लखनऊ। उप्र के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने एक दिवसीय सतत जल प्रबंधन सम्मेलन का दीप प्रज्जवलित कर शुभारंभ किया। अपने संबोधन में मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने कहा कि सतत जल प्रबंधन समय की मांग है। पानी की मांग और आपूर्ति पक्ष पर ध्यान देने की जरूरत है। प्रदेश सरकार पानी की खपत के प्रबंधन के लिये डुअल पाइपिंग की शुरुआत की है, एक पाइप से स्वच्छ जल की आपूर्ति तथा दूसरे पाइप से शोधित (ट्रीटमेंट) जल की आपूर्ति की जाएगी।
उन्होंने कहा कि हमारा देश कृषि प्रधान देश है और कृषि के लिए 84 प्रतिशत जल का उपयोग किया जाता है। जल संरक्षित करने से पहले कृषि पर ध्यान देने की जरुरत है। इसके लिए देश में प्रधानमंत्री जी ने ‘पर ड्रॉप मोर क्रॉप’ अभियान शुरु किया था। पानी की हर बूंद से फसल की पैदावार कर सकें तभी जल संरक्षित हो सकता है।
नेहरू युवा केन्द्र ने की हिंदी पखवाड़े की शुरुआत
बागपत, जन सामना संवाददाता। नेहरू युवा केन्द्र की ओर से युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय भारत सरकार के तत्वावधान में हिंदी दिवस पखवाड़ा कार्यक्रम का शुभारंभ श्री यमुना इंटर कॉलेज से किया गया। जहां शब्द खोजो प्रतियोगिता के माध्यम से युवाओं को हिन्दी भाषा के प्रति जागरूक किया गया। जिसमें नीतीश भारद्वाज, सुषमा त्यागी, ईनाम उल हसन, साहिल, गगन, पूजा, धोनी, अमन कुमार आदि का सहयोग रहा। जनपद के असारा गांव के मुस्लिम इंटर कॉलेज में भी नेहरू युवा केन्द्र के स्वयंसेवको में दानिश व शादाब ने भाषण प्रतियोगिता के माध्यम से हिन्दी भाषा के इतिहास एवं महत्व पर प्रकाश डाला। बरनावा में कंपोजिट स्कूल में स्वयंसेवक अजय कुमार ने चित्रकला प्रतियोगिता व मानव श्रंखला बना हिन्दी दिवस मनाया।
Read More »मुख्य सचिव ने वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के माध्यम से समस्त मण्डलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों के साथ की समीक्षा बैठक
लखनऊ। मुख्य सचिव श्री दुर्गा शंकर मिश्र ने वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के माध्यम से समस्त मण्डलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। बैठक में नमामि गंगे एवं ग्रामीण योजना जलापूर्ति, कृषि, नियोजन, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण आदि विभागों के कार्यों की समीक्षा की गई।
अपने संबोधन में मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में 38 करोड़ से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लग चुकी है। इसके अलावा साढ़े 3 करोड़ बूस्टर डोज आम जनमानस ने लगवा ली है।
उन्होंने सभी मंडलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों को निर्देशित किया कि 15 सितंबर से पहले पद्म अवार्ड के लिए पोर्टल पर सामाजिक कार्य करने वाले ऐसे लोगों के नाम को अपलोड कर दिये जाएं, जिन्होंने जिलों में निःस्वार्थ भाव से कार्य किया हो। उन्होंने कहा कि यूपी में 17 सितंबर से लेकर 2 अक्टूबर तक ‘सेवा पखवाड़ा’ कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा। उत्तर प्रदेश के सभी जनपदों में 17 सितंबर को रक्तदान शिविर का आयोजन किया जाएगा, 18 सितंबर को निशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण का कार्यक्रम होगा। 19 सितंबर को भारत सरकार द्वारा जनकल्याण हित में शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता मिशन सहित अन्य क्षेत्रों में जो कार्य हुए उसकी प्रदर्शनी सभी जनपदों में लगाई जाएगी। 20 सितंबर को शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता अभियान चलाया जाएगा। 21 सितंबर को अमृत सरोवर का कार्यक्रम किया जाएगा। 22 सितंबर को जल ही जीवन कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। सभी जनपदों में 23 सितंबर को एमएसएमई के माध्यम से लोकल फॉर वोकल कार्यक्रम किया जाएगा।
14 सितम्बर को ही क्यों मनाया जाता है हिन्दी दिवस?
