Thursday, November 28, 2024
Breaking News
Home » मुख्य समाचार » टिम्बर पर मंडी शुल्क वापिस लेने की मांग

टिम्बर पर मंडी शुल्क वापिस लेने की मांग

 हाथरस। एक देश एक कर के विपरीत प्रदेश में पुनः टिम्बर कारोबारियों पर मंडी शुल्क लागू करना पूरी तरह अवैधानिक है। जिसे टिम्बर कारोबारी किसी भी कीमत पर मंजूर नहीं करेंगे और पुरजोर विरोध कर इस काले कानून को वापस लेने के लिए सरकार को विवश करेंगे। उक्त बातें हाथरस टिंबर मर्चेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष चौधरी रामकुमार वर्मा व सचिव ललतेश गुप्ता ने व्यक्त करते हुए कहां है कि उत्तर प्रदेश में उत्तर प्रदेश मंडी परिषद ने पूर्व में प्रदेश सरकार द्वारा मंडी के बाहर लगने वाले मंडी शुल्क को हटा दिया था। जिसको पुनः बहाल किए जाने हेतु आदेश जारी किया गया है जो कि सरासर अन्यायपूर्ण है और व्यापारी वर्ग पर इंसपैक्टर राज लागू करने वाला है। कृषि उत्पादन का व्यापार करने वाले व्यापारियों पर अनावश्यक बोझ बढ़ेगा। वहीं आम जनमानस पर भी महंगाई की मार पड़ेगी। उन्होंने कहा है कि वैसे ही पिछले 2 वर्षों से सभी व्यापारी और कोरोना महामारी के चलते त्रस्त और परेशान हैं। इस सबके चलते सरकारी तुगलकी आदेश का व्यापारी समाज प्रत्येक स्तर पर विरोध करेगा। उन्होंने कहा है कि जीएसटी लागू होने के बाद से ही टिम्बर कारोबारी एक देश एक कर के अंतर्गत मंडी समाप्त करने को लेकर आंदोलनरत थे तो पुनः इस काले कानून को किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जाएगा और इसके लागू होने के विरोध में टिम्बर कारोबारी अपने प्रांतीय नेतृत्व के आह्वान के साथ-साथ स्थानीय स्तर पर भी आंदोलन करेंगे और मंडी समिति के मंडी शुल्क को सहन नहीं किया जाएगा। क्योंकि सरकार आज तक किसी भी आरटीआई में स्पष्ट नहीं कर सकी है कि लकड़ी कृषि उत्पाद है या वन उपज है। इसी के चलते लकड़ी कारोबारियों को दो-दो विभागों को झेलना पड़ता है। वहीं विदेशी लकड़ी पर भी मंडी शुल्क पूरी तरह गलत है।