Thursday, November 28, 2024
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अहम मुद्दों से भटक रहे प्रत्याशी, नए कार्यों और विकास को ही चुनाव में दी जाए प्राथमिकता

ऊंचाहार से भाजपा प्रत्याशी का विस्तृत परिचय जानने के लिए बेताब है क्षेत्रीय जनता

रायबरेली,पवन कुमार गुप्ता। उत्तर प्रदेश विधानसभा 2022 की चुनावी तारीखों की घोषणा हो चुकी है। मतदान की तारीखें भी नजदीक आ रही हैं। सभी पार्टियों ने हर विधानसभा से अपने अपने प्रत्याशी भी उतार दिए हैं । बताते चलें कि जनपद की ऊंचाहार विधानसभा की सीट अधिकतर सभी नेताओं के लिए बहुत ही खास मायने रखती है। कोई भी नेता हो वह चाहता है कि किसी भी पार्टी से हो लेकिन उसे जनपद की ऊंचाहार सीट से ही टिकट मिले। क्योंकि राजनीतिज्ञ लोग ऐसा भी मानते हैं कि क्षेत्र में एनटीपीसी परियोजना के होने से यहां पर इतना प्रकाश है कि किसी भी नेता की कुर्सी को जगमग होने में यानी चमकने में बहुत कम समय लगता है और वह प्रदेश तक की राजनीति करने लगता है।
वर्तमान में ऊंचाहार विधानसभा की सीट से समाजवादी पार्टी ने ऊंचाहार से ही पूर्व में दो बार रह चुके विधायक डॉ मनोज कुमार पांडे को अपने प्रत्याशी के रूप में उतारा है। बहुजन समाजवादी पार्टी ने नई युवा प्रत्याशी अंजली मौर्य को इस सीट से प्रत्याशी बनाया है वहीं कांग्रेस ने भाजपा के बागी कद्दावर नेता और क्षेत्र में लोकप्रिय अतुल सिंह को टिकट देकर क्षेत्र के राजनीति के माहौल में नया परिवर्तन ला दिया था। परंतु सबसे चौंकाने वाली बात यह हुई है कि भारतीय जनता पार्टी ने ऊंचाहार विधानसभा की सीट से अपने पुराने जमीनी नेताओं को दरकिनार करते हुए किसी अन्य जनपद से अपना प्रत्याशी अमर पाल मौर्य को उतारा है।

मतदाता चुनाव चिन्ह ही नहीं प्रत्याशी का चेहरा भी देखना चाहता है

क्षेत्र की आम जनता में कोई भी भाजपा प्रत्याशी के नए चेहरे से परिचित नहीं है। सोशल मीडिया से जुड़े लोग या फिर भाजपा कार्यकर्ताओं को छोड़कर सभी लोग भाजपा प्रत्याशी को अनजान चेहरा बता रहे हैं । यहां तक कि कई मीडिया बंधुओं ने गांव में चौपाल लगाई हैं गांव में चुनावी चर्चाएं भी की जिसमें यही देखने को मिला कि अधिकतर मतदाता अभी तक यही इनकार कर रहा है कि भाजपा के प्रत्याशी को हम जानते ही नहीं। हालांकि नामांकन के अगले दिन से ही भाजपा प्रत्याशी अमरपाल मौर्य एक योजनाबद्ध तरीके से क्षेत्र के गांव का दौरा कर रहे हैं । हो सकता है कि जिन गांव का वह भ्रमण कर चुके हैं उस गांव से जुड़े लोग वहां के लोग उनसे अब परिचित हो चुके हों लेकिन ऊंचाहार क्षेत्र की अधिकतर ग्रामीण जनता उनकी राह अब भी देख रही है। राष्ट्रीय पार्टी द्वारा क्षेत्र में नए प्रत्याशी को उतारे जाने के बाद अभी तक उनके प्रत्याशी स्थानीय पत्रकारों से रूबरू नहीं हो सके हैं।
मीडिया के सवालों से आखिर क्यों बचना चाह रहे हैं भाजपा के नए चेहरे। क्या अपना विस्तृत परिचय भी जनता के सामने रखना उनके लिए जरूरी नहीं। क्या भारतीय जनता पार्टी को अपने केंद्र में सत्ता होने का नाज है जिसके बलबूते पर वह केंद्र की योजनाओं के लाभान्वित हुए लोगों से अपने प्रत्याशी को जिताने में कामयाब हो जाएंगे। पार्टी द्वारा किसी नए चेहरे को इस सीट पर उतारने का मकसद क्या है। पार्टी इस सीट को या तो जीतना नहीं चाहती है या फिर जातिगत समीकरण के आधार पर कुछ नया करना चाहती है। भाजपा प्रत्याशी की फेसबुक व्हाट्सएप टि्वटर अकाउंट में दिन प्रतिदिन फॉलोअर की वृद्धि हो रही है। उस पर किए जाने वाले हर दिन के नए पोस्ट भाजपा से जुड़े युवा कार्यकर्ता शेयर कर रहे इसी के बलबूते उन्हें सुर्खियां बटोरने में कामयाबी मिल रही है।
क्षेत्र में बदल गया राजनीतिक माहौल
बता दें कि जब से ऊंचाहार विधानसभा की सीट पर भारतीय जनता पार्टी द्वारा किसी अन्य जनपद के रहने वाले अमरपाल मौर्य को चुनावी मैदान में उतार दिया गया है। तभी से यह भी देखने को मिल रहा है कि क्षेत्र में राजनीति का माहौल एकाएक बदल सा गया है। अभी तक जो चुनाव क्षेत्र के, समाज के, जिले के विकास के लिए लड़ा जा रहा था। वह धर्म और गुंडाराज एवं माफिया के खिलाफ लड़ा जा रहा है। भाजपा प्रत्याशी अमरपाल मौर्य ने क्षेत्र में जनसंपर्क के दौरान अपने पहले दिन के भाषण में ही ऐसे आक्रामक बयान बाजी की कि पूरे क्षेत्र की राजनीति में उथल-पुथल होने लगी। भाजपा प्रत्याशी के ऐसे भाषणों से मानो ऐसा लग रहा था कि ऊंचाहार क्षेत्र वाकई गुंडा और माफियाओं से दहल रहा है। बीते दिन भाजपा प्रत्याशी द्वारा नगर के तमाम चौराहों पर दिए गए भाषणों में विकास का कोई भी मुद्दा नहीं था केवल और केवल उनके द्वारा गुंडाराज और माफिया राज भ्रष्टाचार को समाप्त करने के वायदे किए जा रहे थे। मानो ऐसा लग रहा हो कि वह किसी विधानसभा की सीट पर चुनाव न लड़ रहे हो बल्कि प्रदेश के मुखिया के पद पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हों। आखिर उनके भाषणों में क्षेत्र के विकास का मुद्दा क्यों नहीं उठा। नेताओं की जुबान विकास के मुद्दे पर क्यों नहीं चलती। खैर अब यह चुनाव ऐसे ही चलने वाला है। अब इसमें जनता को जागरूक होना चाहिए। मतदाता सर्वोपरि है उसे अपना हित और क्षेत्र का विकास जिस प्रत्याशी में निहित हो उसी चुनाव जनता करे।