आधुनिकता की ओर तेजी से अग्रसर कुछ भारतीय ही आज भले ही अंग्रेजी बोलने में अपनी आन, बान और शान समझतें हों परन्तु सच यही है कि हिन्दी ऐसी भाषा है, जिसे आज दुनिया के अनेक देशों में भी सम्मानजनक दर्जा मिल रहा है और हमारी राजभाषा हिन्दी प्रत्येक भारतीय को वैश्विक स्तर पर सम्मान दिला रही है। हिन्दी विश्व की प्राचीन, समृद्ध एवं सरल भाषा है, जो न केवल भारत में बल्कि दुनिया के कई देशों में बोली जाती है। हिन्दी भाषा को और ज्यादा समृद्ध बनाने के लिए ही प्रतिवर्ष 14 सितम्बर का दिन ‘हिन्दी दिवस’ के रूप में मनाया जाता है और अगले 15 दिनों तक हिन्दी पखवाड़े का आयोजन किया जाता है। अब प्रश्न यह है कि हिन्दी दिवस प्रतिवर्ष 14 सितम्बर को ही क्यों मनाया जाता है और इसे मनाए जाने की शुरूआत कब हुई?
दरअसल भारत बहुत लंबे समय तक अंग्रेजों का गुलाम रहा और उस दौरान हमारे यहां की भाषाओं पर भी अंग्रेजी दासता का बहुत बुरा प्रभाव पड़ा। यही कारण रहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने हिन्दी को ‘जनमानस की भाषा’ बताते हुए वर्ष 1918 में आयोजित ‘हिन्दी साहित्य सम्मेलन’ में इसे भारत की राष्ट्रभाषा बनाने को कहा था। सही मायने में तभी से हिन्दी को राष्ट्रभाषा का दर्जा दिलाने के प्रयास शुरू हो गए थे। जब देश आजाद हुआ तो सर्वप्रथम 12 सितम्बर 1947 को संविधान सभा में हिन्दी को राजभाषा बनाने के प्रावधान का प्रस्ताव गोपालस्वामी आयंगर ने रखा था, जो स्वयं एक अहिन्दीभाषी दूरदर्शी नेता थे। सभा की 12 से 14 सितम्बर तक चली तीनदिवसीय बहस में कुल 71 लोगों ने हिस्सा लिया था। लंबे विचार-विमर्श के बाद 14 सितम्बर 1949 को संविधान सभा ने एक मत से निर्णय लिया कि हिन्दी ही भारत की राजभाषा होगी। उसके बाद भारतीय संविधान के भाग 17 के अध्याय की धारा 343 (1) में हिन्दी को राजभाषा बनाए जाने के संदर्भ में अंकित कर दिया गया, ‘‘संघ की राजभाषा हिन्दी और लिपि देवनागरी होगी। संघ के राजकीय प्रयोजनों के लिए प्रयोग होने वाले अंकों का रूप अंतर्राष्ट्रीय रूप होगा।’’ इस महत्वपूर्ण निर्णय के बाद हिन्दी को हर क्षेत्र में प्रसारित करने के लिए राष्ट्रभाषा प्रचार समिति वर्धा के अनुरोध पर 1953 से देशभर में 14 सितम्बर को हिन्दी दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।
जीते जी रक्तदान, जाते वक्त नेत्रदानः रामसेवक
बागपत, जन सामना संवाददाता। मंगलवार को एनएस पब्लिक स्कूल काठा में नेत्रदान जागरूकता पखवाड़े के अंतर्गत नेत्रदान पोस्टर पेंटिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें 11 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया।
निर्णायक मंडल ने पोस्टर व पेंटिंग प्रतियोगिता में प्रथम स्थान अनन्या धामा एवं द्वितीय स्थान तनु ने प्राप्त किया। स्लोगन राइटिंग में प्रथम स्थान हनी बैसला एवं द्वितीय स्थान वंश ने प्राप्त किया। सभी विजेता प्रतियोगियों को जियालाल प्रेमवती मेमोरियल सर्टिफिकेट ट्रॉफी व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर विद्यालय के प्रधानाचार्य रामसेवक शर्मा ने कहा कि जीते जी रक्तदान जाते-जाते नेत्रदान को जीवन का लक्ष्य बनाना चाहिए। स्कूल के चेयरमैन आनंद चौधरी ने कहा नेत्रों के बिना मानव का जीवन अधूरा है इसलिए हमें सबको मिलकर नेत्रदान के लिए समाज को जागरूक करने का प्रयास करना चाहिए। मरणोपरांत नेत्रदान करा कर दो व्यक्तियों के जीवन को रोशन करना चाहिए।
