Saturday, May 4, 2024
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डीएम ने संयुक्त जिला चिकित्सालय अकबरपुर का आकस्मिक निरीक्षण किया

2017.04.27 04 ravijansaamnaकानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। जिलाधिकारी द्वारा आज प्रातः 08ः50 बजे संयुक्त जिला चिकित्सालय (पुरूष/महिला) अकबरपुर का आकस्मिक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के समय अमरपाल सिंह, अपर जिलाधिकारी (वि0/रा0), मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (पुरूष) डा0 पंकज श्रीवास्तव, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (महिला) डा0 अर्चना श्रीवास्तव, उपस्थित रहे। निरीक्षण के दौरान इमरजेन्सी वार्ड के एक रूम में डा0 उमेश चन्द्रा, (वरिष्ठ परामर्शदाता) तथा अनूप कुमार निगम आराम करते पाए गए। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को निर्देशित किया गया कि सम्बन्धित का स्पष्टीकरण प्राप्त कर सचेत करें कि इसकी पुनरावृत्ति न हो। इमरजेन्सी वार्ड में निरीक्षण के दौरान डयूटी पर चिकित्सक अनुपस्थित पाए गए। सहायक द्वारा अवगत कराया गया कि चेस्ट फिजीशियन डा0 अवधेश कुमार आने वाले हैं। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को निर्देशित किया गया कि अनुपस्थित चिकित्सक के सम्बन्ध में अपने स्तर पर कार्यवाही कर कृत कार्यवाही की सुस्पष्ट आख्या 03 दिवस के अन्दर जिलाधिकारी को उपलब्ध कराये। चेस्ट फिजीशियन रूम, आॅर्थोपैडिक कक्ष आदि का निरीक्षण किया गया। परामर्शदाता रामआसरे मौर्य अपने कक्ष संख्या 125 में अनुपस्थित पाए गए। उक्त के सम्बन्ध में सी0एम0एस0 को निर्देशित किया गया कि अनुपस्थित चिकित्सक के सम्बन्ध में कार्यवाही करते हुए कृत कार्यवाही की आख्या 3 दिवस में प्रस्तुत करें। जिलाधिकारी को पैथोलाॅजी में उपस्थित चिकित्सक द्वारा अवगत कराया गया कि आज सुबह से बलगम, यूरिन के 20 सैम्पल आए हैं, जिसमें एक की जांच हो चुकी है शेष की जांच की जा रही है। उपस्थित चिकित्सकों द्वारा जांच की प्रक्रिया की जानकारी दी गयी। उपस्थित चिकित्सक एवं कर्मचारियों को निर्देशित किया कि टेस्टिंग इन्स्टूªमेन्टस को व्यवस्थित व साफ-सुथरा रखें। एक्स-रे टेक्नीशियन राजकपूर से एक्स-रे मशीन के बारे में पूछे जाने पर बताया गया कि नाॅर्मल एक्स-रे मशीन उपलब्ध है जिससे जांच की जाती है, डिजिटल एक्स-रे मशीन की आवश्यकता है। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को निर्देशित किया गया कि डिजिटल एक्स-रे मशीन हेतु प्रस्ताव शासन भेजा जाय। ब्लड कलेक्शन एवं ब्लड-बैंक के निरीक्षण के दौरान डा0 बी0पी0सिंह, लैब असिस्टेन्ट अमित सिंह, लैब असिस्टेंट अरविन्द कुमार, लैब टेक्नीशियन आशीष कुमार सिंह उपस्थित मिले। डा0 पंकज श्रीवास्तव, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक द्वारा बताया गया कि आॅटो एनाॅलिसिस यूनिट कार्य नहीं कर रही है डेढ़ माह पूर्व मशीनें आयी हैं जिसका कार्य मे0पोक्ट कम्पनी को आॅउटसोर्सिंग के माध्यम से सौंपा गया है। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को निर्देशित किया गया कि उक्त कम्पनी के बारे में पूरी जानकारी उपलब्ध कराएं तथा यथाशीघ्र यूनिट को प्रारम्भ करवाएं। ब्लड-बैंक में कुल 6 यूनिट ब्लड उपलब्ध था जिसे फ्रीजर में सुरक्षित रखा गया था। स्टाॅफ द्वारा बताया गया कि ब्लड की लिमिट समाप्त होने से 10 दिन पूर्व ही कानपुर स्थित हैलट अस्पताल से ब्लड को बदल लिया जाता है ताकि उसे खराब होने से पूर्व प्रयोग कर लिया जाए। ब्लड डोनेशन रजिस्टर का अवलोकन किया गया जिसमें 2 स्वैच्छिक ब्लड डोनेशन दर्ज पाए गए। