Tuesday, May 7, 2024
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उबटन से त्वचा की रक्षा

उबटन लगाने से किसी प्रकार का चर्मरोग नहीं होता तथा त्वचा स्वच्छ, कोमल और स्निग्ध बनी रहती है। उबटन का प्रयोग हर मौसम में किया जा सकता है। मगर सर्दी के मौसम में उबटन लगाने से त्वचा रुखी नहीं होती है, फटती नहीं, शरीर निरोगी और कांतिमय रहता है।
उबटन में महीन पिसी सरसों, चिरौंजी, पिस्ता, मूंग, हल्दी, बेसन, जौ का आटा आदि का उपयोग किया जाता है। उबटन के लिए इनका चूर्ण लेकर पानी में घोल तैयार कर शरीर पर मालिश करनी चाहिए। इसके बाद सरसों का तेल लगाकर छुड़ा लें और स्नान कर लें।
सरसों शरीर की रक्षा करते हुए चर्म रोग, दाग-धब्बे, जूं आदि से छुटकारा दिलाकर शरीर की त्वचा में निखार आता है। सरसों का तेल लगाने से त्वचा चिकनी तथा मुलायम होती है। हल्दी का उबटन संक्रामक रोगों से मुक्ति दिलाता है। चिरौंजी का उबटन चेहरे पर लगाने से कील-मुंहासे आदि नष्ट होते हैं। मूंग, मसूर, बेसन, बादाम, पिस्ता, संतरा आदि का उबटन त्वचा को स्निग्ध, चमकदार, तथा स्वच्छ रखता है।
सरसों का उबटनः- साबुत सरसों को साफ कर उसको पानी के साथ पीस लें और इसे शरीर पर मलें। फिर तेल लगाकर उबटन छुड़ा लें और कुछ देर बाद स्नान कर लें। सरसों का उबटन लगाने से फुंसियां, दाद-खाज, उकवत आदि चर्मरोग नष्ट हो जाते हैं। इससे त्वचा कोमल और स्निग्ध बनती है।
आटे का उबटनः- आटे का उबटन बनाने के लिए जौ का आटा या चने के बेसन में पिसी हल्दी, सरसों का तेल किसी कटोरी में लेकर गरम पानी के साथ घोल बना लें। इसे पूरे शरीर, चेहरे आदि पर मालिश करें। इस उबटन से शरीर का रोमकूप खुलता है तथा त्वचा की मैल छूटती है। इससे त्वचा में क्रियाशीलता आती है।
चिरौंजी का उबटनः- चिरौंजी को मक्खन में पीसकर गाढ़ा-सा घोल तैयार कर लें और इसे शरीर पर मलें। यह उबटन चेहरे के दाग-धब्बे, मुंहासे और झाईं को दूर करने में सहायक होता है।
मसूर का उबटनः- मसूर की दाल को घी में लाल भूनकर ठण्डा कर दूध या मलाई के साथ पीस लें। इसे आप षरीर, चेहरे, हाथ आदि पर लगाएं। फिर साफ कर स्नान कर लें। इस उबटन से त्वचा फटती नहीं और उसमें गुलाबीपन आता है।
बादाम का उबटनः- बादाम की गिरी को पानी में भिगो दें। फूल जाने पर कच्चे दूध में केसर के साथ पीस लें। इस उबटन को षरीर पर लगाएं और कुछ देर बाद स्नान कर लें। इससे त्वचा चिकनी चमकदार तथा कोमल होती है। -डॉ. हनुमान प्रसाद उत्तम