किसी भी चिकित्सीय पैथी में सिम्पैथी का होना जरूरी: राकेश कुमार सिंह
कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने सीएमओ आफिस के सभाकक्ष में आयोजित सीएमओ कार्यालय के समस्त चिकित्सीय स्टाफ व भारत सरकार की सीआरएम (कामन रिब्यू मिशन) की एक संयुक्त बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि स्वास्थ्य योजनाओं का समुचित लाभ जनता को मिले तथा जो कमिया हो उस पर सुधार किया जाये सीआरएम टीम द्वारा विगत तीन दिवस निरीक्षण किया गया था उसकी रिपोर्ट के अनुरूप स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार लाकर और बेहतर बताया जायेगा।
डीएम ने फीता काटकर रबी उत्पादकता गोष्ठी/किसान मेले का किया शुभारम्भ
कृषक कृषि विविधिकरण व जैविक खेती को अपनाकर उत्पादकता बढ़ाएं-डीएम
किसानों की खुशहाली, समृद्धि के लिए किसानों को आधुनिक नवीनतम जानकारियां मुहैया कराएं कृषि वैज्ञानिक: डीएम
कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने कलेक्ट्रेट प्रांगण में आयोजित एक दिवसीय जनपदीय रबी उत्पादकता गोष्ठी/कृषक मेला का शुभारम्भ फीता काटकर व दीप प्रज्जवलित कर किया। गोष्ठी में कृषकों को फसलों से सम्बन्धित कृषि वैज्ञानिकों द्वारा नवीन तकनीकी जानकारी उपलब्ध करायी गयीं तथा उनकी कृषि संबंधी समस्याओं का निराकरण भी किया गया।
रूरा मैथा के मध्य गेट 92-सी मरम्मत के कारण रहेंगा बंद
कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। वरिष्ठ खण्ड अभियंता रेल पथ द्वितीय उत्तर मध्य रेलवे कानपुर के अनुसार कि.मी. 1059/14-16 रूरा मैथा के मध्य गेट नं. 92-सी का मरम्मत कार्य होना है, जिसके कारण 9 नवंबर से 10 नवंबर 2017 तक सुबह 08 बजे से शाम 20 बजे तक यातायात बन्द रहेगा। जिसमंे वैकल्पिक यातायात की व्यवस्था गेट नं. 91-सी एवं 94-सी है। यह जानकारी सहायक निदेशक सूचना प्रमोद कुमार ने दी है।
Read More »समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी रमा अग्निहोत्री ने किया नामांकन
शिवली, कानपुर देहात, जन सामना संवाददाता। वर्षों से समाज सेवा कर रहे वतन अग्निहोत्री को समाज वादी पार्टी ने शिवली नगर पंचायत से अपना प्रत्यासी घोषित किया है वही समाज सेवक वतन अग्निहोत्री ने अपनी माता रमा अग्निहोत्री का बुधवार को नामंकन करवाया साथ ही भारी जनसंख्या में समर्थक नामांकन करवाने पहुँचे। वही समाजवादी पार्टी के वरिष्ट नेताओं का तांता लगा रहा। वतन ने जनता से हाथ जोड़कर माता को जिताने की अपील की और वही समर्थकों ने रमा जिन्दाबाद व समाजवादी पार्टी जिंदाबाद के नारे लगा रमा अग्निहोत्री का उत्साह वर्धन किया। समर्थकों ने बताया कि माता जी को जिताने के लिए हर सम्भव कोशिश की जाएगी। समर्थकों ने नारा दिया कि माता को जीताना है नगर का विकास कराना है। इस मौके पर दुर्गेश दीक्षित, गोलू शुक्ल, बिल्लू, सनी, विशाल त्रिपाठी, अंकित मिश्र सहित सैकड़ों समर्थक मुख्य रूप से मौजूद रहे।
Read More »आग से बचने के चक्कर में छत से कूदा युवक, टूटा पैर
औरैया: जन सामना ब्यूरो। शहर के मोहल्ला गोविन्द नगर में रहने वाले सुरेन्द्र पुत्र घसीटे के घर में मंगलवार की सुबह खाना पक रहा था। इसी दौरान सिलेण्डर में लीकेज होने के कारण आग लग गयी। देखते ही देखते इस आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। आनन फानन गृहस्वामी ने बच्चों को बाहर निकाला और बुझाने का प्रयास करने लगा। घर मे आग लगी देख नजदीकी लोग वहां आ गये और आग बुझाने लगे। सूचना पर अन्य लोग भी वहां पहुंच गये और उधर आग से बचने के लिए सुरेन्द्र अपनी छत से कूद गया। जिससे उसके पैर में गम्भीर चोटें आयी हैं। जानकारी पाकर बसपा नेता आलोक वर्मा भी उसके घर पहुंचे और उसे उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया।
