कानपुर, जन सामना। ख्वाजा का हिंदुस्तान जिंदाबाद ख्वाजा ख्वाजा कहते हैं, हिंदुस्तान में रहते हैं । शहन्शाहे हिन्दुस्तान जिन्दाबाद,ग़रीबों के मसीहा ग़रीब नवाज़ जिंदाबाद,मुहब्बते रसूल के अलम बरदार ख्वाजा पिया जिंदाबाद के नारों की गूँज में मरकज़ी चादर को लेकर आल इन्डिया ग़रीब नवाज़ काउंसिल के ज़ेरे एहतमाम मदरसा अशरफुल मदारिस गद्दियाना से अजमेर शरीफ के लिए रवाना की गयी। इस अज़ीम चादर को लेकर आल इन्डिया ग़रीब नवाज़ काउंसिल के मिम्बरान अजमेर शरीफ के लिए रवाना हुए। इस अज़ीम चादर मुहब्बत की एक झलक पाने और उसे बोसा देने चूमने के लिए लोग बेक़रार नज़र आये, इस मौक़े पर आल इन्डिया ग़रीब नवाज़ काउंसिल के मिम्बरान ने ज़ायरीन अजमेर शरीफ़ व मिम्बरान आल इन्डिया ग़रीब नवाज़ काउंसिल को चादरे मुहब्बत हवाले करते हुए कहा कि यह अमन व अमान की चादर है। मुल्क की तरक्क़ी व खुशहाली की चादर है, हज़रत मौलाना मो0 हाशिम अशरफ़ी राष्ट्रिय अध्यक्ष काउंसिल व इमाम ईदगाह गद्दियाना ने कहा कि हिन्दुस्तान के वज़ीरे आज़म की जानिब से हर साल पेश होने वाली चादर को हम मुहब्बत की निगाह से देखते हैं। लिहाज़ा हिंदुस्तान के वजीरे आज़म को उर्से ग़रीब नवाज़ 6 रजब की छुट्टी का ऐलान करके एक और मुहब्बत की चादर पेश करना चाहिये ।हम वजीर ए आज़म हिन्द से पुर जोर मुतालबा करते हैं, कि उर्से ग़रीब नवाज़ 6 रजब को कौमी तातील के लिए हुक्म सादिर करें ।दुनिया के बड़े बड़े बादशाह ख्वाजा ग़रीब नवाज़ की बारगाह में घुटने के बल चल कर आने में अपने को खुश किस्मत समझते थे। अशरफ़ी ने कहा कि ग़रीब नवाज़ ने इन्सानियत,मानवता,भाई चारे का पैगाम दिया उन के पैगाम पर अमल करके ही तरक्क़ी और खुशहाली हासिल की जा सकती है। इस मौक़े पर मुल्क के लिए दुआएं की गयीं। मरकजी चादर रवाना करते वक़्त खास तौर से खुरशीद आलम,हाफिज मिन्हाजुद्दीन,कारी नौशाद अज़हरी,हाजी अब्दुल हमीद,हाजी हैदर अली,अकील हसन,मौलन सुहैब मिस्बाही,मौलाना कलीम अहमद, मुन्ना मिस्त्री आदि उपस्थित थे ।
Home » मुख्य समाचार » आल इंडिया गरीब नवाज काउंसिल की तरफ से अजमेर में ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह के लिए भेजी मरकज़ी चादरे मोहब्बत