टूंडला, जन सामना संवाददाता। नगर कांग्रेस कमेटी की बैठक में भाजपा द्वारा किसानों के माफ किए गए ऋण को दिखावा बताया गया। पं. श्याम सुंदर शर्मा ने कहा कि किसानों को आंशिक नहीं बल्कि पूरा कर्ज माफ करना चाहिए। एक लाख तक ऋण माफ करने की घोषणा मात्र एक दिखावा है। वरिष्ठ उपाध्यक्ष अनिल उपाध्याय ने कहा कि कांग्रेस हमेशा से किसानों की हितैशी रही है। किसानों की समस्याओं को लेकर कांग्रेस ने सडक से संसद तक आंदोलन किया है।
Read More »राष्ट्रहित में काम करेगा बजरंग दल
टूंडला, जन सामना संवाददाता। बुधवार को बजरंग दल की बैठक स्टेशन रोड पर राघवेन्द्र सिंह के आवास पर हुई। जिसमें संघ, विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल को मजबूत बनाने पर विचार विमर्श किया गया। बजरंल दल के जिला संयोजक संतोष कुमार वशिष्ठ ने कहा कि युवाओं की भागेदारी राष्ट्रहित में होना जरूरी है। उसके लिए युवाओं को बजरंग दल से जुडकर समाज हित में काम करना होगा। आशू चक ने कहा कि भारतीय संस्कृतिक की रक्षा करना हम सभी का कर्तव्य है। बजरंग दल हिंदू सभ्यता और संस्कृतिक को बचाने की लडाई लडता है। नवल त्यागी ने नगर के हर गली मुहल्लों में बजरंग दल के कार्यकर्ता होने की अपील की।
Read More »गाजे-बाजे के साथ निकली निषादराज की शोभायात्रा
फिरोजाबाद, जन सामना संवाददाता। महाराज गुहराज निशाद जयंती महोत्सव एवं भव्य शोभायात्रा आज बुधवार को बड़े ही धूमधाम के साथ निकाली गई। इस अवसर पर नगर के रामचन्द्र पालीवाल हाॅल में एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें सर्वसमाज के लोग मौजूद रहे।
महाराज गुहराज निशाद की जयंती बड़े ही धूमधाम के साथ गांधी पार्क से शुरू होकर विवेकानंद चोक, सेन्ट्रल चैराहा, गंज चैराहा, शास्त्री मार्केट, सदरबाजार, घंटाघर चैराहा, थाना दक्षिण, गल्ला मण्डी, चन्द्रवार गेट, रामनगर, छारबाग स्थित महाराज गुहराज निशाद की प्रतिमा स्थल पर जाकर सम्पन्न हुई। शोभायात्रा में लगभग आधा दर्जन झांकिया शामिल रहीं। शोभायात्रा के आगे काली-आखड़ चल रहे थे।
राम जन्म की कथा सुन झूमे श्रद्धालु
राम नवमीं पर मनाया गया भगवान राम का जन्मोत्सव
सरस्वती शिशु मंदिर में चल रहा है श्रीराम महोत्सव
टूंडला, जन सामना संवाददाता। नगर के सरस्वती शिशु मंदिर में चल रहे श्रीराम जन्मोत्सव महोत्सव में बुधवार को श्रीराम जन्म की कथा का वर्णन किया गया। इस दौरान श्रद्धालु भगवान राम के जन्म की कथा सुन भक्ति में सराबोर हो गए।
बुधवार को श्री राम नवमीं के अवसर पर श्रीराम जन्मोत्सव का आयोजन बडी ही धूमधाम के साथ किया गया। कथा वाचक रामप्रिया शरण ने कहा कि अवध में भगवान राम का प्राकट्योत्सव होने की तैयारी चल रहीं थी। समस्त अयोध्या वासी भगवान राम के स्वागत को तैयार थे। अवध में हर्षोल्लास का माहौल था। अयोध्यावासी संकट की घडी में तारनहार के आने का इंतजार कर रहे थे। 12 बजते ही श्रीराम का जन्म हुआ।
रजिस्ट्री कार्यालय में बैनामा करने के नाम पर खुलेआम मांगी जा रही है रिश्वत
पीड़ित ने एसीओ कार्यालय लखनऊ को भेजी शिकायत
टूंडला, जन सामना संवाददाता। केन्द्र और प्रदेश सरकार भले ही भ्रष्टाचार के विरूद्ध सख्त कदम उठाने की बात कर रही हों लेकिन बावजूद इसके तहसील स्थित रजिस्ट्री कार्यालय में खुलेआम रिश्वत मांगी जा रही है। पीड़ित ने एसीओ कार्यालय लखनऊ में रजिस्ट्री भेजकर शिकायत की है।