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक व प्रभारी ब्लड-बैंक को निर्देशित किया गया कि ब्लड-बैंक का नियमित निरीक्षण करें तथा ब्लड को खराब होने से पूर्व उसको बदलने की प्रक्रिया सुनिश्चित की जाय। सेरोलाॅजी लैब के निरीक्षण के दौरान 2 फ्रीजर जो अभी हाल ही में खरीदे गए हैं खराब पाए गए। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को निर्देशित किया गया कि फ्रीजर सप्लाई करने वाली कम्पनी का विवरण तत्काल उपलब्ध कराएं तथा स्पष्ट करें कि फ्रीजर ठीक कराये जाने के सम्बन्ध में आप द्वारा अभी तक क्या कार्यवाही की गयी है। आकस्मिक अनुभाग में भर्ती मरीज सोमवती, निवासी स्वरूप पुर, रीता, अभिनव आदि से उनके रोग व इलाज की जानकारी ली गयी तथा बेहतर चिकित्सीय सेवाएं प्रदान करने के निर्देश उपस्थित चिकित्सीय स्टाॅॅफ को दिए। मरीज भर्ती रजिस्टर में 13 मरीज दर्ज पाए गए। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को निर्देशित किया गया कि डाक्टर्स की पोशाक स्वच्छ व आकर्षक दिखनी चाहिए। डाक्टर्स के अधीनस्थ स्टाॅफ जैसे सफाईकर्मी, चतुर्थश्रेणी, स्टोर कीपर, कम्प्यूटर आॅपरेटर आदि की उपस्थिति ससमय सुनिश्चित करें साथ ही अनुपस्थित कर्मचारियों पर कड़ी कार्यवाही करें। चिकित्सालय में साफ सफाई, शौचालय, पानी सप्लाई, पीने के पानी की व्यवस्था, डाक्टर्स की उपस्थित आदि पर विशेष ध्यान दें। मुख्य चिकित्सा अधीक्षिका (महिला) डा0 अर्चना श्रीवास्तव उपस्थित मिलीं। उनके द्वारा बताया गया कि कुल 10 चिकित्सक अनुमन्य हैं जिसमें से 3 चिकित्सक क्रमशः डा0 अवधेश पाण्डेय, बाल रोग विशेषज्ञ दिनांक 06.05.2017 से, डा0 शालू चावला, एनेस्थेटिक्स दिनांक 06.05.2015 से तथा डा0 नीलिमा सिंह, सर्जन 13.12.2016 से अनुपस्थित चल रहे हैं। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (म0) को निर्देशित किया गया कि स्वीकृत पदो के सापेक्ष कार्यरत कर्मचारियों विवरण तत्काल उपलब्ध कराए। इसके अलावा मशीनों तथा अन्य व्यवस्थाओं का आवश्यकतानुसार ब्यौरा बनाकर उपलब्ध करा दें। मुख्य चिकित्सा अधीक्षिका(म0) डा0 अर्चना श्रीवास्तव ने अवगत कराया कि सिंचाई हेतु पानी की विकट समस्या है 01 बोरिंग की आवश्यकता है ताकि गार्डेन की सिंचाई की जा सके। चिकित्सालय में एक बोंरिग कराये जाने हेतु अधिशासी अभियन्ता, जल निगम को पृथक से पत्र भेजा जाय। लेबररूम, स्टाॅफ डयूटी रूम, ओ0टी0 महिला, प्री-आॅपरेशन रूम, सी0एल0आर0, मेजर ओ0टी0, बेबी रूम, माइनर ओ0टी0 आदि विभागों का निरीक्षण किया गया। अवगत कराया गया कि रात्रि में कुल 8 तथा प्रातः 1 डिलीवरी हुई हैं। एस0एन0सी0यू0 विभाग के निरीक्षण के दौरान 4 बच्चे भर्ती पाए गए जिनकी बेहतर देखरेख मशीनों के जरिए की जा रही है। मुख्य चिकित्सा अधीक्षिका(म0) डा0 अर्चना श्रीवास्तव द्वारा अवगत कराया गया कि यह यूनिट 29 मार्च 2017 से प्रारम्भ हुई है जहाॅं डिलीवरी के समय बीमार बच्चों को भर्ती किया जाता है। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (पुरूष/महिला) को निर्देशित किया गया कि किसी भी दशा में अस्पताल में गन्दगी न होने पाए जिससे संक्रमण फैले। डाक्टर्स की बाॅयोमीट्रिक उपस्थित का प्रिन्टआउट प्रतिदिन अधोहस्ताक्षरी के कैम्प कार्यालय को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। अनुपस्थित रहने वाले डाक्टर्स पर कड़ी कार्यवाही करें। जो भी आवश्यकताएं हैं उनका ब्यौरा बनाकर उपलब्ध कराएं ताकि आग्रिम कार्यवाही की जा सके। हर हाल में जनपद की स्वास्थ्य सेवाएं दुरूस्त होनी चाहिए ताकि आम आदमी को परेशानी न हो।