कानपुर। आज विसंगतिपूर्ण जीएसटी की वजह से व्यापार के बर्बाद होने के सम्बंध में उप जिलाधिकारी आकांक्षा गौतम को समाजवादी व्यापार सभा कानपुर ग्रामीण के जिलाध्यक्ष विनय कुमार द्वारा ज्ञापन दिया गया जिसमें जीएसटी प्रणाली को लागू हुए 4 वर्ष हो चुके हैं, वन नेशन वन टैक्स, सरल टैक्स प्रणाली के नाम पर रात को 12 बजे जोर शोर से लागू की गई जीएसटी आज देश के लिए एक अभिशाप साबित हुई है। ठीक 4 वर्ष पहले 1 जुलाई 2017 को जब जीएसटी व्यवस्था लागू की गई थी तब व्यापारियों को प्रधानमंत्री ने दिलासा दिया गया था की सरल टैक्स प्रणाली से व्यापार को बढ़ावा मिलेगा। परंतु व्यापारी पांच स्लैब वाली जटिल जीएसटी से बहुत परेशान एवं तनाव में है। जीएसटी कॉउंसिल द्वारा अभी तक 950 से ज़्यादा संशोधन किए जा चुके हैं उत्तर प्रदेश में अभी तक लगभग 4000 करोड़ से ज़्यादा जीएसटी रिफंड विभाग में फंसा हुआ है।पूंजी रिफंड में फंसी होने के कारण व्यापारी पर बैंक का कर्ज बढ़ता जाता है। अतः इनपुट टैक्स क्रेडिट (रिफंड) का समय निश्चित किया जाए और रिफंड वापस किया जाए।जीएसटी के रिटर्न एवं आयकर तथा अन्य विभागों के रिटर्न दाखिल करने की समय सीमा बढ़ाकर 30 जून 2021 तक प्रभावी की गई है, अभी लौकडाउन चल रहा है ऐसे में व्यापारी अपना तय समय में रिटर्न तैयार करने में असमर्थ है। कुछ पेनाल्टी/ब्याज लगना है या नहीं। माल के परिवहन के दौरान यदि कागज़ात में कुछ कमी अधिकारी को मिलती है तो दूर के स्थान पर अधिकारी होने पर भी वहीं उस मामले के निपटारे का प्रावधान धारा 129 में रखा गया है। जबकि व्यापारी दूसरे स्थान पर पंजीकृत होते हैं। वैट की तरह पंजीकृत वाले स्थान पर मामले का निपटारा होना चाहिए। जीएसटी में गिरफ्तारी का प्रावधान उत्पीड़नकारी व अन्यायपूर्ण है। उपरोक्त मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए जीएसटी का सरलीकरण कर व्यापारियों को राहत प्रदान करने का कष्ट करें। साथ में वरिष्ठ उपाध्यक्ष शेषनाथ यादव, महासचिव इमामुद्दीन, छोटे अली, जगदीश यादव, फौजी राकेश गौतम, आदित्य राजपूत, सौरभ कुमार पेशकार, दीपक दिवाकर आदि लोग उपस्थित थे।