कानपुर। 1998 में बांग्लादेश में आई भयानक बाढ़ का कारण यही प्लास्टिक ही था। मुंबई के ड्रेनेज सिस्टम को प्लास्टिक ने चोक कर बाढ़ की स्थिति उत्पन्न कर दी थी, इसीलिए प्लास्टिक आज पूरी दुनिया के वातावरण को प्रदूषित कर रहा है। उपरोक्त बात सोसाइटी योग ज्योति इंडिया के तत्वाधान में राष्ट्रीय युवा हिंदू वाहिनी नीतू शर्मा के सहयोग से नशा हटाओ कोरोना मिटाओ बेटी बचाओ प्लास्टिक भगाओ अभियान के तहत आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष के परिप्रेक्ष्य में संस्था कार्यालय में आयोजित ई संगोष्ठी शीर्षक प्लास्टिक मानव सभ्यता के लिए बनता नासूर पर अंतरराष्ट्रीय नशा मुक्त अभियान के प्रमुख योग गुरू ज्योति बाबा ने कही ज्योति बाबा ने कहा की हमारी लापरवाही और कचरा प्रबंधन प्रणालियों की खामियों की वजह से पॉलिथीन या प्लास्टिक कचरा ड्रेनेज व सीवरेज सिस्टम को ठप कर देता है। वही कचरा नदियों के बहाव को रोकने का कारण बनता है, जो थोड़ी सी बारिश होते ही जगह.जगह बाढ़ की स्थिति पैदा करने में अहम भूमिका निभाता है और ज्योति बाबा ने बताया कि केंद्र सरकार ने एक जुलाई 2022 से जनहित में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए सिंगल यूज प्लास्टिक वस्तुओं के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाए जाने का निर्णय ले चुकी है। राष्ट्रीय संरक्षक डॉ आर पी भसीन ने कहा कि भारत ना केवल दुनिया के सर्वाधिक प्लास्टिक कचरा आयात करने वाले देशों में शामिल है, बल्कि यहां पर एक दिन मे बहुत बड़ी मात्रा में प्लास्टिक कचरा पैदा भी होता ह,ए मानवाधिकार वादी गीता पाल व प्रदेश अध्यक्ष नीतू शर्मा ने कहा की चिंता की बात यह है कि रोजाना निकलने वाले प्लास्टिक कचरे का लगभग आधा हिस्सा या तो नालों के जरिए जलाशयों में मिल जाता है या गैर शोधित रूप में किसी भूभाग पर पड़ा रह कर धरती और वायु को प्रदूषित करता है। संगोष्ठी का संचालन दीपक सोनकर व धन्यवाद हरदीप सिंह सहगल ने दिया।अंत में सभी को ज्योति बाबा ने प्लास्टिक का उपयोग ना करने की शपथ दिलाई ।