नगर के ख्यालीराम का अहाता निवासी भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष रामनिवास उपाध्याय ने एडीजी एनटी करप्शन आर्गनाइजेशन से की शिकायत में लिखा है कि तहसील स्थित रजिस्ट्री कार्यालय में रजिस्ट्री करने के नाम पर एक प्रतिशत मांगा जाता है। यही नहीं एक प्रतिशत न देने पर बैनामा के कागजों पर हस्ताक्षर नहीं किए जाते हैं। विरोध करने पर हस्ताक्षर करने से इंकार कर दिया जाता है। चार अक्टूबर और 26 अक्टूबर 2016 में मुख्त्यारनामा परिवर्तन मोटी रकम लेकर पंजीकृत किए गए हैं।
नगर में धूमधाम से निकाली गई मां दुर्गा की शोभायात्रा
फिरोजाबाद, एस. के. चित्तौड़ी। नगर में दुर्गाष्टमी के अवसर पर मां दुर्गा की शोभायात्रा धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। नगर के विभिन्न मार्गो से होती कैला देवी भवन पहुंची यात्रा का जगह जगह भव्य स्वागत किया गया।
मां दुर्गा सेवा समिति के तत्वावधान में परंपरागत रूप से निकाली जाने वाली दुर्गा जी शोभायात्रा इस बार भी पूरे हर्शोल्लास एवं धूमधाम के साथ निकली। शोभायात्रा का शुभारम्भ शिकोहाबाद विधायक मुकेश वर्मा एवं नगर मजिस्ट्रेट सुरेद्र बहादुर ने किया। इस मौके पर माता की आरती उतारी गई।शोभायात्रा सदर बाजार स्थित राधाकृष्ण मंदिर से प्रारम्भ होकर घंटाघर चैराहा, सदर बाजार, शास्त्री मार्केट, गंज मौहल्ला, सेन्ट्रल चैराहा, बर्फखाना चैराहा, डाकखाने चैराहा, होते हुये रामलीला ग्राउण्ड कैला देवी भवन जाकर सम्पन्न हुई।
चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली में सुधार की महती आवश्यकता है
किसी भी लोकतान्त्रिक देश में लोकतन्त्र को सफल और सार्थक बनाने का प्रमुख दायित्व उस देश में चुनाव सम्पन्न कराने वाली संस्था का होता है। विश्व के सबसे बड़े लोकतन्त्र वाले देश भारत में इस दायित्व का निर्वहन करने वाली संस्था का नाम चुनाव आयोग है। भारत की इस अति महत्वपूर्ण संस्था की कार्यप्रणाली पर यदा-कदा प्रश्नचिन्ह लगते रहते हैं। कभी मतदाता सूची में गड़बड़ी के लिए, कभी ऊटपटांग परिसीमन के लिए, कभी फर्जी मतदान के लिए, कभी मतदान केन्द्रों पर अव्यवस्था के लिए तो कभी ई.वी.एम. में गड़बड़ी के लिए। आधी-अधूरी तैयारी के साथ आनन-फानन चुनावों की घोषणा करने में भारत का चुनाव आयोग अब माहिर हो चुका है। ऐसे में लोकतान्त्रिक प्रक्रिया की दूरगामी सफलता पर प्रश्नचिन्ह लगना स्वाभाविक है।
चुनाव आयोग कितने भी दावे क्यों न कर ले परन्तु त्रुटिरहित चुनाव संपन्न कराने की स्थिति में फिलहाल तो वह नहीं है। मतदाता सूची में नाम की गलतियाँ वह आज तक नहीं सुधार पाया है। सबसे हास्यास्प्रद स्थिति तो तब उत्पन्न होती है जब चुनाव आयोग स्वयं के ही द्वारा जारी किये गये मतदाता पहचान-पत्र को मतदाता सूची में नाम न होने की स्थिति में अस्वीकार कर देता है। किसी व्यक्ति के पास यदि चुनाव आयोग द्वारा जारी किया गया पहचान-पत्र है तो इसका तात्पर्य यही है कि सम्बंधित व्यक्ति ने आयोग द्वारा बनायी गयी उस प्रक्रिया को विधिवत पूरा किया है जो मतदाता बनने के लिए आवश्यक है। इसके बाद चुनाव के समय मतदाता सूची में नाम सुरक्षित रखने का सम्पूर्ण दायित्व आयोग का ही है न कि उस व्यक्ति का।
नारी के उत्थान के सपने सिर्फ नारी विमर्श से नही संजोये जा सकते
