अंधा मोड़ और सावधानी के अभाव में होती है दुर्घटनाएं
रायबरेली, पवन कुमार गुप्ता। लखनऊ-प्रयागराज राजमार्ग का चड़रई चौराहा जहां टोल प्लाजा भी निर्माणाधीन है अब खूनी हो चुका है। यहां पर हर रोज सड़क पर मौत तांडव करती है। शनिवार को भी इसी चौराहे पर साईकिल सवार दंपति अंधे मोड़ और यातायात की लचर व्यवस्था का शिकार होकर काल के गाल में समा गए है।
राजमार्ग का चड़रई चौराहा मार्ग दुर्घटना का हब बन गया है। रोज दुर्घटनाएं होती है और जिंदगी एक पल में खत्म हो जाती है। शनिवार को भी यहां बड़ा हादसा हुआ। जमुनापुर की ओर से आ रहे साईकिल सवार पति पत्नी जैसे ही राजमार्ग पर चढ़े कि ऊंचाहार की ओर से आ रहे एक ट्रक ने उन्हें कुचल दिया। जिससे दंपति की मौके पर ही मौत हो गई। मरने वाले दंपति राम अभिलाष व उनकी पत्नी बिट्टन देवी निवासी गांव पूरे भौरों तिवारीपुर के थे। यह लोग निजी चिकित्सक के यहां इलाज कराने गए थे। इस दुर्घटना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्ट मार्टम के लिए भेज दिया। किन्तु आसपास के लोग इस दुर्घटना को भूल नहीं पा रहे जिस प्रकार से पलक झपकते दो जिंदगियां खत्म हो गई।वह सिस्टम के लिए आम बात हो सकती है किन्तु संवेदनशील समाज के लिए पीड़ादायक और अविस्मरणीय है। तीन दिन पहले इसी प्रकार बाइक सवार दो लोग दुर्घटना का शिकार इसी चौराहा पर हुए थे। जिसमें एक युवक की मौत हो गई थी। यह एक दो दिन की बात नहीं है।इस चौराहा पर नित्य ऐसी दुर्घटनाएं आम हो गई है। किन्तु दुर्घटनाओं को रोकने के लिए न तो यातायात नियम का कोई पालन कर रहा है और न ही जिम्मेदार विभाग द्वारा कोई कदम उठाया जा रहा है। परिणाम स्वरूप बेदर्द सड़क रोज जिंदगी छीन रही है। अनुमान के अनुसार यहां पर हर साल कई दर्जन मौतें दुर्घटना के कारण होती है और अब पूरी सड़क खूनी हो चुकी है।हाल फिलहाल इसमें रोक लगने की भी कोई गुंजाइश नजर नहीं आ रही है।