Sunday, November 17, 2024
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अत्यंत गरीबी के कारण बेटे के शव को कंधा न दे सके लाइव देखा अंतिम संस्कार

हाथरस व्यक्ति के मानव अधिकारों के संरक्षण और संवधर्न का कार्य कर रही एसोसिएशन अफ डेमोक्रेटिक ह्यूमन राइट्स संस्था अज्ञात शवों के धामिर्क रीति-रिवाज से दाह संस्कार के लिए भी कार्य कर रही है। एक युवक के शव का दाह संस्कार एडीएचआर की देखरेख और समाजसेवी सुनील आर्य के नेतृत्व में किया गया। जिसके दाह संस्कार की व्यवस्था मे सुनील अग्रवाल अध्यक्ष निस्वार्थ सेवा संस्थान का पूर्णरूपेण सहयोग रहा। एक 18 वार्ष्णेय युवक हाथरस जंक्शन पुलिस को ग्राम भोपतपुर के निकट रेलवे लाइन पर मृत अवस्था में मिला, जिसके सिर पर गंभीर घाव थे, अनुमानित है वह रेल से गिरा था। युवक की जेब से जो आधार कार्ड मिला उसमें युवक का नाम सुशांत सोरेन निवासी उत्तर दिनाजपुर पश्चिम बंगाल लिखा हुआ था। हाथरस जंक्शन पुलिस ने पश्चिम बंगाल पुलिस से उपरोक्त पते पर सूचना भिजवाई लेकिन युवक के परिवार के बहुत ज्यादा गरीब होने के कारण वह आने में असमर्थ रहे और बार-बार हाथरस पुलिस से निवेदन करते रहे पया उसका अंतिम संस्कार करा दें और हमको उसके लाइव दर्शन करवा दें। 72 घंटे तक शव को पोस्टमाटर्म हाउस में रखा गया, उसके बाद पुलिस द्वारा पोस्टमाटर्म कराया गया। उसके उपरांत पुलिस द्वारा समाजसेवी सुनीत आयर् व प्रवीन वार्ष्णेय से शव के अंतिम संस्कार के लिए अनुरोध किया गया। समाजसेवियों द्वारा उपरोक्त शव का धामिर्क रीति रिवाज से अंतिम संस्कार पत्थर वाली स्थित श्मशान घाट पर किया गया। युवक के अंतिम संस्कार को मोबाइल से लाइव उस परिवार को दिखाया गया। वहां पर पूरा गांव एक जगह इकट्ठा होकर संस्कार को देख रहा था। जवान युवक के जाने से उसके घर में बहुत करुण क्रंदन मातम हो रहा था।अंतिम संस्कार में सुनील अग्रवाल अध्यक्ष निस्वार्थ सेवा संस्थान, प्रवीन वार्ष्णेय राष्ट्रीय महासचिव एसोसिएशन अफ डेमोक्रेटिक ह्यूमन राइट्स, समाजसेवी सुनील आर्य, प्रशांत कौशिक, नितिन अग्रवाल, आयोग दीपक, सुरजीत कुमार काली, जितेंद्र कुमार, बंटी भाई कपड़े वाले एवं कांस्टेबल श्रीकांत एवं होमगार्ड प्रेमपाल सिंह मौजूद थे।