ऊंचाहार/रायबरेली, पवन कुमार गुप्ता। नवागंतुक सीएचसी अधीक्षक की कार्यशैली से परेशान महिला स्वास्थ्यकर्मियों ने सीएचसी अधीक्षक पर मानसिक,रूप से प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए कार्य बहिष्कार का ऐलान किया गया।हालांकि स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी के मान-मनौव्वल के बाद महिला स्वास्थ्यकर्मी शांत हुई।जिसके बाद चयनित कैंप मे पहुंचकर कोविड टीकाकरण का कार्य किया गया। मंगलवार की सुबह करीब आठ बजे कोविड टीकाकरण को लेकर सभी महिला स्वास्थ्य कर्मी सीएचसी पहुंच गई।जिसके बाद कार्यक्षेत्र तक आने जाने के लिए वाहन ना मिलने को लेकर कार्य बहिष्कार का ऐलान कर दिया।कुछ देर बाद सूचना पर स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी डॉ. शुभकरन सीएचसी पहुंचे।महिला स्वास्थ्य कर्मियों ने बताया कि उन्हें रिक्त सेंटरों पर टीकाकरण की जिम्मेदारी दी जाती है। लेकिन उन गांवों तक जाने के लिए वाहन नहीं दिया जाता।सुबह आठ बजे ड्यूटी के लिए निकलने के बाद रात नौ बजे तक ही वह वापस लौट पाती है।महिला होने के नाते रात्रि के समय उन्हें अनहोनी का खतरा भी बना रहता है।जिसके बाद लक्ष्य पूर्ण ना होने की बात कहकर उनका वेतन भी काट दिया जाता है।ट्रेनर फार्मासिस्टों ने बताया कि उनका प्रशिक्षण का सुबह 9:00 बजे से दोपहर 2:00 बजे तक का है। लेकिन अधीक्षक द्वारा प्रशिक्षण ना कराकर उन्हें क्षेत्र में कोविड-19 पंजीकरण सत्यापन के लिए भेज दिया जाता है।जिसके कारण वापस लौटने में उन्हें भी रात्रि के नौ बज जाते हैं। इस बाबत सीएचसी अधीक्षक डॉ. मनोज कुमार शुक्ला ने बताया कि यह हमारे परिवार का मामला है।वाहनों को लेकर महिला स्वास्थ्य कर्मी नाराज हुई थी।उनके साथ बैठकर जल्द ही मामले को सुलझा लिया जाएगा।बताते चलें कि अधीक्षक साहब के इस पारिवारिक मामले से मरीजों के स्वास्थ्य की देखभाल करने में भी लापरवाही नजर आती है।इस परिवारिक नाराजगी के चलते कई मरीज समय पर इलाज मिलने से वंचित भी रह जाते हैं।