Sunday, November 17, 2024
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कोरोना काल में मरीजों का मददगार बना ई-संजीवनी एप

हमीरपुर। कोरोना की वजह से स्थगति चल रहीं अस्पतालों की ओपीडी सेवाओं के दौरान मरीजों के लिए ई-संजीवनी एप सही मायने में संजीवनी साबित हुआ। यह एप वैसे तो साल 2019 में लांच किया गया था, लेकिन इसका इस्तेमाल कोरोना की पहली लहर के बाद ज्यादा शुरू हुआ। एप के माध्यम से गंभीर से लेकर सामान्य बीमारियों से ग्रसित मरीजों को इस एप केमाध्यम से घर बैठे विशेषज्ञ डॉक्टरों का परामर्श और इलाज मिला। 26 अगस्त तक इस एप के माध्यम से जिले के करीब 15 हजार से अधिक मरीज खुद का उपचार करा चुके हैं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की जिला सामुदायिक प्रक्रिया प्रबंधक (डीसीपीएम) मंजरी गुप्ता ने बताया कि कोरोना की वजह से जब मरीजों को अस्पताल आने में दिक्कत थी और संक्रमण को रोकने के लिए ओपीडी भी स्थगति चल रही थी, तब ई-संजीवनी एप का इस्तेमाल खूब हुआ। इस एप को लॉन्च हुए दो साल हो चुके हैं। कोरोना काल में एप के माध्यम से अब तक करीब 15 हजार से अधिक लोगों का उपचार संभव हो सका है। गंभीर से लेकर सामान्य मरीजों तक ने इस एप का फायदा उठाया है। डीपीसीएम ने बताया कि जनपद में 62 सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) कार्यरत हैं, जो संबंधित उपकेंद्रों में इस एप के माध्यम से आने वाले मरीजों का विशेषज्ञ डॉक्टरों से परामर्श कराते हैं। मरीजों की सामान्य जांचें सीएचओ अपने स्तर से कर लेते हैं और विशेषज्ञ डॉक्टरों को मरीज की केस हिस्ट्री से अवगत करा देते हैं, जिसके बाद विशेषज्ञ डॉक्टर मरीज को परामर्श देते हैं और क्या दवाएं चलेंगी, यह भी एप के माध्यम से बता दी जाती हैं। सामान्य व्यक्ति भी इस एप को डाउनलोड करके सीधे विशेषज्ञ डॉक्टरों से संपर्क कर सकता है।

लाभान्वित होने वाले मरीजों ने दिए एप को पूरे नंबर

ई-संजीवनी एप के माध्यम से उपचार कराने वाली कुरारा ब्लाक की मुलिया का कहना है कि कोरोना के कारण जब अस्पताल नहीं जा पा रहे थे तब उन्होंने इस सुविधा का लाभ लिया। उन्हें शरीर में दर्द की शिकायत थी, जो ठीक हो गई। इसी ब्लाक के भानुप्रताप, न्यूरिया गांव के श्रीकिशन, मसगांव गांव के संतोष गुप्ता, रामनरेश, नीलेंद्र कुमार, इमिलिया की सुधा सिंह आदि भी इस एप के माध्यम से स्वास्थ्य लाभ ले चुकी हैं।

क्या है ई संजीवनी एप

 ई-संजीवनी एक डॉक्टर टू पेशेंट टेलीमेडिसिन प्रणाली है, जिसे भारत सरकार की आयुष्मान भारत योजना के तहत स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के लिए राष्ट्रीय स्तर पर तैयार किया गया है। ई-संजीवनी ओपीडी के माध्यम से कोई भी व्यक्ति ऑडियो और वीडियो के माध्यम से विशेषज्ञ डॉक्टरों से चिकित्सा सलाह और दवा ले सकता है।