हर बच्चे के दिमाग की रचना ईश्वर ने अलग-अलग बनाई है। कोई खूब पढ़ कर डिग्रीयां हांसिल करके भी महज़ मैनेजर की पोस्ट तक पहुँच पाते है, तो कोई आठवीं या बारहवीं कक्षा तक भी मुश्किल से पहुँच पाते है, फिर भी अपनी पसंद के क्षेत्र में अपना परचम लहरा कर माँ-बाप का नाम रोशन करते है।
ऐसी ही एक हस्ती है जिसका नाम है त्रीशनित अरोड़ा जिसने पढ़ोगे तो ही आगे बढ़ोगे उक्ति को गलत साबित कर दिया है।
त्रिशानीत अरोड़ा का पढ़ाई में बिल्कुल भी मन नहीं था, घरवाले उसके लिए काफी चिंतित रहा करते थे। लेकिन उसने छोटी सी उम्र में कुछ ऐसा कर दिखाया जो उस उम्र के बच्चे के लिए करना बहुत मुश्किल है।
लुधियाना के मध्यम परिवार में पैदा हुए त्रीशनित कम्प्यूटर के इतने दीवाने थे कि दूसरे विषयों की किताब खोलकर नहीं देखते थे। परिणाम स्वरूप वो 8वीं तक की परीक्षा पास नहीं कर सके थे। आगे मां-बाप ने खूब कोशिश की, मगर त्रिशनित नहीं मानें। फेल होने के बाद उन्होंने रेग्युलर पढ़ाई छोड़ दी और 12वीं तक की पढ़ाई कॉरेस्पॉन्डेंस से की।
उसके पिता ने उससे कंप्यूटर के बारे में पूछा कि तुम कंप्यूटर केयर में कुछ करना चाहोगे। तो वह अपनी पढ़ाई छोड़कर कंप्यूटर शिक्षा लेने के लिए जुट गए। महज 19 साल की उम्र में उन्होंने कंप्यूटर फिक्सिंग और सॉफ्टवेयर क्लीनिंग करना सीख लिया था। जिसके बाद वह छोटे-छोटे प्रोजेक्ट पर काम करने लगे। त्रिशानित साइबर सिक्योरिटी में काफी एक्सपर्ट बन चुके हैं। उनको बचपन से ही कंप्यूटर का काफी शौक था वह अक्सर अपने कंप्यूटर पर वीडियो गेम वगैरह खेला करते थे लेकिन उनके पिता इस बात से काफी चिंतित रहते थे कि वह सारे दिन कंप्यूटर पर गेम खेलते हैं। जिस कारण से उनके पिता कंप्यूटर में पासवर्ड लगा दिया करते थे लेकिन त्रिशानीत कंप्यूटर में इतने एक्सपर्ट है कि वह कंप्यूटर का पासवर्ड हैक करके गेम खेलने लग जाते थे। यह सब देख कर उनके पिता को उनसे काफी प्रभावित हुए और उन्हें एक नया कंप्यूटर ला कर दिया।
उसके बाद त्रिशानीत कंप्यूटर में इतना एक्सपर्ट हो चुके थे कि वह लोगों कंप्यूटर से जुड़े छोटे-छोटे काम करने लग गए और इसी के चलते उन्हें छोटे-छोटे प्रोजेक्ट भी मिलने स्टार्ट हो गए थे। लेकिन शायद उनको काफी बड़ा बनना था इसलिए वह लगातार मेहनत करते रहे और कंप्यूटर के बारे में और भी ज्यादा सीखते रहे। आज वह 23 साल के हो चुके हैं और भारत की बड़ी-बड़ी कंपनी जैसे रिलायंस एसबीआई बैंक एवन साइकिल उनकी क्लाइंट है। वर्तमान समय में उनके भारत में 4 ऑफिस हो चुके हैं। और उन्होंने हाल ही में एक ऑफिस दुबई में भी खोला है।
त्रिशनित हैकिंग पर ‘हैकिंग टॉक विद त्रिशनित अरोड़ा’, ‘दि हैकिंग एरा’ जैसी शानदार किताबें भी लिख चुके हैं. 23 साल के त्रिशनित आज जिस मुकाम पर है, वो बताता है कि अगर हम किसी चीज़ को लेकर जूनून रखते हैं, और पूरी मेहनत से अपने सपने की तरफ बढ़ते हैं तो हमें सफल होने से कोई नहीं रोक सकता। हर युवा के लिए आदर्श त्रीशनित अरोड़ा ने साबित कर दिया की जहाँ काम करने की चाह हो वहाँ राह खुल ही जाती है।
(भावना ठाकर, बेंगुलूरु)