Thursday, May 16, 2024
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पुलिस ने नकली नोट वाले गिराहे का किया पर्दाफाश, पांच गिरफ्तार

-मास्टरमाइंड तिहाड़ जेल से सीखकर आया था नकली नोट बनाने का धंधा
फिरोजाबाद। शिकोहाबाद पुलिस और एसओजी टीम ने नकली करेंसी छापने वाले गिाराहे का पर्दाफाश करते हुए पांच लोगो को गिरफ्तार किया है। पुलिस को इनके पास से 297100 रुपये की नगदी और नकली नोट छापने के उपकरण बरामद हुए हैं।
एसएसपी आशीष तिवारी ने बताया कि शिकोहाबाद पुलिस और एसओजी टीम ने नकली करेंसी छापने के मामले में जेल गए तथा गैंगस्टर के मामले में वांछित 25000 रुपए के इनामी अपराधी तेजेंद्र उर्फ काका को हिस्ट्रीशीटर समेत कुल पांच साथियों के साथ मैनपुरी चौराहा से नकली भारतीय करेंसी के साथ गिरफ्तार किया गया है। पूछताछ में उसने बताया कि जेल में बंद रहने के दौरान उसकी मुलाकात विक्की उर्फ बॉक्सर निवासी टूंडला, सोनू पंडित निवासी नगला पानसहाय थाना उत्तर तथा रामसंत निवासी वालरपुर थाना नसीरपुर से हुई थी। विक्की और सोनू ने ही पेशेवर जमानती लगाकर जमानत कराई थी। जमानत के बाद वह विक्की के यहां गया और नकली नोट छापने के उपकरण खरीदकर लाया तथा विक्की के साथी छोटू उर्फ मामा, अमन, सोनू पंडित ने विक्रम सिंह निवासी रजावली के फार्म हाउस पर नोट छापे जिनको विक्की, सोनू पंडित, छोटू उर्फ मामा और विक्रम सिंह ने बाजार में चलाया। जिसके बाद विक्की जेल चला गया तो रामसंत अपने साथ ले गया जिसने अपने साथी रंजीत निवासी बाह के घर पर करीब 3 माह नोट छपवाए और करीब 5 लाख रुपए बाजार में खपा दिए तथा इस दौरान नोट छापना रंजीत और रन्नु चौधरी को सिखाया फिर जैसे ही विक्की जेल से निकलकर आया तो उसने पुनः विक्रम सिंह के यहां सेटअप लगाकर चलवाया लेकिन विक्रम द्वारा ज्यादा हिस्सेदारी लेने के कारण वहां से सेटअप हटा कर अपने घर पर लगाया जहां पर नकली नोट छापकर मार्केट में खपा देते हैं। आरोपी विक्रम सिंह जादौन राजा भैया की जनसत्ता पार्टी का जिलाध्यक्ष है। सरगना तेजेंद्र ने बताया कि वह वर्ष 2000 में अपराध जगत में प्रवेश कर पहली बार जेल गया था और जेल से आने के बाद नकली नोट छापने के कार्य में संलिप्त हो गया। वर्ष 2006 में थाना कमला मार्केट व वर्ष 2012 में दिल्ली के विजय बिहार थाना क्षेत्र से जेल गया और काफी लम्बे समय तक तिहाड़ जेल में रहा। जहां उसने कोरल ड्रा फोटोशॉप चलाना सीखा और नोट छापना सीखा। वर्ष 2017 में थाना क्षेत्र दक्षिण जनपद फिरोजाबाद से भी नकली नोट छापने के सम्बन्ध में जेल गया। कुछ दिनों पहले जमानत पर बाहर आते ही अपने साथी सन्तोष उर्फ सलीम आदि की मदद से उनको साथ लेकर फिर से नकली नोट छापने के सभी उपकरण जुटाए और नकली 100-100 रूपये के नोट छापने लगे जिनको त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव व होली के त्यौहार पर बाजारों में खपाने की योजना थी लेकिन इनको पकड़ लिया गया। पुलिस ने तेजेंद्र उर्फ काका, नाराण दत्त, विकास, विक्रम सिंह, रंजीत को गिरफ्तार किया है जबकि इनके साथी संतोष, सोनू पंडित, रामसंत, बनारसी दास, कालीचरन, छोटू, अमन और रनवीर फरार हैं। पकड़े गए आरोपियों के पास से 297100 रुपये के नकली नोट और नोट छापने के उपकरण बरामद किए हैं।