कानपुर। जीएसटी लागू होने के 4 वर्ष पूर्ण होने पर आक्रोश दिवस मनाते हुए समाजवादी व्यापार सभा ने जीएसटी को विसंगतिपूर्ण व व्यापारी विरोधी बताते हुए आज मंडलायुक्त कार्यालय में काली पट्टी बांधकर भीख मांगो प्रदर्शन किया और फिर प्रधानमंत्री के नाम सम्बोधित ज्ञापन उप मंडलायुक्त राजा राम (आईएएस)को दिया। सबने जब से जीएसटी आई है व्यापारियों की शामत आई है, भाजपा के जीएसटी राज में कटोरा आ गया हाथ में, जीएसटी के चार साल व्यापारियों के हाल बेहाल आदि नारे लगाए। नेतृत्व कर रहे समाजवादी व्यापार सभा के प्रदेश महासचिव अभिमन्यु गुप्ता ने कहा की 4 साल में व्यापारी अपने अस्तिव के लिए भीख मांग रहा है इसलिए भीख मांगो प्रदर्शन कर व्यापारियों का दर्द दर्शाया गया है। अभिमन्यु गुप्ता ने कहा की जीएसटी प्रणाली को लागू हुए 4 वर्ष हो चुके हैं, वन नेशन वन टैक्स, सरल टैक्स प्रणाली के नाम पर रात को 12 बजे जोर शोर से लागू की गई जीएसटी आज देश के लिए एक अभिशाप साबित हुई है। ठीक 4 वर्ष पहले 1 जुलाई 2017 को जब जीएसटी व्यवस्था लागू की गई थी तब व्यापारियों को प्रधानमंत्री ने दिलासा दिया गया था की सरल टैक्स प्रणाली से व्यापार को बढ़ावा मिलेगा। परंतु व्यापारी पांच स्लैब वाली जटिल जीएसटी से बहुत परेशान एवं तनाव में है। जीएसटी कॉउंसिल द्वारा अभी तक 950 से ज़्यादा संशोधन किए जा चुके हैं। यह इस बात का द्योतक है की सरकार ने जीएसटी जल्दबाजी में बिना सोचे समझे लागू की।
नोटबंदी के बाद इस जटिल और व्यापार विरोधी जीएसटी लागू होने से कई प्रतिष्ठान बंदी के कगार पर पहुंच जाने के कारण करोड़ों नौजवान बेरोज़गार हो गए।
विश्व बैंक तक ने कहा है की भारत में लागू की गई जीएसटी दुनिया मे सबसे जटिल है।कानपुर महानगर अध्यक्ष जितेंद्र जायसवाल ने कहा कि ज्ञापन के माध्यम से पेट्रोल और डीजल को जीएसटी में लाने,जीएसटी के तीन स्लैब बनाने,उत्तर प्रदेश में अभी तक लगभग 4000 करोड़ से ज़्यादा फंसे जीएसटी रिफंड को वापस करने,जीएसटी के रिटर्न एवं आयकर तथा अन्य विभागों के रिटर्न दाखिल करने की समय सीमा 30 सितंबर तक बढ़ाने,जीएसटी में पंजीकृत व्यापारी को कोरोना महामारी में कवर करते हुए 10 लाख रुपये का बीमा लाभ देने,जीएसटी पोर्टल पर होलसेलर व रिटेलर दोनों के लिए एक और कॉलम बनाने, जीएसटी पोर्टल पर निर्माता व ट्रेडर के लिए एक और कालम बनाने, जीएसटी एक्ट में जुर्माना और पेनाल्टी में से एक को समाप्त करने,बिना नोटिस कोई पेनाल्टी न लगाने,जीएसटी में गिरफ्तारी का प्रावधान हटाने आदि की मांग की गई है। अभिमन्यु गुप्ता, जितेंद जायसवाल, मनोज चौरसिया, शुभ महेश्वरी, बॉबी सिंह, अजय शुक्ला, राजेन्द्र कनौजिया, विवेक श्रीवास्तव दीपू, रियाज़ अहमद राजू, राम यादव गुड्डू, अमित पांडे बंटी, सागर साहू, प्रदीप तिवारी, रचित पाठक, अनुज अग्रवाल, मोहम्मद इरफान, मोहम्मद इरशाद, आजाद खान, सद्दाम हुसैन शकील अहमद आदि थे।