Saturday, May 18, 2024
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गुणवत्ता पहचान और प्रिंट MRP से छेड़छाड़ करते हैं ऑटो पार्ट्स के दुकानदार

रायबरेली,पवन कुमार गुप्ता।महंगाई के इस दौर में आम आदमी के लिए सबसे बड़ी मुसीबत यह है कि उसे किसी भी वस्तु को खरीदने के लिए उसके गुणवत्ता की पहचान करना और बाजार के मूल्य का सही तरीके से जानकारी होना भी जरूरी है। यदि व्यक्ति को खरीदे जाने वाले सामान की गुणवत्ता और बाजार में निर्धारित मूल्य का अनुभव नहीं है, तो कोई भी दुकानदार ग्राहकों को गुणवत्ता हीन सामान देकर और उसका मनमाना मूल्य भी उससे ले सकता है। खासबात तो यह है कि जरा सी जानकारी होने पर यदि दुकानदार को कह दिया तब भी वह बहस करने को भी तैयार हो जाते हैं।ऐसा ही रायबरेली जनपद के सिविल लाइन चौराहे,शहर के अंदर तथा आसपास के क्षेत्र में खुली तमाम ऑटो पार्ट्स की दुकानें, जिन पर खरीददारी करने पर ग्राहकों को उपरोक्त घटनाक्रम से गुजरना पड़ता है।
बता दें ऐसी ही घटना एक ग्राहक के साथ हुई उसने शहर सिविल लाइन चौराहे की एक दुकान से अपनी गाड़ी का एक पार्ट खरीदा और उसका पैसा देकर वहां से चला गया हालांकि दुकानदार ने बताया कि उसके द्वारा दिए गए गाड़ी का पार्ट ओरिजनल है लेकिन जब उसी पार्टी को मकैनिक के पास ले जाया गया तो उसने बताया कि यह पार्ट ओरिजिनल नहीं है उसके बाद ही जब अन्य दुकानदार से फोन पर बात की गई तो उसने गाड़ी के उसी पार्ट का मूल्य पूर्व में दिए गए दुकानदार से आधा बताया। अब ऐसे में ग्राहक भ्रमित हैं कि गाड़ी जो पार्ट उसने खरीदा है उसमें कम मूल्य वाला ओरिजिनल पार्ट है या महंगे मूल्य वाला ओरिजिनल पार्ट है। बल्कि दुकानदार ने तो यहां तक कह दिया कि यदि मेरे द्वारा दिया गया गाड़ी का पार्ट ओरिजिनल ना हो तो उसका दो गुना दाम देने की मैं शर्त लगाता हूं। लेकिन पार्ट को फिट कर रहा मकैनिक भी तो गलत नहीं हो सकता, अब क्या कहें? कभी-कभी तो यह ऑटो पार्ट्स के दुकानदार किसी वस्तु का मूल्य बढ़ जाने पर ग्राहकों को पुराने एमआरपी लिस्ट पर मार्कर चला कर नए रेट से ग्राहकों को ऑटो पार्ट्स दे देते हैं। ग्राहकों (वाहन चालक/ वाहन स्वामी) को जल्दबाजी होने के चलते वह ज्यादा बहस नहीं करते और उनसे सामान खरीद कर गाड़ी में लगवा लेते हैं। यहां तक कि अधिकतर दुकानदार ग्राहकों को खरीदे गए गाड़ी के पार्ट का बिल भी नहीं देते हैं और ज्यादा जोर दिया जाए तो, वह एक सादी पर्ची में पार्ट और उसका रेट लिखकर दे देते हैं।

कंपनी के सेल्स डिपार्टमेंट के अधिकारियों को मार्केट में बिक रहे उत्पादों पर रखनी चाहिए नजर

अधिकतर ग्राहकों का कहना है कि वाहन चालकों अथवा वाहन स्वामियों को इस भ्रम से निकालने के लिए समय – समय पर जनपद के अंदर हर कंपनी (टाटा मारुति महिंद्रा हुंडई इत्यादि) के सेल्स डिपार्टमेंट के अधिकारियों को बाजार में खुली हुई इन ऑटो पार्ट्स की दुकानों पर निगरानी रखनी चाहिए और उनके द्वारा बेचे जा रहे ऑटो पार्ट्स पक्के बिल या कच्चे बिल पर दिए जा रहे हैं, इसका भी निरीक्षण करते रहना चाहिए और ग्राहकों को भी ऐसी भ्रमित करने वाली स्थिति से बाहर निकालना चाहिए। देखा जाए तो इस तरह की भ्रमित करने वाली स्थिति पैदा करके दुकानदार जनपद के अंदर अंधाधुंध कमाई कर रहे हैं और देखने और सुनने वाला कोई नहीं।