Friday, May 17, 2024
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चिकित्सकों का प्रतिनिधि मंडल मिला पुलिस कप्तान से और बताईं अपनीं समस्यायें बताईं

हाथरस। पुलिस अधीक्षक द्वारा आज पुलिस कार्यालय में इण्डियन मेडिकल एसोशिएसन के प्रतिनिधि मण्डल से भेंट कर डॉक्टर्स की समस्याओं के सम्बन्ध में वार्ता कर सभी अधिकारियों को निराकरण हेतु आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए।
पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल द्वारा पुलिस कार्यालय स्थित सभागार कक्ष में डॉक्टरों की समस्याओं को लेकर इण्डियन मेडिकल एसोशिएसन के पदाधिकारियों के साथ मीटिंग की गई। मीटिंग के दौरान इण्डियन मेडिकल एसोशिएसन प्रतिनिधि मण्डल के डॉ. एस.के. राजू गावर, डॉ. विकास शर्मा, डॉ. संजय अग्रवाल, डॉ. मनोज कुमार आदि तथा पुलिस के अधिकारी मौजूद रहे।
पुलिस अधीक्षक द्वारा मीटिंग में आये डॉक्टरों का स्वागत किया गया तथा डाक्टरों से उनकी समस्याओं को विस्तार से सुना। डॉक्टरो द्वारा अपनी समस्याओं के बारे में अवगत कराते हुए बताया कि हॉस्पीटल में इलाज के दौरान किसी मरीज की स्थिति गम्भीर व मृत्यु हो जाने पर उनके परिजन उग्र हो जाते हैं और कभी कभी अस्पतालों में अप्रिय स्थिति उत्पन्न हो जाती है तथा बताया गया कि अस्पताल में इलाज के दौरान मरीज की स्थिति गम्भीर व मृत्यु हो जाने पर पीड़ित पक्ष द्वारा तहरीर दिये जाने पर सम्बन्धित डाक्टरों के विरूद्ध बिना किसी जांच, एक्सपर्ट की सलाह के अभियोग पंजीकृत नहीं होना चाहिये।मीटिंग में पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल द्वारा हॉस्पीटल, क्लीनिक में होने वाली किसी भी घटना की सूचना मिलने पर तत्काल पर्याप्त पुलिस बल उपलब्ध कराने हेतु आश्वासन दिया गया तथा सभी प्रभारी निरीक्षकों को निर्देशित किया गया कि अपने अपने क्षेत्र में हॉस्पीटल के डॉक्टरों से समन्वय स्थापित कर सुरक्षा व्यवस्था बनाये रखना सुनिश्चित करें। जिससे कोई अप्रिय घटना घटित न हो सके। साथ ही पुलिस अधीक्षक द्वारा अवगत कराया गया कि अस्पतालों में होने वाली अप्रिय घटनाओं की स्थिति में तहरीर मिलने पर नियमानुसार मेडिकल एक्सपर्ट की सलाह, मुख्य चिकित्साधिकारी की जाँच के उपरान्त ही अग्रिम वैधानिक कार्यवाही अमल में लाने हेतु पूर्ण आश्वस्त किया गया तथा पुलिस अधीक्षक द्वारा बताया गया कि हॉस्पीटल में होने वाली अप्रिय घटनाओं की स्थिति में झगडे की वजह कभी-कभी हॉस्पीटल के स्टाफ का मरीज व उसके परिजनों के प्रति असंवेदनशील व्यवहार भी होता है। पीड़ित व मरीज को परेशानी के समय उचित व्यवहार न मिलने के कारण कई बार परिजन उग्र हो जाते हैं। इसके लिये वरिष्ठ चिकित्सकों द्वारा हॉस्पीटल के स्टाफ को मरीजों व उनके परिजनों के प्रति अच्छा व्यवहार करने हेतु समय-समय पर ब्रीफ किया जाना चाहिए।