Monday, November 18, 2024
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जनपद स्तरीय खरीफ कृषि उत्पादकता गोष्ठी का हुआ आयोजन

हमीरपुर। प्रमोशनल आंफ एग्रीकल्चर मैकेनाइजेशन फांर इन सीटू मैनेजमेन्ट आंफ क्राप रेज्ड्यू योजनान्तर्गत कृषक जागरूकता कार्यक्रम एवं जनपद स्तरीय खरीफ कृषि उत्पादकता गोष्ठी का आयोजन आज राजकीय महिला महाविद्यालय हमीरपुर में आयोजित हुआ। ज्ञानेश्वर त्रिपाठी जिलाधिकारी हमीरपुर द्वारा अब पछताये होत काए जब चिड़िया चुग गई खेत की कहावत के माध्यम से खेती में समय के महत्व को बताते हुये उन्होनें कहा कि कृषि वैज्ञानिको द्वारा बताये गये समय और तकनीकी जनकारी को ध्यान मे रखते हुये ही खेती करे। उन्होनें मिश्रित खेती को जोखिम कम करने वाली विधा बताया तथा मोटे अनाजो की खेती को पुनः बढ़ाने पर जोर दिया। क्योकि अब मोटे अनाजों के मूल्य भी अच्छा मिलने लगा है तथा कम पानी में भी अच्छी पैदावार हो सकती है। जिलाधिकारी द्वारा जैविक खेती पर बल देते हुये रसायन मुक्त भोजन की महत्वता पर प्रकाश डाला। उन्होनें ने विभाग द्वारा संचालित सभी योजनाओं पर प्रकाश डालतें हुये पराली प्रबंधन पर विशेष चर्चा की। उन्होनें बताया कि पराली जलाने से उपयोगी पेषक तत्वों के नष्ट होने के साथ.साथ सूक्ष्म जीवों की भी हानि होती है। साथ ही आखों में जलनए सांस लेने में दिक्कत तथा चर्म रोग क्षेत्र में बढ़ने लगते है। उन्होनें बताया कि वेस्ट डी.कम्पोजर का प्रयोग करके अच्छी खाद बना सकते हैए साथ ही उसे उपचारित करके पशु चारें के रूप में प्रयोग कर सकते है। कृषकों को अपनी फसलों की प्राकृतिक जोखिमों से सुरक्षा हेतु 31 जुलाई तक अपनी फसल का बीमा कराने का आवाहन किया। कमलेश कुमार वैश्य, मुख्य विकास अधिकारी हमीरपुर द्वारा बताया गया कि जनपद में खरीफ में प्याज की खेती का क्षेत्रफल बढ़ा है तथा किसान इससे अच्छा मुनाफा कमा रहे है। उन्होनें जल संरक्षण के महत्व पर प्रकाश डालतें हुये मनरेगा से किसी भी समय किसी भी आकार के किसान अपने खेतो पर तालाब बनवा सकते है। डा0 सरस कुमार तिवारी उप कृषि निदेशक ने कृषि विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं यथा आत्मा योजना, जैविक खेती की योजना, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन, कृषि यंत्रीकरण, इन.सीटू योजना के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुये किसान सम्मान निधि योजना के बारे में बताया कि 9वी किस्त का डाटा प्राप्त हो चुका है। जिसे सत्यापनोपरान्त शीघ्र ही भुगतान हेतु मुख्यालय को उपलब्ध करा दिया जायेगा एवं अवशेष पात्र कृषकों का पंजीकरण प्ररम्भ होते ही लाभान्वित कराया जायेगा। उन्होनें बताया कि कुरारा आर्गेनिक फर्मर प्रोड्सर कम्पनी लिमटेड़ एवं भरूआ सुमेरपुर आर्गेनिक फर्मर प्रोड्सर कम्पनी लि0 द्वारा जनपद में जैविक कृषकों द्वारा उत्पादित उत्पादों जैसे. अरहर, उर्द, मूंग, मसूर दालें एवं दलियां की विर्क्री की स्टाल लगाये गये। जिसमें स्थानीय लोगों द्वारा क्रय भी किया गया। आगे भी इस प्रकार से इनके विपणन के लिंकेज की विभाग एवं एनजीओं द्वारा प्रयास किये जा रहे है। भीमसेन, भूमि संरक्षण अधिकारी हमीरपुर प्रथम ने भूमि संरक्षण एवं जल संचयन के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुये खेत तालाब योजना के बारे में विस्तारपूर्वक जनकारी दी गयी। डा0 मुस्तफा, प्रभारी/वरिष्ठ वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा बताया गया कि कृषक भाई अपनी आय दोगुनी करने के लिए कृषि फसलों के साथ.साथ बागवानी, पशुपालन, मत्स्य एवं मुर्गीपालन, मधुमक्खी पालन कर छोटे किसान अतिरिक्त आय प्राप्त कर सकते है। जेके. ढींगरा अग्रणी जिला प्रबंधक, इण्डियन बैंक द्वारा बताया गया कि कृषकों द्वारा किसान क्रेडिट कार्ड पर समय से लेन देन तथा रिन्यूवल कराने पर 9 प्रतिशत के स्थान पर 4 प्रतिशत वार्षिक ब्याज देना होता है। डाण् जीके द्विवेदी द्वारा कार्यक्रम का संचालन करते हुये उपस्थित कृषकों को तकनीकी जानकारी भी दी गयी। कार्यक्रम में कृषि विभाग के समस्त कर्मचारी, एफपीओं के निदेशक एवं भारी संख्या में जनपद के विभिन्न विकास खण्डो से प्रगतिशील कृषक एवं महिला कृषकों द्वारा प्रतिभाग किया गया।