ऊंचाहार पुलिस पर, अब रहम करे जिला प्रशासन
छुटपुट चोरियों का नहीं हो पा रहा खुलासा तो करोड़ों लागत की अष्टधातु मूर्ति के चोरों तक कैसे पहुंचेगी पुलिस
ऊंचाहार/रायबरेली, पवन कुमार गुप्ता। कोतवाली क्षेत्र के सलोन रोड पर मनीरामपुर स्कूल शिव मंदिर के पास प्रेमचंद गुप्ता के घर 3 जून और 4 जून 2021 की अर्धरात्रि में अज्ञात चोरों द्वारा दो स्मार्ट मोबाइल, जेवर और नगदी समेत कई चीजें चोरी कर ली गई थी जिसकी सूचना पीड़ित ने उसी दिन सुबह डायल 112 पर दे दी थी जिसके बाद डायल 112 के सिपाहियों ने आकर मौके का निरीक्षण किया और प्रार्थना पत्र लेकर चले गए उसके बाद चौकी इंचार्ज लक्ष्मी नारायण और सिपाही सुनील वर्मा ने आकर पुनः घटनास्थल का निरीक्षण किया और पीड़ित से प्रार्थना पत्र एवं मोबाइल संबंधित सारे साक्ष्य लेकर चले गए और आश्वासन दिया कि मोबाइल को सर्विलांस पर लगाकर और आपके प्रार्थना पत्र से मुकदमा दर्ज करके आपको अवगत कराया जाएगा लेकिन दो दिन तक पीड़ित को केवल आश्वासन दिया गया। लेकिन मुकदमा दर्ज नहीं किया गया जब इस पर जोर दिया गया तो चौकी इंचार्ज ने पीड़ित के घर हुई चोरी की घटना को उसी दिन हुई क्षेत्र में अन्य चोरी की घटना के साथ एक ही मुकदमा संख्या में दर्ज करने पर जोर दिया जब पीड़ित ने इससे इनकार किया तो चौकी इंचार्ज लक्ष्मीनारायण ने मुकदमा दर्ज करने में असमर्थता जताई। जिसके बाद पीड़ित ने थाने जाकर कोतवाल साहब से अपनी समस्या को बताया जिस पर कोतवाल साहब ने भी यही कोशिश की कि हम आपकी समस्या को स्वयं से देख लेंगे मुकदमा दर्ज करने का कोई औचित्य नहीं है कार्यवाही तो हमें करनी है। जब पीड़ित ने साहब से पुनः निवेदन किया तो कोतवाली प्रभारी विनोद सिंह ने मुंशी से मुकदमा दर्ज करने के लिए कहा जिसके बाद अगले दिन (घटना के 48 घंटे बाद) पीड़ित को एफ आई आर की कॉपी मिल सकी। एफ आई आर दर्ज होने के कुछ दिन बाद हलका इंचार्ज शैलेश यादव को घटना की छानबीन के लिए इंचार्ज बना कर भेजा गया जिसके बाद से हलका इंचार्ज लगभग दो बार पीड़ित के घर पर आकर घटनास्थल का निरीक्षण किया दोनों बार घर के आसपास का नक्शा कागज पर उतारे और मोबाइल एवम सिम के सारे साक्ष्य लेकर चले गए। उसके बाद से क्षेत्र में छोटी चोरियों के साथ-साथ करोड़ों लागत की अष्टधातु मूर्ति की भी चोरियां हुई और किसी का अब तक खुलासा नहीं हो सका। जिससे यह प्रतीत होता है कि बड़ी चोरी की छानबीन के दौरान क्षेत्र में 4 जून की हुई चोरी की घटना में कोई खुलासा नहीं हो पाएगा और पुलिस पीड़ितों को केवल आश्वासन ही देती रहेगी। संदेह है कि प्रशासन ने अब तक मोबाइल को सर्विलांस पर भी नहीं लगाया। लगता है कि पीड़ित को साहब की बात मान लेनी चाहिए थी शायद पीड़ित एफआईआर की कापी लेने पर जोर ना देता तो अब तक उपरोक्त चोरी की घटना का खुलासा हो गया होता।