दुर्गापूजा के अवसर पर साफ सफाई रखने का दिया निर्देश
जौनपुर। जनपद में दुर्गा पूजा धूमधाम से मनाए जाने के सम्बंध में जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा की अध्यक्षता में कलेक्ट्रट सभागार में दुर्गा पूजा समिति के पदाधिकारियों व अधिकारियों के साथ बैठक संपन्न हुई।
बैठक में जिलाधिकारी ने अधिशासी अधिकारी नगर पालिका सन्तोष कुमार को निर्देश दिया कि साफ-सफाई रहे। जिलाधिकारी ने अधीक्षण अभियंता को निर्देश दिया कि खराब ट्रांसफर बदल दिए जाएं। जो खुले में रखे गए हों उन्हें ढकने की व्यवस्था तत्काल किया जाये, जर्जर तार कही हो तो बदल दिए जाएं। जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि त्योहार के दौरान पुलिस व्यवस्था चाक चौबंद रहे। महिला पुलिस भी सक्रिय रहे। सोशल मीडिया पर विशेष निगरानी की जाए।
प्रधानमंत्री के जन्मदिन पर रक्तदान कर मरीजों की जिंदगी बचाने का लें संकल्पः ब्रजेश पाठक
-डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने प्रदेश की जनता से स्वैच्छिक रक्तदान की अपील की
-17 सितंबर को धूमधाम से मनाया जाएगा प्रधानमंत्री का जन्मदिन
लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का जन्मदिन 17 सितंबर को धूमधाम से मनाया जाएगा। इस दिन को यादगार बनाने के लिए स्वैच्छिक रक्तदान करें ताकि मानवता की सेवा की जा सके। यह अपील डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने प्रदेश की जनता से की है।
डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने कहा कि प्रधानमंत्री जी देश सेवा में लगे हैं। लगातार देश तरक्की कर रहा है। चाहे सुरक्षा की बात या फिर आर्थिक मामलों की। प्रधानमंत्री की अगुवाई में देश ने कोरोना महामारी से डटकर मुकाबला किया। दुनिया के सामने भारत ने मिसाल पेश की है। देश रोज नए आयाम गढ़ रहा है।
रक्तदान अमृत महोत्सव के रूप में मनाएं: भारत के प्रधानमंत्री के जन्मदिन रक्तदान अमृत महोत्सव के रूप में मनाया जाए। प्रदेश के अस्पतालों में रक्तदान शिविर लगाए जाएंगे। ताकि जरूरतमंद मरीजों के लिए रक्त जुटाया जा सके। डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने कहा युवा रक्तदान शिविर में बढ़चढ़ कर हिस्सा लें। 18 वर्ष से अधिक उम्र का कोई भी स्वस्थ्य व्यक्ति रक्तदान कर सकता है। रक्त का कोई दूसरा विकल्प नहीं है। लिहाजा रक्त की एक बूंद भी मरीज की जिंदगी बचाने में अहम भूमिका निभा सकती है।
चौधरी चरण सिंह के गुणगान से किसान का सम्मानः लक्ष्मीनारायण
-गन्ना विकास मंत्री ने किया टैबलेट स्मार्ट फोन वितरण
बागपत, जन सामना संवाददाता। उत्तर प्रदेश में बागपत के बिनौली क्षेत्र स्थित ग्वालीखेडा के माँ अम्बा बालिका डिग्री कालेज में मंगलवार को हुए कार्यक्रम में प्रदेश सरकार के केबिनेट मंत्री लक्ष्मीनारायण चौधरी ने राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय अध्ययन केंद्र पर अध्ययनरत छात्र छात्राओं को टैबलेट व स्मार्ट फोन वितरित किए।
