हमीरपुर। समाजसेवी अशोक कुमार निषाद गुरू ने बताया कि आज खून के रिश्ते को दुनिया का सबसे अटूट बंधन माना जाता है और अपनी रगों में बहते खून के चंद कतरे ‘‘दान’’ करके ऐसे अनजाने लोगों से भी खून का रिश्ता जोड़ लिया जो जरूरत के वक्त आपसे मिले इस तोहफे के दम पर नया जीवन पाकर उम्रभर खून के ऋणी रहेंगे। विश्वनाथ अहिरवार पिता जग्गनाथ निवासी रमेडी को ब्लड की जरूरत पड़ने पर भरुआ से बी पांजिटिव ब्लड डोनेट करने आये आशीष गुप्ता। ‘रक्तदान’’ को ‘‘महादान’’ कहा गया है, लेकिन आज भी बड़ी संख्या में लोगों की मौत समय पर खून न मिलने के कारण हो रही है। बहुत से लोग रक्तदान के महत्व को समझते हैं और आजीवन रक्तदान के लिये सदैव अग्रणी रहते है। रक्तबीर योद्धा को बुंदेलखंड रक्तदान समिति हृदय से आभार ब्यक्त करती है। इस मौके पर सहयोगी मित्र अंजली, प्रीति अशोक निषाद गुरु अंकुर मौजूद रहे।
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