Thursday, March 28, 2024
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तम्बाकू निषेध दिवस पर नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया गया

2017.05.31 05 ravijansaamnaकानपुर, जन सामना संवाददाता। कानपुर फूलबाग स्थित गाॅधी प्रतिमा के पास मानवाधिकार सुरक्षा एंव संरक्षण आर्गनाइजेशन द्रारा तम्बाकू निषेध दिवस पर नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया गया। इस नाटक के द्रारा जनता को तम्बाकू के सेवन से होने वाले नुकसानों के प्रति जागरूक किया गया। सरकार को भी चेताया गया कि सिर्फ भारी राजस्व के लालच में जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ न करें और तम्बाकू उत्पादों पर प्रतिबन्ध लगाने का प्रयास करें। सस्था के राष्ट्रीय महामंत्री तपन अग्निहोत्री ने कहा कि हम प्रत्येक वर्ष 31 मई को तम्बाकू निषेद दिवस पर लोगों को जागरूक करने का प्रयास तो करते है लेकिन उचित कार्यवाही की जब बात आती है। तब सरकार की उदासीनता सामने आ जाती है, यह मामला भी ठण्डे बस्ते में चला जाता है। आखिर तम्बाकू निषेद दिवस को पूरे देश में मनाया जाता है फिर भी इसका सेवन क्यो होता है? सरकार द्रारा ही उन तम्बाकू व उनके उत्पात बनाने वाले कारखानों को अनुमति क्यों दी जाती है। सरकार का ये दोहरा रवैया हमारे तो बिल्कुल समझ के परे है। सरकार सिर्फ दिवस मनाना जानती है या फिर सरकारी पैसे से सरकारी विज्ञापन को दिखाने तक ही सक्रिय है। कानपुर नगर प्रभारी विनोद वर्मा ने बताया कि सरकार द्रारा कई तरह के सर्वे कराये जाते है और रिपोर्ट भी आती है। उस पर कोई उचित कार्यवाही के नाम पर खानापूर्ति होती है। अन्तराष्ट्रीय वयस्क तम्बाकू सर्वेक्षण के मुताबिक भारत कि 36.6 प्रतिशत आबादी को तम्बाकू की लत है इसमें से 47.9 प्रतिशत आबादी पुरुषों की है महिलाओं में आकड़ा 20.3 प्रतिशत है। धुआँ रहित तम्बाकू (खैनी जर्दा गुटका) इस्तेमाल करने वालो की संख्या 40 प्रतिशत से अधिक है। देश में 32.9 प्रतिशत पुरुष 18.4 प्रतिशत महिलायें धुये रहित तम्बाकू का सेवन करती है इसमें से स्कूली बच्चों की संख्या भी काफी है जो कि चिन्ता का विषय है छावनी वरिष्ठ उपाध्यक्ष जितेन्द्र बाल्मीकि ने बताया की विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के मुताबिक तम्बाकू के इस्तेमाल से होने वाली बीमारियों के कारण भारत में प्रत्येक वर्ष 10 लाख लोगों की मृत्यु हो जाती है। तम्बाकू के इस्तेमाल से विश्व के लगभग 50 लाख लोगों की मृत्यु हो जाती है दुनिया में होने वाली हर पाॅच मौतों में से एक मौत तम्बाकू सेवन से होती है। 2030 तक तम्बाकू उत्पादों के इस्तेमाल के कारण होने वाली मौतों का आकड़ा सालना 1 करोड़ हो जायेगा। भारतीय चिकित्सा अनुसंधाना (आइ०सी०एम०आर०) कि रिपोर्ट में इस बात का खुलासा किया गया है। कि पुरुषों में 50 प्रतिशत महिलाओं में 25 प्रतिशत कैसर की वजह तम्बाकू है। इसमें से 90 प्रतिशत मुख का कैसर है। मुँह के कैसर के रोगियों की संख्या भारत में है। इस तरह से तम्बाकू के खतरे को नजरअंदाज करना न सिर्फ भयानक होगा बल्कि आत्मघाती भी होगा इन सभी रिपोर्ट के बावजूद सरकार के रवैया में कोई गिरावट दर्ज नही हो रही है। बल्कि सरकार प्रतिवर्ष करोड़ो की कमाई इसके राजस्य से करती है। मानवाधिकार सुरक्षा एंव संरक्षण आर्गनाइजेशन सरकार को इस तरह की संवदेनहीनता वाले रवैया की कठोर निंदा करती है। यदि सरकार ने इस पर कोई ठोस कदम नही उठाया तो संस्था तम्बाकू उत्पादों के रोक के लिए आन्दोलन करेगी जिससे लाखों लोगों की जिंदगी बचायी जा सके और वास्तव में तभी इस दिन को मनाने का सही मायने पूरा होगा। कलाकार अंकित राय अनुराग कुशवाहा, समीर मोही, सत्यम वर्मा, समर शुक्ला, अतुल गौतम, तुषार सिंह ने नाटक का मंचन किया। इस मौके पर सुरेश सिंह, प्रीति, शशी शुक्ला, विजय निगम, प्रकाश वर्मा, राजकमल, विजय सिंह आदि लोग मौजूद रहे।