इस अवसर पर गन्ना विकास व चीनी उद्योग मंत्री लक्ष्मीनारायण ने कहा कि किसान जब तक रहेगा तब तक बागपत व चौधरी चरण सिंह का गुणगान होता रहेगा। महर्षि दयानन्द ने समाज व राष्ट्र को विचारधारा दी। जिसके चलते आज नारी शक्ति का सम्मान हो रहा है। किसी भी देश की तरक्की में महिलाओं की पचास फीसदी की भागीदारी है। शिक्षा के बिना समाज की उन्नति नही हो सकती। प्रदेश सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में ऐतिहासिक कार्य किया गया है।
विधायक ने टेबलेट एवं स्मार्टफोन वितरित किये
कानपुर। गोविंद नगर विधानसभा के विधायक सुरेंद्र मैथानी ने जनता एवं सिद्धार्थ आई टी आई में बच्चों को टेबलेट एवं स्मार्टफोन वितरित किया
विधायक ने बताया कि आईटीआई में 25 बच्चों को टेबलेट व स्मार्टफोन वितरण किया और आगे भी जो टैबलेट और स्मार्टफोन आएंगे वह आई टी आई द्वारा बच्चों को वितरित कराये जाएंगे।
विधायक ने बताया कि बच्चों को टेबलेट स्मार्टफोन मिल जाने से शिक्षा ग्रहण करने में आसानी होगी और देश विदेश की जानकारी भी रख सकेंगे और अपनी शिक्षा से रिलेटेड हर एक जानकारी उनके टेबलेट स्मार्टफोन पर होगी जिससे वह शिक्षा के क्षेत्र में उन्नति कर सकेंगे।
विधायक ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा यह पहल एक अपने आप में अनूठी पहल है जिससे बच्चे शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ पाएंगे। यह भी कहा कि इसको देखकर अशिक्षित बच्चे शिक्षा की ओर अग्रसर होंगे और शिक्षा के क्षेत्र में हर युवा पढ़ेगा
सेनाओं को हटाने का निर्णय
गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स पीपी-15 के क्षेत्र में भारत और चीन का सेना हटाने का निर्णय बहुत अच्छा है। किंतु इसका ईमानदारी से पालन किया जाना चाहिए, क्योंकि चीन की ओर से ऐसा होता नहीं है। उस पर आंख बन्द करके भरोसा नहीं किया जाना चाहिये। चीन अपनी बात पर प्रायः टिकता नहीं है। वह एक जगह समस्या खत्म करता है। दूसरी जगह नया मोर्चा शुरू कर देता है। इसी लिये कहा जाता है कि चीन हमेशा अपनी कला दिखाने से बाज नहीं आता है। हालांकि सुर्खियों की मानें तो लद्दाख सीमा से अच्छी खबर है और गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स पीपी-15 के क्षेत्र में भारतीय और चीनी सैनिकों ने समन्वित और नियोजित तरीके से पीछे हटना शुरू कर दिया है। भारत-चीन की ओर से संयुक्त बयान में ये जानकारी दी गई। रक्षा मंत्रालय ने बताया कि भारत-चीन कोर कमांडर स्तर की बैठक के 16वें दौर में बनी आम सहमति के अनुसार, गोगरा-हॉटस्प्रिंग्स के क्षेत्र में भारतीय सैनिकों और चीनी सैनिकों ने समन्वित व नियोजित तरीके से पीछे हटना शुरू कर दिया है। यह एक सुखद संकेत है और इससे सीमावर्ती क्षेत्रों में शांतिपूर्ण माहौल बनाने में सहायता मिलेगी।
वहीं सेना के पीछे हटने के बारे में बताया कुछ भी जा रहा हो किंतु सच्चाई यह है कि चीन सेना हटाने को लेकर इसलिए सहमत हुआ क्योंकि 15-16 सितंबर को उज्बेकिस्तान में शंघाई सहयोग संगठन का वार्षिक शिखर सम्मेलन है। सम्मेलन में भारत के प्रधानमंत्री और चीनी राष्ट्रपति शामिल होंगे। शायद चीन को ऐसा महसूस हुआ होगा कि इस तनावपूर्ण माहौल में बैठक की कामयाबी की उम्मीद नही की जा सकती। वहीं यदि उज्बेकिस्तान में यह बैठक न होती तो चीन शायद कभी भी अपनी हरकत से बाज न आता। उसकी सेनाएं कतई पीछे नहीं हटायीं जातीं! क्यों ऐसा ही नजारा डोकलाम विवाद के समय हुआ था। तीन माह से भारत और चीन की सेना यहां आमने-सामने थीं। चीन यहां सड़क बनाने पर अड़ा था और भारत को इस पर कड़ी आपत्ति थी।