Thursday, May 9, 2024
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उपवास सेहत का उपहार : डॉ. अमरीन फातिमा

उपवास सेहत के लिए एक उपहार है क्योंकि उपवास एक सरल और मुफ्त उपचार है । हमारा देश में अनेक त्योहारों पर उपवास रखने का प्रचलन है जैसे नवरात्रि, करवा चौथ, रमजान आदि मौकों पर, लोग उपवास रखकर अपने इस देवता या खुदा के प्रति श्रद्धा दिखाते हैं। उपवास को व्रत और फास्टिंग के नाम से भी जाना जाता है बताइए उपवास का धार्मिक महत्व तो सदा से है किंतु वैज्ञानिकों को ने यह पुष्टि कर दी कि उपवास सेहत के लिए वरदान है और अनेक बीमारियों से मुक्ति दिलाने में बेहद मददगार है ।इन उपवासों से हमारा तन मन स्वस्थ रहता है और डिटॉक्सिफिकेशन होता है। वैज्ञानिकों के अनुसार उपवास अगर सही तरीके से रहा जाए तो यह हमारे तन, मन को डिटॉक्सिफाई कर संतुलित एवं स्वस्थ एवं स्फूर्तिवान रखता है। अगर आप हफ्ते में सिर्फ एक दिन का उपवास रखें और बाकी दिन अपना खानपान अच्छे से ले तो इससे आप रोग मुक्त और दीर्घायु की चमत्कारी क्षमताएं देखने को मिलेगी।
रूस के साइबेरिया में उपवास द्वारा उपचार की पद्धति का प्रचलन गोर्याचिंस्क नमक अस्पताल में होता है जो की सुरम्य शहर में है वहां दूर-दूर से ऐसे लोगों का उपचार होता है जो आधुनिक महंगी चिकित्सा पद्धति से निराश हो चुके हैं और इस इलाज में जो भी खर्च आता है उसकी सरकार उठती है। उपवास बौद्ध धर्मियों के बहुमत वाले बुर्यातिया की स्वास्थ्य नीति का अभिन्न अंग है।वहां के स्वास्थ्य मंत्री स्वयं भी उपवास प्रेमी हैं।
आईए उपवास के उपहारों विषय में जानते हैं-
तनाव आजकल की सबसे बड़ी समस्या है रिसर्च में पाया गया है व्रत वाले दिन लोग कम तनाव लेते हैं और गुस्सा भी कम करते हैं।
उपवास से जीवन में नकारात्मकता कम होती है क्योंकि मन में नकारात्मक विचार और भावनाएं बहुत कम हो जाती है हैं।
उपवास से शरीर के विषैला तत्व बाहर निकलते है। जिससे त्वचा की भी तमाम समस्याओं से से छुटकारा मिलता है।
उपवास रखने से मन स्थिर और शांत रहता है इससे आपको अच्छी नींद आती है और हल्कापन महसूस होता है।
याददाश्त बढ़ती है-
उपवास आपके दिमाग की क्षमता को बढ़ाता है इससे हमारे दिमाग में इससे हमारे दिमाग में बी डी एन एफ ,(ब्रेन डेराइवड न्यूरोट्रॉफिक फैक्टर्स ) नाम का प्रोटीन काफी मात्रा में बढ़ता है जिससे दिमाग की एकाग्रता और कार्यशैली बढ़ जाती है और दिमाग बेहद सुकून महसूस करता है।

पाचन तंत्र को स्वास्थ्य करता है उपवास। बहुत तला , भुना , मिर्च मसाले एवं चिकनाई और जंक फूड से पाचन तंत्र गड़बड़ाने लगता है। उपवास रखने से पाचन तंत्र को आराम मिलता है और शरीर खुद का उपचार शुरू कर देता है एक दिन आप व्रत रखकर देखें तो आप का पेज बिल्कुल हल्का और बहुत सारी पेट की परेशानियां दूर हो जाएगी जैसे गैस अपच जलन आदि।
उपवास खराब या बैड कोलेस्ट्रॉल काम करता है। उपवास से अच्छा कोलेस्ट्रॉल यानी एचडीएल बढ़ता है और खराब कोलेस्ट्रॉल यानी एलडीएल कम होता है।
हाई ब्लड प्रेशर कंट्रोल करता है क्योंकि उपवास बैड कोलेस्ट्रॉल कम करता है जिससे बीपी नियंत्रित रहता है।
हृदय को हेल्दी रखता है कई रिसर्च में यह बात निकाल कर आई कि अगर आप रूटीन में उपवास को शामिल करते हैं तो आपके हृदय की सेहत के लिए फायदेमंद है। 8 सप्ताह तक हर दूसरे तीसरे दिन फास्टिंग करने से शरीर में बेड कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड 20 प्रतिशत से 30 प्रतिशत तक काम हो सकते हैं।
एजिंग के के निशान कम कर, दीर्घायु देता है। स्टडीज के बाद ये साबित हुई है कि उपवास रखने से आपकी उम्र बढ़ती है और त्वचा जवां रहती है।
उपवास रखने से मेटाबॉलिक रेट में 14 फ़ीसदी बढ़ोतरी हो जाती है जिससे कैलोरीज कम समय में बर्न होने लगती हैं।
उपवास वजन संतुलित करता है। भर उल्टा सीधा जंग खान-पान हमारे शरीर में जो फैट जमा करता है उसे उसे वजन बढ़ने लगता है इसके अलावा हम व्यायाम में भी पीछे हैं लेकिन अगर हम सप्ताह में एक दिन का उपवास रखते हैं तो यह हमारे शरीर से एक्स्ट्रा फैट को काम करता है और कुछ ही दिनों में हमारा वजन संतुलित हो जाता है।
रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ता है जिससे हमारे शरीर रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ जाती है और हम ज्यादा स्वस्थ रहते हैं।
अपनी लाइफस्टाइल के हिसाब से इंसान कई तरीकों से उपवास रख सकता है जैसे कि-
वाटर फास्टिंग फर्स्ट इसमें कुछ समय तक के लिए सिर्फ पानी पीते हैं।
फ्लूड या जूस फास्टिंग कुछ समय के लिए सिर्फ जूस ,सूप या लिक्विड डाइट ली जाती है।
इंटरमिटेंट फास्टिंग इसमें कुछ दिन या कुछ देर के लिए दो मेल्स में 12 से 16 घंटे का गैप रखते हैं।
उपवास रखने से पहले कुछ जरूरी बातें जान लें—
अगर आप डायबिटीज, एनीमिया, लो ब्लड प्रेशर या लो ब्लड शुगर की दिक्कत है तो उपवास रखने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
अगर आप किसी गंभीर रोग से ग्रसित हैं या फिर प्रेगनेंट है तो उपवास कतई न रखें
उपवास के दौरान बहुत ज्यादा मेहनत वाला काम करने से बचें और आराम करें।
-डॉ. अमरीन फातिमा