हाथरस।जिले में सबसे अधिक धान होने के बाद भी क्रय केंद्रों पर धान की खरीद का लक्ष्य पूरा नहीं हो पा रहा है। इसके लिए अब अधिकारियों ने गांव की ओर दौड़ना शुरू कर दिया है। लक्ष्य के सापेक्ष अभी करीब 3000 क्विंटल ही धान की खरीद हो सकी है।
जिले में 19 क्रय केंद्र बनाए गए
धान की खरीद के लिए जिले में 19 क्रय केंद्र बनाए गए हैं। इन पर पिछले एक अक्टूबर से खरीद भी शुरू हो चुकी है। अभी तक इन केंद्रों पर करीब 3000 क्विंटल धान की खरीद की गई है। कुछ केंद्रों पर तो अभी भी धान नहीं पहुंचा है। जिले में सबसे अधिक धान की फसल होती है। उसके बाद भी धान के लिए क्रय केंद्रों को तरसना पड़ रहा है। इसका कारण यह है कि बासमती प्रजाति का होता है। क्रय केंद्रों पर मोटा धान खरीदा जाता है। इसकी फसल जिले में कम होती है। बासमती प्रजाति का धान जिले में करीब 23 हजार हैक्टेयर में होता है।
कैसे पूरा हो 3000 मीट्रिक टन का लक्ष्य
धान की खरीद हर साल सरकार द्वारा क्रय केंद्रों के माध्यम से की जाती है। इन केंद्रों पर मोटा धान खरीदा जाता है। इसके लिए सामान्य धान 1940 रुपये व ए ग्रेड धान का 1960 रुपये प्रति क्विंटल मूल्य निर्धारित किया गया है। जिले में इस बार 3000 मीट्रिक टन धान की खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। पिछले साल की अपेक्षा निर्धारित लक्ष्य में करीब 1500 एमटी टन और बढ़ा दिया गया है।
धान के लिए गांव की ओर दौड़े अधिकारी
धान की खरीद का लक्ष्य पूरा करने के लिए अधिकारियों द्वारा क्रय केंद्रों पर निरीक्षण किया जा रहा है। धान का लक्ष्य पूरा करने के लिए अधिकारी अब गांव की ओर दौड़ने लगे हैं। किसानों को पंजीकरण कराकर धान क्रय केंद्रों पर लाने के लिए जागरूक किया जा रहा है। सोमवार को सुबह ही सादाबाद स्थित एक क्रय केंद्र का निरीक्षण कर डिप्टी आरएमओ शिशिर कुमार ने आवश्यक दिशा-निर्देश संचालकों को दिए।