Sunday, September 22, 2024
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प्रधानमंत्री आवास योजना की हकीकत, यहां जुम्मन के घर में फूटी आज भी रकाबी है 

‘ तुम्हारी फाइलों में गांव का मौसम गुलाबी है , मगर ये आंकड़े झूठे है , ये दावा किताबी है।
तुम्हारी मेज चांदी की ,तुम्हारे जाम सोने के,
यहां जुम्मन के घर में फूटी आज भी रकाबी है’
ऊंचाहार/रायबरेली,पवन कुमार गुप्ता। प्रख्यात शायर अदम गोंडवी की ये चार पंक्तियां प्रधान मंत्री आवास योजना के हालात पर भरपूर असर डालती है।गरीबों को छत मुहैया कराने की सरकार की योजना पर किस तरह सियासत हुई है इसकी हकीकत गांवों में मौजूद वो झोपड़ियां है और ठंड से ठिठुरते वो गरीब परिवार है , जिन्हें आज तक एक छत मयस्सर नहीं हुई है। सरकारी दावे कितने भी बड़े हो किन्तु ये झोपड़ियां उन दावों की पोल खोल रही है। सरकारी फाइलों में हर गरीब को छत सुलभ करा दिए जाने की लंबी फेहरिस्त है तो गांवों में मौजूद झोपड़िया सरकारी दावों का जीता जागता प्रमाण है। क्षेत्र के गांव मदारीपुर पहुंचने से पहले सड़क के किनारे तीन झोपड़ियां और उसमे जीवन यापन कर रहे गरीब शीतला प्रसाद और रामगरीब का परिवार आज भी बेबस भरी जिंदगी जीने को विवश है। सर्दी की बरसात का कहर क्या होता है ? यह बात यह परिवार ही समझते है । इनकी झोपड़ी में एक चारपाई तक नहीं है और जब बरसात का पानी रात में झोपड़ी के अंदर प्रवेश करता है तो छोटे बच्चो को गोद में लेकर पूरी रात अपनी गरीबी पर रोने के अलावा इनके पास कोई चारा नहीं है।
बदतर जीवन जीने को विवश हैं कई परिवार
बदहाली की यह दास्तां केवल एक गांव की नहीं है। यह हालात करीब करीब हर गांव में है। क्षेत्र के पिपरहा गांव के ओम प्रकाश टिन शेड के नीचे जीवन यापन कर रहे है। जबकि इसी गांव के राम सुमेर भी किसी तरह टिन शेड के नीचे जीवन बसर कर रहे है। यह हालत उस ग्राम पंचायत की है जो तहसील की बड़ी ग्राम पंचायतों में से एक है । इसके साथ ही और भी कई ऐसी ग्राम पंचायतें हैं जहां पर लोग प्रधानमंत्री आवास योजना, शौचालय, यहां तक कि राशन कार्ड से भी वंचित है। जिन्हें इन योजनाओं की जरूरत है उन्हें इनका लाभ नहीं मिल रहा और जिन्हें इन योजनाओं के लाभ से कोई मतलब नहीं वह इसका उपभोग कर रहे हैं।
ऊंचाहार ब्लाक के सरकारी दावे:-
विगत पांच सालों में दिए गए कुल आवास – 3363
चालू वित्तीय वर्ष दिए गए आवास -586
दूसरी किस्त निर्गत -579
तीसरी किस्त निर्गत -509
अपूर्ण आवास – 77

ऊंचाहार ब्लॉक के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायतो में अधिकांश ऐसे परिवार हैं जिन्हे आज भी नहीं मिला PM आवास, झुग्गी-झोपड़ी में रहने को मजबूर हैं लोग, केंद्र की मोदी सरकार भले ही आवास योजना चला रही हो, लेकिन जनपद के ऊंचाहार क्षेत्र में आज भी कई गरीब परिवार ऐसे हैं, जिन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं मिला है।