Read More »निकाय चुनावःनामांकन के चौथे दिन अध्यक्ष के 11 व सभासदों के 68 पर्चे दाखिल’
औरैयाः ध्रुव कुमार अवस्थी। सदर तहसील में सुबह से ही नामांकन दाखिल की गहमा गहमी शुरू हो गयी थी। मंगलवार को तहसील परिसर में नगर पंचायत फफूंद एवं दिबियापुर के अलावा नगर पालिका परिषद औरैया के दावेदारों ने अपने अपने नामांकन पत्र दाखिल किये। दिबियापुर नगर पंचायत अध्यक्ष पद के अलावा नगर पालिका औरैया के दावेदारों ने अपने अपने नामांकन पत्र दाखिल किये। दिबियापुर नगर पंचायत अध्यक्ष पद से सिर्फ बसपा प्रत्याशी की हैसियत से आशीश कुमार त्रिपाठी (बब्बन) ने अपना पर्चा स्थानीय तहसील में दाखि किया। इसके अलावा प्रमुख राजनैतिक दलों की ओर से किसी भी प्रत्याशी ने मंगलवार को सदर तहसील में पर्चा दाखिल नहीं किया। औरैया में नगर पालिका अध्यक्ष पद के लिए
Read More »बेटी जीवा की वर्षगाँठ के अवसर पर मानवता का भोजन बैंक का शुभारम्भ
कानपुर, जन सामना संवाददाता। कबाड़ बस्ती चकेरी में मानवाधिकार सुरक्षा एवं संरक्षण द्वारा मानवता भोजन बैंक का शुभारम्भ किया गया। संस्था के राष्ट्रीय महामंत्री तपन अग्निहोत्री ने जानकारी दी कि संस्था के सदस्य आदित्य मिश्रा व शिखा मिश्रा की पुत्री जीवा का तीसरे वर्षगाँठ के शुभअवसर पर मानवता का भोजन बैंक का जीवा के करकमलों द्वारा शुभारम्भ किया गया। बताया गया कि संस्था मानवता के भोजन बैक के माध्यम से गरीब बस्तियों में जाकर समय समय पर भोजन कराती रहेगी। इसमें संस्था अपने सहयोग के साथ साथ जन सहयोग के माध्यम से इन बस्तियों में पौष्टिक आहार की व्यवस्था करती रहेगी। इससे पहले नौबस्ता में मानवता की दीवार के माध्यम से बस्तियों में गरीबों को मुफ्त में वस्त्र वितरण किए जा चुके है। संस्था इसी तरह से मानवता का भोजन बैक बनाकर गरीब व असहाय लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था करेगी। जिससे गरीब लोग भूखे न सोये पहले भी संस्था द्वारा गरीब लोगो को भोजन फल खाद्य सामग्री वितरण कार्यक्रम कई गरीब बस्तियों में करा चुकी है।
Read More »महिलाओं को उन्नति करने के लिए उन्नत माहौल की आवश्यकता
आंकड़े सिर्फ आहट की दस्तक नहीं देते, बल्कि सच्चाई से रूबरू कराते हैं। देश में लिंग-अनुपात के लगातार कम होने के जो आंकड़े हमारे सामने आ रहे हैं, वे न सिर्फ हमारी मानसिकता बताते हैं। यहां तक हमारे समाज के दो- अर्थी व्यहवार को भी व्यक्त करते हैं। साथ- साथ यह भी पता चलता है, कि कन्याभ्रूण हत्या रोकने और अन्य स्तर पर लड़कियों को सुरक्षा देने के सरकारी और गैर-सरकारी प्रयास निरर्थक ही साबित हो रहें हैं। मध्यप्रदेश प्रदेश सरकार भले ही प्रदेश के हर घर की लाड़ली को लक्ष्मी बनाने का अथक प्रयास कर रही हो, लेकिन जमीनी हकीकत में लड़कियां 28 दिन भी साँसें नहीं ले पाती । मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार जहां सूबे में लड़के की मृत्यु दर में 14.6 प्रतिशत की दर से गिरावट आ रही है, वहीं घर की लाड़ली बन रहीं लड़कियों की मृत्युदर में मात्र 1.6 फीसदी की मामूली गिरावट यह दर्शाता है, कि नीति-निर्धारक कितने भी कानून का एलान कर दे, लेकिन लैंगिक भेदभाव समाज से दूर किए बिना लड़कियों की संख्या सूबे क्या पूरे देश में लड़कों के बराबरी पर नहीं आ सकती।
