Friday, May 3, 2024
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भवन या भूखण्ड के क्रय-बिक्रय में धड़ल्ले से जारी है एक नम्बर दो नम्बर का खेल!

कानपुरः श्याम सिंह पंवार। प्राधिकरण, परिषद् का हो या रियल स्टेट का कारोबार करने वाले प्रॉपर्टी डीलर के भवन अथवा भूखण्ड, सभी के क्रय-बिक्रय में धड़ल्ले से किया जा रहा है एक नम्बर दो नम्बर का खेल! जी हां कानपुर महानगर में एक नम्बर दो नम्बर का खेल बखूबी धड़ल्ले से जारी है और दो नम्बर का लेनदेन दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है।
कानपुर विकास प्राधिकरण अथवा आवास एवं विकास परिषद् से आवंटित होने के बाद मूल आंवटी द्वारा किसी अन्य खरीददार को बिक्रय के दौरान, हाउसिंग सोसाइटियों एवं रियल स्टेट का कारोेबार करने वाले बिल्डरों की बेसकीमती सम्पत्तियों जैसे-भवन, भूखण्ड (आवासीय/व्यापारिक) के क्रय-बिक्रय के दौरान क्रेता एवं बिक्रेता के बीच आपसी लेन-देन होता कुछ और है और रजिस्ट्रार कार्यालय में बैनामा अथवा रजिस्ट्री करते समय लिखा-पढ़ी यानीकि दस्तावेजों में कुछ और दिखाया जाता है।
उदाहरण के तौर पर मान लिया कि सम्पत्ति का मूल्य 80-90 हजार रुपये प्रति वर्गमीटर अथवा प्रति वर्ग होता है लेकिन इसे दस्तावेजों में 20-30 हजार रुपये प्रति वर्ग मीटर अथवा प्रति वर्ग गज ही दिखाया जाता है। इससे वास्तविक लेनदेन छुप जाता है। यह प्रचलन प्रॉपर्टी का बड़ा कारोबार करने वालों के बीच ही नहीं अपितु छोटा-छोटा कारोबार करने वालों के बीच धड़ल्ले से जारी हैं और इस प्रचलन से शहर का कोई कोना अछूता नहीं है। इस एक नम्बर दो नम्बर के खेल में कालाधन का लेनदेन बखूबी हो रहा है अर्थात जो हो रहा है वो नहीं दिख रहा है और जो दिख रहा है वो हो ही नहीं रहा है।
परिणामतः करोड़ों की कीमत वाली सम्पत्तियां लाखों में बिकती दिखाई जा रही हैं।
अब सवाल यह उठता कि क्या सरकार इस ओर ‘कुछ’ कर पायेगी क्योंकि इस खेल में जितना बड़ा सौदा उतना ही बड़ा ‘कालाधन का लेनदेन’ किया जा रहा है ?