Thursday, May 9, 2024
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दशलक्षण पर्व: जैन श्रद्धालुओं ने लिया शौच धर्म अंगीकार करने का संकल्प

बड़ौत, बागपत। उत्तर प्रदेश में बागपत के बड़ौत शहर में चल रहे दशलक्षण पर्व के चौथे दिन मुनि सुव्रतनाथ विधान का आयोजन किया गया। इस अवसर पर जैन श्रद्धालुओं ने उत्तम शौच धर्म अंगीकार करने का संकल्प लिया।आचार्य विमर्श सागर  महाराज के शिष्य मुनि विशुभ्र सागर महाराज एवं मुनि श्री विश्वार्क सागर जी महाराज के सानिध्य में आयोजित दशलक्षण पर्व परमध्य प्रदेश से पधारे विधानाचार्य पंडित राज किंग के निर्देशन मे गर्म प्रासुक जल से अजितनाथ भगवान की प्रतिमा का अभिषेक किया। संगीतकार अरुण जैन ग्वालियर के सुंदर भजनो पर जैन श्रधालुओ ने भाव विभोर होकर नृत्य किया। विधान में 48 अर्घ्य समर्पित किये गए।मुनि विशुभ्र सागर महाराज ने शौच धर्म की महत्ता पर प्रवचन करते हुए कहा कि शुचिता का होना ही शौच धर्म है। लोभ कषाय के कारण मानव का मन सदा अशुचि बना रहता है। संतोष की भावना जब हृदय मे प्रकट होती है, तब मन मे शुचिता का भाव जागृत होता है। इस धर्म के पालन से छोटे बड़े का भेद मिट जाता है। इस अवसर पर सुभाष जैन, मुकेश जैन, प्रदीप जैन, वरदान जैन, राकेश जैन, बालकिशन जैन, विकास जैन, हंस कुमार जैन,अनिल जैन, अशोक जैन, आशीष जैन, संजय जैन, अंकुर जैन आदि उपस्थित थे।शाम को मंदिर मे माउंट लिटेरा जी स्कूल के बच्चो के द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमो की प्रस्तुति पेश की गयी। कार्यक्रम का संचालन हिमांशी ने किया। उधर, अग्रवाल मंडी टटीरी, अमीनगर सराय, बागपत व बड़ागांव में भी दशलक्षण पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है।