बात चाहें मध्यप्रदेश की हो, या पूरे देश की। पुरुष प्रधान सोच देश से अभी निकल नही पाई है। भले ही देश ने केंद्रीय सत्ता में महिला को प्राश्रय 50 वर्ष पूर्व ही दे चुकी हो, लेकिन महिला सशक्तिकरण के मामले में देश विकसित देशों के मामले में काफी पीछे है, और देश के भीतर मध्यप्रदेश राज्य। एक कहावत है, हाथ कंगन को आरसी क्या, और पढ़े-लिखे को फारसी क्या। ऐसे में सूबे की महिलाओं की स्थिति क्या स्थिति है, वह बताने की शायद आवश्यकता नहीं। फिर भी आंकड़ों के सागर में अगर गोता लगाते हैं, तो पता चलता है, कि देश में महिला सशक्तिकरण की दिशा में मध्यप्रदेश राज्य आज के वक्त भी काफी पिछड़ा हुआ है। तभी तो महिलाओं को शिक्षा, स्वास्थ्य, और सुरक्षा प्रदान करने के मामले में मध्यप्रदेश देश के अन्य राज्यों से काफी दूर मामूल पड़ता है। उससे भी दुःखद बात यह है, कि केंद्र की जो भाजपा सरकार सत्ता में ही बहुत हुआ महिलाओं पर अत्याचार, अबकी बार मोदी सरकार के नारे पर आई । उसी पार्टी के शासित राज्य में महिलाओं की अस्मिता के साथ सबसे ज्यादा खिलवाड़ होता आ रहा है। अभी बीते दिनों की घटना है, जब प्रदेश अपने स्थापना दिवस की रंगीनियों में धूमिल था, तभी राजधानी में एक लड़की दरिंदगी का शिकार हो जाती है। फिर सूबे में महिलाओं की क्या सामाजिक स्थिति है, उसका अंदाजा लगाया जा सकता है।
कोई खुश तो कोई मायूस
सूबे में नगर निकायों/नगर निगमों की चुनावी सरगर्मी की बयार में कुछ खुश तो कुछ मायूस चेहरे देखने को मिल रहे हैं। वहीं लगभग सभी दलों में देखने को मिल रहा है कि पार्टी के लिए वफादारी करने वाले कार्यकर्ताओं को कहीं तो तवज्जो मिली तो कहीं मौका परस्तों का बोलबाला दिख रहा है। इसके अलावा यह भी चर्चा आम है कि इस माहौल में ‘बाप बड़ा ना भैया…सबसे बड़ा रुपइया…।’
नगर निगम या निकाय चुनावों में प्रत्याशिता का दावा करने वाले जिन कार्यकर्ताओं को मौका नहीं दिया गया वो खुलकर बोल रहे है कि दावेदारी में काम नहीं बल्कि रुपया बोला है। इसके साथ ही मायूसी भरे चेहरे में अपनी खीज मिटाते हुए बोले कि भाई अब तो लगभग सभी दल एक जैसे ही दिख रहे हैं। क्योंकि टिकट तो उन्हीं को मिला है जो या तो जोड़तोड़ यानी कि ‘साम-दाम-दण्ड-भेद’ से काम करने में कामयाब रहे या फिर ‘प्रत्याशिता की बोली’ बोलने में।
हालांकि उनकी बात सच भी दिख रही है क्योंकि जो कार्यकर्ता ‘दावेदारी’ की लालसा में पार्टी के लिए दिनरात एक किए रहे उन्हें ऐन वक्त पर ‘दूध में गिरी मक्खी’ की तरह फेंक दिया गया और ऐसा लगभग सभी दलों में देखने को मिल रहा है। वहीं सुनहरा मौका उन्हें मिल गया जो पार्टी के कार्यक्रमों में कभी दिखे ही नहीं। साथ ही यह भी देखने को मिल रहा है कि जो लोग अपनी शराफत को लिए घूमते रहे उन्हें नजरअन्दाज कर दिया गया और जो दबंगता की आड़ ले ‘मनीराम’ का झोला थमाने में आगे रहे उन्हें ही प्रत्याशी बना दिया गया। तमाम लोग ऐसे भी दिखे जिनके नाम मतदाता सूची से गायब पाये गए तो उन्होंने विरोधियों पर आरोप लगाया कि ‘उनका’ नाम कटवा गया क्योंकि विरोधी जानते थे कि ‘फलाने’ ही जीत सकता है। मतदाता सूची में नाम गायब होने के चलते जो लोग दावेदारी नहीं कर सके उनका चेहरा भी देखने लायक ही था।
अब साफ होती जा रही भाजपा की धुंधली तस्वीर
तीन नगर पंचायतों व दो नगर पालिकाओं के प्रत्याशी किये घोषित, फिरोजाबाद मेयर प्रत्याशी पर नूतन राठौर के नाम की चर्चायें तेज सपा, बसपा, आप, कांग्रेस, एआईएमआईएम पहले ही कर चुके घोषणा, संभावना-शिकोहाबाद में रोचक होगा पालिकाध्यक्ष का चुनाव
फिरोजाबाद, एस. के. चित्तौड़ी। फिरोजाबाद में नगर निकाय चुनाव में भाजपा के प्रत्याशी घोषित न होने के कारण चुनावी तस्वीर साफ नहीं हो रही थी। चुनावी गणितज्ञों में उत्सुकता थी कि आखिर कौन होगा भाजपा का प्रत्याशी, जीतेगी या हारेगी ये आंकलन करने के लिये प्रत्याशी घोषित हो ये जानना जरूरी था, बढ़ती उत्सुकता के बीच भाजपा ने आखिकार कहीं हद तक अपनी धुंधली तस्वीर साफ की और मंगलवार दोपहर तक तीन नगर पंचायतों व दो नगर पालिकाओं पर अपने प्रत्याशी घोषित कर दिये।