जालौन, जन सामना ब्यूरो। आधुनिक परिवेश में अधिकांश लेखकों द्वारा नारी विमर्श पर सृजन किया जा रहा है जो कि नारी उत्थान का इतिहास स्वर्णिम अक्षरों में रचने में अहम भूमिका निभा सकता है। लेकिन अभी तक के अपने चिर-परिचित अनुभवों को आधार बनाकर यह कहना बिल्कुल भी अनुचित नही होगा कि नारी उत्थान के सपने सिर्फ नारी विमर्श पर लेखन से नही सजोये जा सकते है बल्कि ये लड़ाई ये मुहिम नारी के अधिकारों की है तकदीर एवं तस्वीर बदलने की है तो मुझे लगता है कि इस दिशा में सफलता हासिल करने के लिये सर्वप्रथम नारी को जागरूक होने और अपने अधिकारों को जानने की आवश्यकता है तभी ये लेखन एक सार्थक लेखन सिद्ध हो सकता है हालाँकि इस बात में भी कोई कसर नही है कि लेखन ने समाज को दिशा और दशा दी है इसलिये नारी विमर्श पर हो रहा सृजन भी कंही न कंही महत्वपूर्ण है।
Read More »कांग्रेसियों ने मनाई जगजीवन राम की जयन्ती
कानपुर नगर,जन सामना ब्यूरो। कानपुर महानगर कांग्रेस कमेटी के तत्वाधान में कांग्रेस मुख्यालय तिलक हाल में भारत के पूर्व उप प्रधानमंत्री स्व0 जगजीवन राम की जयन्ती के अवसर पर उनके तैलचित्र पर माल्यापर्ण किया गया। इस अवसर पर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष हर प्रकाश अग्निहोत्री ने कहा कि बाबू जी एक व्यक्ति नही विचार थे। उन्होने अपने राजनैतिक जीवन का शंखनाद कलकत्ता से शुरू किया। जब गांधीजी ने अंग्रेजों भारत छोडो का नारा दिया तो बाबू जी ने भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। अतं में वह गिरफ्तार कर लिये गये। देश की स्वतंत्रता के बाद वह कई बार भारत सरकार के मंत्री रहे, जिसमें रक्षा, कृषि, संचार व रेल मंत्री आदि पद को पूर्ण निष्ठा से निभाते हुए भारत के उप प्रधानमंत्री होने का गौरव भी प्राप्त किया। वर्तमान समय में नवयुवकों को उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व से सीख लेने की बात कही।
Read More »जिनकी आँखे खुली नहीं, वो कहते ‘रात’ है……..
मेरा ख्याल है कि ‘कबूतर और बिल्ली’ वाली कहावत तो सब जानते ही होंगे। अगर नहीं भी जानते हैं तो उसका भाव यह है- कि यदि आप किसी भी समस्या को सम्मुख देखकर, उससे किनारा करने का प्रयास करें, तो वह खुद-ब-खुद सामने से नहीं जाएगी, बल्कि उसे हटाने के लिए हमें सतत प्रयास करना पड़ेगा। गीता में भगवान ने भी अर्जुन से यही कहा था कि- हालांकि मैं सब जानने वाला हूँ। फिर भी-ये यथा मां प्रपद्यन्ते तांस्तथैव भजाम्यहम्। मम वर्त्मानुवर्तन्ते मनुष्याः पार्थ सर्वशः। अर्थात मैं हर व्यक्ति को उसके कार्य के लिए प्रयुक्त तो करता हूँ लेकिन कार्य उसे ही करना पड़ता है। निष्कर्षतः अपना काम स्वयं ही करना पड़ता है। समस्याओं से मुँह चुरा लेने मात्र से समस्या भागती नहीं है, बल्कि वह और बढती है।
इसी संदर्भ में यदि हम देखें तो कई समस्यायें ऐसी हैं, जिनकी तरफ से हम इतने ज्यादा उदासीन हैं कि हमारा ध्यान कभी उधर जाता ही नहीं। जाता भी है तो हम उस पर बात ही नहीं करना चाहते हैं। ऐसा ही एक मुद्दा है ‘श्रीराम मंदिर’। आखिर हम इतने पवित्र मुद्दे में एक-दूजे से इतने मतभेद क्यूँ बनायें हुए हंत ? क्यूँ नहीं साधारण तरीके से बिना किसी जोर-जबरदस्ती के इसे निपटाना चाहते हैं ? क्यूँ हमेशा यह मुद्दा आते ही हमारे मन में एक डर और भय का माहौल क्रीयेट हो जाता है? दरअसल यह डर, लज्जा,संकोच एक दो दिन का नहीं है। यह सालों से प्रायोजित तरीके से हमारे मनोमष्तिष्क में बैठाया गया है, इतिहास की गलत जानकारी देकर। एक बात और, यदि आपको लगता है कि हर लड़ाई में सिर्फ नेताओं द्वारा ही आग भड़काई जाती है। तो ध्यान दीजिये, आप गलत हैं। इस लड़ाई में आग लगाने का काम नेताओं की बजाय चाटुकार इतिहासकारों ने किया है।