हमीरपुर। चंबल नदी व माताटीला बांध का पानी यमुना व बेतवा नदियो मे उफान होने से इन नदियो के तटवर्ती क्षेत्रो मे इन नदियो का रोद्र रुप दिखना शुरु हो गया है। वही दोनो नदियो के बढते रौद्र रुप से निपटने के लिए जिला व पुलिस प्रशासन ने कमर कस कर राहत व बचाव कार्य करना शुरु कर दिया। जनपद मे चंबल नदी के बाढ का पानी यमुना नदी में समाहित होने से इटावा, जालौन जिलो के साथ ही बाढ का प्रकोप शनै-शनै बढ रहा है। वही माताटीला बांध से पचास हजार क्यूसिक पानी छोडे जाने से बेतवा नदी मे बाढ का रोद्र रुप अब और दिखना शुरु हो गया है। क्षेत्रीय लोगो का कहना है कि बीते वर्ष 1977 मे बेतवा नदी मे बाढ का रोद्र रुप दिखा था। जिससे सैकडो ग्राम जलमग्न हो गये थे। वही हजारो मकानो मे क्षति हुई थी तथा हजारो एकड खरीफ की फसल क्षतिग्रस्त होने अन्नदाताओं को दो जून की रोटी के लिये काफी मशक्कत करनी पडी थी। जनपद मुख्यालय से सटे कुछेछा से बडागांव मार्ग मे वेतवा नदी की बाढ का पानी उफनाने से मार्ग अवरुध्द हो गया है। इस मार्ग के अवरुध्द हो जाने से आवागमन ठप्प हो गया है। वही क्षेत्रीय ग्रामो के लोग घरो मे कैद होने को मजबूर हो रहे है। इनका कहना है कि वे जलभराव से खेती व दैनिक कार्यो में व्यवधान हो गया है।