ऊंचाहार/रायबरेली,पवन कुमार गुप्ता।बुधवार की दोपहर क्षेत्र के पूरे तीर गंगा घाट के पास बड़ा हादसा हुआ।सवारियों को भरकर फतेहपुर जनपद की ओर जा रही नांव,निर्माणाधीन पक्के पुल के चैनल से टकराकर नदी में पलट गई।किन्तु नांव में सवार सभी चौदह सवारियों और नाविक को सुरक्षित बचा लिया गया है । यह हादसा बुधवार की दोपहर करीब एक बजे हुआ है। ऊंचाहार क्षेत्र के पूरे तीर गंगा घाट से एक छोटी नाव कुल चौदह सवारियों को लेकर फतेहपुर जनपद के नौबस्ता के लिए जा रही थी तभी यह हादसा हुआ। बताते चलें कि इस गंगा घाट पर पक्के पुल का निर्माण बीते कई वर्षों से चल रहा है।जिसका चैनल काफी लंबा बांधा गया है।प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार जब नांव बीच धारा में पहुंची तो पक्के पुल के निर्माण के लिए लगाए गए चैनल से नांव उलझ गई।जिससे तेजी के साथ नांव पलट कर पुनः स्वतः ही सीधी हो गई। नांव पलटने से उसमें सवार नाविक समेत सभी पंद्रह लोग गंगा नदी में डूब गए।किन्तु गनीमत यह थी कि पक्के पुल के लिए बनाए गए लोहे की छड़ों में सभी डूब रहे लोग रुक गए।बाद में सभी को नदी के किनारे खड़े मल्लाहों ने बाहर निकाल लिया।इसमें एक सवारी काफी दूर तक बह गया था।उसे भी करीब सौ मीटर दूरी पर से सुरक्षित निकाल लिया गया है।नांव में चार मोटर साइकिल भी लादी गई थी।वह सभी मोटर साईकिलें गंगा नदी में बह गई है जिनका कुछ पता नहीं चल पाया है।सूचना पाकर कोतवाली प्रभारी शिव शंकर सिंह भी पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे और उन्होंने नदी से निकाले गए लोगों का प्राथमिक उपचार कराया है।गंगा नदी में डूबने वालों में राम किशोर निवासी मुहम्मदाबाद जनपद फतेहपुर की हालत गंभीर है।उसको जिला अस्पताल रेफर किया गया है,जबकि नाविक मौके से फरार हो गया है।कोतवाल ने बताया कि नांव में सवार सभी यात्रियों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। यह लोग थे नाव में सवार महेश कुमार निवासी पूरे तीर (नाविक) अश्वनी कुमार निवासी गांव खरौली, अंकित विश्वकर्मा निवासी गांव खरौली ,पूनम विश्वकर्मा निवासी गांव खरौली ,राम दुलारी निवासी गांव खंधारी पुर , शिव चरन निवासी गांव खंधारी पुर ,तारा वती निवासी गांव खंधारी पुर ,धर्मेन्द्र कुमार निवासी गांव पूरे किसुनी अरखा,विनय शंकर पांडेय निवासी जनपद फतेहपुर अचानक झटके के साथ लगा मौत की आगोश में हूं। नाव पलटने के कारण गंगा नदी में डूबे सभी लोग मौत के मुंह से निकले है।सुरक्षित बचकर नदी के तट पर आए लोगों के चेहरे पर साक्षात मौत नाच रही थी।विनय शंकर पांडेय ने बताया कि जब नाव अनियंत्रित हुई तो पहले एक पल के लिए समझ में ही नहीं आया कि हुआ क्या है ? उसके बाद हम सब पानी में थे।अपनी-अपनी जान बचाने के लिए सहारा तलाश रहे थे और पानी मुंह व नाक के शरीर में जा रहा था।यही प्रतीत हो रहा था कि आने वाला पल मौत का होगा।साथ में परिवार के दो और लोग थे।उनके बारे में भी कोई पता नहीं था।फिर अचानक एक लोहे की छड़ टकराई और उसे पकड़कर ऊपर आया तो जान में जान आयी किन्तु परिजनों का कोई सुराग नहीं लग रहा था।आंख खुली तो देखा कि लोगों को निकाला जा रहा है।जब किनारे लाया गया तब पता चला कि सभी सुरक्षित है ।