Saturday, May 18, 2024
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अखिल भारतीय कवि सम्मलेन में कवियों ने रचनाओं के माध्यम से कार्यक्रम में लगाए चार-चांद

फिरोजाबाद। वरिष्ठ समाज सेविका सरोज सिंह निडर की पुण्यतिथि पर एस.आर. के कम्प्यूटर एवं एजूकेशन विभाग के सभागार में अखिल भारतीय कवि सम्मलेन एवं सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर साहित्य के क्षेत्र से जुड़े लोगों को सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम का शुभारम्भ ठा. विश्वदीप सिंह एवं पं. हरिकिशोर दीक्षित ने मॉ सरस्वती के चित्र पर दीप प्रज्जवलन कर किया। वहीं कार्यक्रम में वरिष्ठ अधिवक्ता अनूप चंद जैन एडवोकेट ने कहा कि सरोज सिंह निडर एक विदुषी नारी थी। उनके हृदय में समाज में अभावग्रस्त जीवन जीने वाले लोगों के प्रति अपार स्नेह था। शिक्षाविद पंडित हरिकिशोर दीक्षित ने कहा कि सरोज एक अच्छी गृहिणी होने के साथ-साथ अच्छी समाज सेविका भी थीं। अध्यक्षता कर रहे हरिओम प्रकाश शर्मा आचार्य ने कहा कि ओमपाल सिंह निडर की तरक्की में सरोज सिंह का बहुत बड़ा योगदान था। इसके बाद अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का प्रारंभ डॉक्टर अंगद सिंह धारिया की वाणी वंदना के साथ हुआ। उन्होंने कहा कि मां शारदे मां शारदे हमको जीवन का आधार दे। इसके पश्चात प्रांजल प्रताप सिंह ने अपना एक प्रेम गीत प्रस्तुत किया। पूछ रहा हूँ नाम तुम्हारा मुझको क्या अधिकार, पागल तो में नही दीवाना केवल तुमसे प्यार। सुजालपुर से आए हास्य व्यंग कवि ने कहा हो सके तो भूखे पेट की अजान बदलो देश का झूलता किसान बदलो तो उसके खेत खलिहान बदलो, संस्कारधानी जबलपुर से आई प्रख्यात कवयित्री डॉक्टर रानू रूही ने खूबसूरत गजलों से श्रोताओं का मन मोह लिया। लखनऊ से पधारे युवा ओजस्वी कवि अतुल वाजपेई ने मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान रामचंद्र सरकार के सम्मान में कहा बल बुद्धि पराक्रम के सागर जिनकी आयु धन सहायक हैं। वह पुरुषोत्तम भारत गौरव प्रभु राम हमारे नायक है। प्रेम की नगरी आगरा से आए डॉक्टर अंगत सिंह धारिया ने महिलाओं के सम्मान में शानदार गीत प्रस्तुत किया। राष्ट्रीय हास्य व्यंग्य कवि संतोष शर्मा सागर ने कहा कभी कच्चा बनाती थी कभी पक्का बनाती थी, मगर मां जो बनाती थी बहुत अच्छा बनाती थी। स्थानीय कवि रविंद्र शर्मा ने सरोज सिंह निडर पर एक अत्यंत भावपूर्ण गीत प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में अरविंद बघेल, जगदीश प्रसाद शर्मा एडवोकेट, प्रांजल प्रताप, सुरेश कन्हैयानी, देवीराम यादव, वीरेंद्र प्रताप, डा. उमाशंकर गुप्ता, आदित्य प्रताप सिंह, ममता सिंह, कल्पना राजौरिया, चंद्रकान्ता शंखवार, शैफाली राघव, अलका सिंह राघव, हरिओम वर्मा, प्रमोद राजौरिया, प्रमोद राजपूत, सीताराम शर्मा, सोनी शिवहरे, अवनीश गुप्ता, राघवेंद्र सिंह आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन भगवानदास शंखवार ने किया।