फिरोजाबाद। नवरात्रि के सातवे दिन मां कालरात्रि की पूजा अर्चना विधिविधान के साथ की गई। मंदिरों पर भक्तों की भीड़ उमड़ी देखी गयी। माता-बहिनों ने मंदिर पहुंच माता रानी की आरती कर मत्था ठेका। वहीं नेजा चढ़ाने वाले भक्त नाचते गाते हुये मंदिरों पर पहुंचे।
सुहाग नगरी में नवरात्रि के सातवे दिन मां कालरात्रि की पूजा अर्चना की गई। भक्तों ने सुबह जल्द ही अपने कार्य से निवृत होकर मंदिर की तरफ रूख करना शुरू कर दिया। रामलीला चौराहा स्थित कैला देवी मंदिर, उसायनी स्थित वैष्णोदेवी धाम पर पहुंच मातारानी की आरती कर माथा टेका। देवी मंदिरों पर भक्तों का सैलाब सुबह से लेकर देररात्रि तक उमड़ता देखा गया। मंदिरों पर प्रसाद वितरण भी किया गया। नेजा चढ़ने का क्रम भी देररात्रि तक जारी रहा। बताया जाता है कि नवरात्रि के नौ दिन हर दिन का विशेष महत्व है। प्रत्येक दिन मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूप की पूजा की जाती है। नवरात्रि का सातवां दिन मां कालरात्रि को समर्पित होता है। इस दिन मां कालरात्रि की पूजा-अर्चना का विधान है। मां कालरात्रि का शरीर अंधकार की तरह काला है। बाल लंबे और बिखरे है। गले में बिजली की तरह चमकती माला और मां के चार हाथ है। मां के हाथों में खड्ग, लौह शस्त्र, वरमुद्रा और अभय मुद्रा है।