय पौधशाला वितरण हेतु 7.42 करोड़ रू0, प्रदेश के 30 नान एम0आई0डी0एच0 जनपदों में औद्यानिकी विकास कार्यक्रमों हेतु 38.67 करोड़ रू0, उद्यान विभाग की 23 जनपदों में स्थापित 36 राजकीय पौधशालाओं एवं प्रक्षेत्रों के सुदृढ़ीकरण एवं विकास हेतु 51.32 करोड़ रू0, पान उत्पादक 21 जनपदों में पान की खेती के प्रोत्साहन हेतु रू0 2.5 करोड़ के प्रस्ताव बैठक में अनुमोदित किये गये। प्रदेश के 15 रेशम उत्पादक जनपदों में राजकीय रेशम प्रक्षेत्रों के विकास हेतु 8.72 करोड़ रू0 अनुमोदित, पशुओं में गलाघोटू रोग की रोकथाम हेतु टीकाकरण के लिए 21.86 करोड़ रू0, मत्स्य पालन विकास कार्यक्रमांे हेतु 19.11 करोड़ रू0 के प्रस्ताव अनुमोदित किये गये।
इसी प्रकार कृषकों को उनके कृषि उत्पादन के भण्डारण की सुविधा उपलब्ध कराने हेतु 14 जनपदों में 25 सहकारी समितियों पर 250 मै0टन भण्डारण क्षमता के गोदाम निर्माण हेतु रू0 23.19 करोड़ के प्रस्ताव को अनुमोदन प्रदान किया गया। कृषक भण्डारण रशीद के आधार पर बैंकों से ऋण प्राप्त कर सकेंगे। प्रदेश के कृषि विश्वविद्यालय एवं शोध संस्थाओं तथा पशु चिकित्सा विष्वविद्यालय-मथुरा के स्तर पर शोध कार्यों के सुदृढ़ीकरण हेतु 37 परियोजनाओं के लिए 93.73 करोड़ रू0 के प्रस्ताव को अनुमोदित करते हुये यथावश्यक कार्यवाही प्राथमिकता पर सुनिश्चित कराने के निर्देश दिये गये।
बैठक में कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा, प्रमुख सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी सहित सम्बन्धित विभागों के वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।