Sunday, September 22, 2024
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खाद्य सामग्री की महंगाई से रेस्टोरेंट में भी बिगड़ा खाने का जायका

पवन कुमार गुप्ता,रायबरेली:  बेकाबू हुई महंगाई को लेकर देशभर में हल्ला मच रहा है। आम आदमी महंगाई की मार झेल रहा है।इसका असर हर घर की रसोई तक पहुंच गया है।हर रोज उपयोग की खाद्य सामग्री के दामों में बढ़ोतरी से घरों की रसोई का बजट गड़बड़ा गया है।ज्यादातर ग्रामीण स्तर पर मजदूरों और ग्रामीणों में इस महंगाई का अच्छा खासा असर हुआ है जहां पर दिहाड़ी मजदूरों को एक टाइम का तड़का लगाने के लिए भी खाद्य तेल लेने के लिए सोचना पड़ता है।वहीं सरकारें अपना राग अलाप रहीं हैं।उनकी नजर में हर आदमी अमीर हो चुका है।खाद्य तेलों में कुछ महीनों में 20 से 30 रुपए प्रति किलो की तेजी आई है। ग्रामीण स्तर पर व्यापारियों का कहना है कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में चल रही उथल-पुथल के कारण खाद्य तेलों में तेजी आई है।लगातार पेट्रोल व डीजल के भावों में वृद्धि भी महंगाई का एक कारण है क्योंकि जब ट्रांसपोर्ट का भाड़ा महंगा हो जाएगा तो आने वाली सामग्रियां भी कुछ रुपए तक स्वतः ही महंगी हो जाएंगी।बता दें कि खाद्य सामग्री में बढ़ी हुई महंगाई से घर की रसोई का बजट तो बिगड़ा ही है कहीं-कहीं पर इसका असर रेस्टोरेंट्स के खाने पर भी देखने को मिल रहा है जहां पर रेस्टोरेंट के खाने में भी शुद्ध तेल का तड़का और बनने वाली डिश में जरूरी सामग्री ना पडने से खाने का स्वाद बिगड़ रहा है।यह विचार तब उत्पन्न हुआ जब आज बाजार में अलग-अलग जगह से अलग-अलग डिश बनवाकर खाई गई तो उन सभी होटल,ठेले,रेस्टोरेंट इत्यादि के पुराने स्वाद में और आज के स्वाद में जमीन और आसमान का अंतर दिखा।हालांकि यह भी बता दें कि यह दुकाने वही हैं जिन्हें दूरदराज के लोग भी स्वाद के मामले में एक दूसरे से पुनः उसी दुकान पर जाने के लिए अपने विचार साझा करते रहते हैं।आज जब रायबरेली से ऊंचाहार रोड पर खुले वृंदावन फूड प्लाजा में एक डिश खाने पर,ठेले पर मिलने वाली सामग्री के जैसा भी जायका नहीं मिल सका।बता दें कि बनवाई गई डिश में पडने वाली उपयोगी सामग्री भी नहीं डाली गई।संचालक से पूछने पर उसने तरह-तरह के बहाने बताएं और कहा कि अगली बार फिर से खाइएगा तब आपको समझ में आएगा।संचालकों का तो यहां तक कहना है कि आपको अगर हमारे यहां के खाने का स्वाद नहीं पसंद आता है तो आप दूसरी जगह से खाया करें।खाद्य सामग्री में बढ़ती महंगाई से खाद्य विभाग भी रेस्टोरेंट पर गुणवत्ता की जांच नहीं कर रहे हैं जिसका नतीजा यह है कि रेस्टोरेंट में जैसा बना कर दिया जाए वैसा ही ग्राहकों को खाना पड़ेगा।गौर करने वाली बात यह है कि आज इस महंगाई के दौर में सभी ने अपना फायदा अपने तरीके से निकालना शुरू कर दिया है यहां तक कि तमाम ऐसे उत्पाद हैं जिनके दाम तो नहीं बढ़े हैं,लेकिन कंपनियों ने बड़ी चालाकी से उन उत्पाद का वजन कम कर दिया है।वहीं होटल,रेस्टोरेंट,ढाबा संचालकों ने भी चाय-नाश्ता,मिठाई इत्यादि का भी रेट कुछ फ़ीसदी बढ़ा दिया है।