
का निर्माण करवाया गया था। बनने के बाद काफी दिनों तक तो अस्पताल बन्द रहा लेकिन जब क्षेत्रीय लोगों ने काफी हंगामा किया तो स्वास्थ सेवाएं तमाम जरूरतों को पूरा किये बिना ही चालू कर दी गई। जिस समय सीएचसी चालू की गई थी तब बिजली कनेक्शन के साथ साथ जनरेटर भी लगाया गया था लेकिन कस्बे से एक किलोमीटर दूर होने व आसपास जंगल की वजह से जनरेटर का सामान व बैट्री चोरी हो गया था। इस समय सिर्फ बिजली की रोशनी ही एक मात्र सहारा बनी हुई है वो जब गायब हो जाती है तब बहुत परेशानी आ जाती है। वहीं इमरजेंसी सुविधा शुरू होने से अब 24 घण्टे डॉक्टर व कर्मचारी मौजूद रहते है लेकिन रात के समय बिजली न होने से अंधेरा हो जाता है जिससे रात में मरीजो का उपचार करने में डॉक्टरो को परेशानी का सामना करना पड़ता है। रात को रामपुर शिवली रोड पर बाइक फिसल जाने से मालौ चौबेपुर निवासी मनोज कुमार व विमलेश गम्भीर रूप से घायल हो गए थे जिनको 108 एम्बुलेन्स द्वारा सीएचसी ले जाया गया मौके पर मौजूद डॉ अमित सिंह फार्माशिस्ट महेशपाल व एम्बुलेन्स कर्मी ने टार्च की रोशनी से उपचार किया। वहीं शिवली कस्बे में दो पक्षो में मारपीट हो गयी उसमे घायल सुशील कश्यप को भी सीएचसी लाया गया सिर में गम्भीर चोट होने की वजह से अंधेरे में ड्रेसिंग करने में फाफी परेशानी उठानी पड़ी। अहम बात तो यह है कि किसी भी जनप्रतिनिधि द्वारा एक सोलर लाइट तक नहीं लगवाना मुनासिब समझा। डॉ अमित ने बताया कि जंगल में अंधेरे में बैठना पड़ता है किसी ने लाइट की व्यवस्था नही की है इस बारे में उच्चाधिकारियों को अवगत करा दिया गया है।