Saturday, May 11, 2024
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शाम ढलते ही ऊंचाहार क्षेत्र के रेस्टोरेंट में छलकने लगते हैं जाम

पवन कुमार गुप्ताः रायबरेली। ज्यादा पैसे कमाने की लालच में मनुष्य तो अंधा हो ही जाता है परंतु जब यही लालच बड़े स्तर के लोगों के मन में उत्पन्न होने लगे तो वह कुछ भी करने के लिए तैयार हो जाते हैं।
बताते चलें कि रायबरेली जनपद का ऊंचाहार क्षेत्र खानपान के मामले में बखूबी जाना जाता है, क्योंकि यहां पर कई ऐसे रेस्टोरेंट खुल गए हैं जिनका स्वाद जिले के साथ साथ दूर दराज से आने वाले लोगों ने भी चखा है और वह जब भी राजमार्ग से यहां की सीमा में प्रवेश करते हैं तो एक बार ऊंचाहार क्षेत्र के इन रेस्टोरेंट पर एक बार जरूर रुकते हैं। अब तो एक दूसरे की होड़ में शामिल होते हुए ऊंचाहार में अन्य कई रिस्टोरेंट भी खुल गए हैं लेकिन इस बीच देखा गया है कि क्षेत्र में कई रेस्टोरेंट खुल जाने पर भी यहां की भीड़ में कमी नहीं आई है। अभी कुछ महीने पूर्व ही ऊंचाहार क्षेत्र में एक और रेस्टोरेंट खुला जिसका उद्घाटन भी एक मंत्री ने किया था। जैसे तैसे रेस्टोरेंट तो अच्छे से चल पड़ा परंतु ग्राहकों को अधिक आकर्षित करने की चाहत में रेस्टोरेंट के संचालक ने अब गाइडलाइन की धज्जियां उड़ानी शुरू कर दी है। बीते दिन ऊंचाहार क्षेत्र के इसी फैमिली रेस्टोरेंट में देखा गया है कि अंदर खाने की टेबलों पर ग्राहकों द्वारा जाम पर जाम छलकाए जा रहे हैं। वेटर बिना कुछ कहे उनसे खाने का ऑर्डर ले रहा है और आर्डर लाकर भी दे रहा है। इस फैमिली रेस्टोरेंट के अंदर खाने की टेबल पर मदिरा की बोतल और ग्लास निःसंकोच रख कर पैक बनाए जाने पर, इसका तो मतलब यही है कि रेस्टोरेंट के संचालक द्वारा ऐसे कृत्य करने के लिए ग्राहकों को पूरी छूट दी गई है या फिर क्षेत्र के फूड इंस्पेक्टर और आबकारी विभाग के द्वारा इस रेस्टोरेंट में बार जैसी सुविधा चलाने की अनुमति दे दी गई है। ऊंचाहार क्षेत्र में तैनात खाद्य विभाग के अधिकारी द्वारा छोटे होटलों पर तो आए दिन छापा डालकर कार्यवाही की जाती है वहीं आबकारी विभाग के अधिकारी भी केवल शराब की दुकानों पर ही जांच करके कार्रवाई करते हैं लेकिन ऊंचाहार क्षेत्र में खुले तमाम इन बड़े रिस्टोरेंटो पर कार्यवाही करने से खाद्य विभाग और आबकारी विभाग के अधिकारी भी नजर नहीं आते हैं। सूत्रों की मानें तो इन रेस्टोरेंट पर आए दिन बड़े अधिकारियों और नेताओं की लाल नीली बत्ती लगी गाड़ियां खड़ी रहती हैं जिसकी वजह से छोटे अधिकारी इन रेस्टोरेंट पर कार्यवाई करने से डरते हैं।
इसीलिए इन होटलों पर कार्रवाई करना खाद्य विभाग और आबकारी विभाग के लिए भी आसान नहीं है।