Saturday, April 20, 2024
Breaking News
Home » मुख्य समाचार » योेग का मार्ग लोक कल्याण और खुशहाली का रास्ताः योगी

योेग का मार्ग लोक कल्याण और खुशहाली का रास्ताः योगी

2017.03.29. 8 sspcm yogi 1लखनऊ, जन सामना ब्यूरो। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि योेग का मार्ग लोक कल्याण और खुशहाली का रास्ता है। योग सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है, जिसके आधार पर गरीबी, दरिद्रता, अनाचार, दुराचार के साथ-साथ अन्य सभी समस्याओं का समाधान किया जा सकता है। उन्होंने उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य का दायित्व सौंपे जाने के लिए जनता के प्रति आभार व्यक्त करते हुए इसे एक बड़ी चुनौती बताया और कहा कि वे इस प्रदेश की 22 करोड़ जनता के हित में बड़े निर्णयों को लेने में नहीं हिचकेंगे।
मुख्यमंत्री आज यहां इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान, गोमती नगर में ‘उत्तर प्रदेश योग महोत्सव-2017’ के उद्घाटन सत्र को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए स्वामी बाबा रामदेव तथा अन्य सभी सहयोगी संस्थाओं की सराहना करते हुए कहा कि जीवन में योग और सकारात्मक सोच के माध्यम से ही आगे बढ़ा जा सकता है। श्री योगी ने योग को जन-जन तक पहुंचाने के लिए योग ऋषि बाबा रामदेव के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि उन्हें खुशी है कि वह इस कार्यक्रम में सम्मिलित हो रहे हैं।
श्री योगी ने संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा 21 जून को अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस घोषित करने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की पहल और प्रयासों की प्रशंसा करते हुए कहा कि योग दिवस से 2015 में 172 और फिर 2016 में 192 देश जुड़े। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की केन्द्र में सरकार आने के बाद भारत एक महाशक्ति और सशक्त अर्थव्यवस्था के रूप में उभर रहा है। लोगों के अन्दर एक विश्वास जगा है। उन्होंने कहा कि नोट बन्दी जैसी कार्यवाही को श्री मोदी जैसा सशक्त और ईमानदार नेतृत्व ही अंजाम दे सकता था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नई सरकार आने के कुछ ही दिनों के भीतर लोक कल्याण के लिए फैसले लिए गए हैं। यह सरकार प्रदेश को सकारात्मक ऊर्जा के साथ विकास के मार्ग पर ले जाने के लिए संकल्पित है। उन्होंने कहा कि उनका सफर एक आम नागरिक से लेकर मुख्यमंत्री पद तक रहा है। उन्हें जनसमस्याओं का पता है, जिनके समाधान का प्रयास किया जा रहा है। भारत को योग का देश बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां की संस्कृति बल और वैभव की ताकत से प्रभावित न होकर, देश व समाज की बेहतरी के लिए सतत प्रयासरत रहने की है। इस मार्ग पर यदि चलते रहा जाए, तो भारत को विश्व गुरू बनने से कोई नहीं रोक सकता।
श्री योगी ने कहा कि योग में विश्वास करने वाले लोग जाति, मजहब और पंथ के भेदभाव में यकीन नहीं रखते। इस भेदभाव को मानने वाले लोग योग में अविश्वास करते हैं और इसकी ताकत को नकारते हैं। उन्होंने कहा कि योग शारीरिक दृढ़ता के साथ-साथ मानसिक परिपक्वता को भी उजागर करता है। योग के आधार पर स्वस्थ जीवन व्यतीत किया जा सकता है और सामाजिक और आध्यात्मिक क्रान्ति लायी जा सकती है। उन्होंने योगीराज गोरक्षनाथ पीठ के प्रति भी आभार व्यक्त करते हुए अपने जीवन में उसके योगदान की चर्चा की।
स्वामी बाबा रामदेव ने कार्यक्रम में मुख्यमंत्री का अभिनन्दन और आभार व्यक्त करते हुए कहा कि अब उत्तर प्रदेश एक आदर्श प्रदेश बनेगा, जिसमें आध्यात्मिक विकास के साथ-साथ आर्थिक विकास भी होगा। उन्होंने कहा कि भारत फकीरों, ऋषियों, मुनियों, योगियों की धरती रही है। जहां पर योग धर्म के साथ-साथ राज धर्म की भी यात्रा की जाती रही है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश अब एक सकारात्मक दौर से गुजर रहा है, जहां पर समस्याओं का समाधान होगा और सबको, शिक्षा, चिकित्सा की सुविधाएं उपलब्ध होंगी। गोरक्षा होगी, अवैध बूचड़खाने बन्द होंगे। उन्होंने कहा कि श्री योगी का व्यक्तित्व सहजता, सरलता, पराक्रम और विनम्रता से भरपूर है। उन्होंने उम्मीद जतायी कि उत्तर प्रदेश की जनता की अपेक्षाओं पर राज्य सरकार खरी उतरेगी। योग को मनोबल, आत्मबल और संकल्प शक्ति का प्रतीक बताते हुए उन्होंने कहा कि योग के अलावा कल्याण का और कोई मार्ग नहीं है। रोगों की मुक्ति भी योग के ही द्वारा सम्भव है।
समारोह को मोक्षायतन संस्था के अध्यक्ष स्वामी भारत भूषण जी महाराज ने भी सम्बोधित किया। कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्यमंत्री द्वारा दीप प्रज्ज्वलन कर किया गया। मुख्यमंत्री को स्वामी बाबा रामदेव द्वारा स्मृति चिन्ह् भेंट किया गया। इस मौके पर पतंजलि योग पीठ द्वारा संचालित आचार्यकुलम् के बच्चों ने योग कला का उत्कृष्ट प्रदर्शन भी किया, जिसमें परम्परा व आधुनिकता का समावेश था।
इस अवसर पर संसदीय कार्य मंत्रीसुरेश खन्ना, प्राविधिक एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टण्डन, पतंजलि योग पीठ और उससे सम्बद्ध अन्य संस्थाएं, अनेक योग संस्थाआंे व प्रजापिता ब्रह्माकुमारी के प्रतिनिधि तथा गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।