Wednesday, November 20, 2024
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सन् 2020, बीस शहादत, बीस दिन, बीस बड़े झटके : चीन चारों खाने चित्त

चीन की एक बड़ी गलती उसे अभी और कितनी महंगी पड़ने वाली है, यह चीन सपने में भी नहीं सोच सकता। १९६२ के उस सीधे-सादे, शांति प्रिय भारत को दिमाग में रख चीन जो हिमाकत की, उसे २०२० का भारत जो सीधा भी है, शांति प्रिय भी मगर उसकी शांति में खलल डालने वालों को वह छोड़ता भी नहीं। शायद उसे यह मालूम न था कि यह २०२० का भारत आज विश्व पटल पर एक चमकता सितारा है, उसके साथ चालबाजियां उसे बर्दाश्त नहीं। यह चाणक्य का देश है, जिन्होंने पूरे विश्व को राजनीति व कूटनीति के गुर सीखाए हैं, उसी से कूटनीति कर बहुत बड़ी गलती कर दी खामियाजा तो भुगतना ही पड़ेगा। बीस दिन पहले चीन की अवैधानिक प्रतिक्रिया के खिलाफ भारतीय सेना के विरोधी कार्यवाही में दोनों देशों की सेनाओं के बीच गलवान घाटी में हिंसक झड़प के बाद हमारे बीस जवानों की शहादत पर पूरा देश चीन का खात्मा चाहता है। दोनों देशों के बीच तब से अभी तक तनाव जारी है। किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए भारत हर तरह से, चीन के खिलाफ हर मोर्चे पर पुख्ता तैयारी कर रहा है, फिर चाहे वो आर्थिक हो, सामरिक हो या फिर कूटनीतिक, सबमें चीन पर भारी पड़ता जा रहा है। ऐसे में पूरे चीनी खेमे में भारत से उलझने की गलती के कारण यह डर व्याप्त हो चुका है कि अगली सुबह भारत की प्रतिक्रिया कैसी रहेगी या यों कहें कि जबसे यह हिंसक झड़प हुई है, तब से हर दिन चीन के ऊपर किसी न किसी प्रकार का हमला भारत के द्वारा जारी है।

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फर्जी शिक्षकों की धरपकड़ के लिए परिषदीय शिक्षकों से मांगा गया 32 बिंदुओं पर जवाब

कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। प्रदेश में फर्जी शिक्षकों के मामले में रोज नये-नये प्रकरण सामने आते जा रहे हैं। परिषदीय विद्यालयों में फर्जी शिक्षकों की भरमार है। सरकार भी इस मामले पर गम्भीर हो गई है। सरकार ने सिर्फ बेसिक, माध्यमिक ही नहीं बल्कि उच्च शिक्षण संस्थानों के फर्जी शिक्षकों की धरपकड़ शुरू कर दी है। पूर्व की सरकारों में बेसिक शिक्षा विभाग में सबसे अधिक फर्जी शिक्षक नियुक्त किये गये हैं। इसे देखते हुये सरकार ने बेसिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत वर्ष 2010 से अब तक की सभी शिक्षक भर्तियों की जांच नये सिरे से शुरू कर दी है इसके लिए विभिन्न जांच समितियों का गठन किया गया है। समिति में अब बेसिक शिक्षा अधिकारी को भी शामिल किया गया है। जांच के दायरे में आये शिक्षक-शिक्षिकाओं को एक 3 पेज का फॉर्म भरना होगा जिसमें 32 बिंदुओं पर जानकारी दर्ज करनी होगी। फॉर्म जमा होने के बाद जांच कमेटी सभी दस्तावेजों का सत्यापन करेगी।

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योगी सरकार में अपराधियों का बोलबाला -यशवंत सिंह यादव

भदोही, जन सामना ब्यूरो। ज्ञानपुर भदोही समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता यशवंत सिंह यादव ने अपने एक अनौपचारिक बातचीत में कानपुर मे पुलिस पर अपराधियों के तरफ से किये गये अंधाधुंध फायरिंग से आठ उच्च सिपाहियों के शहीदों पर चिंता जताते हुए कहा की पूरे प्रदेश मे अपराध हत्या बलात्कार की घटनाओं में तेजी से इजाफा हुआ है। उन्होंने आरोप लगाया की भाजपा की योगी सरकार अपराधियों पर अंकुश लगाने में पूरी तरह से विफल है। इस सरकार में अपराधियों के हौसले बुलंद है कहा कि इस गोलीकांड की घटना ने योगी सरकार के हकीकत को उजागर कर के रख दिया है। उन्होंने आरोप लगाया की योगी सरकार में पूरे प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी हैं। यह सब केंद्र की मोदी सरकार एंव प्रदेश की योगी सरकार के नाकामी का नतीजा हैं। जो हमारे जवान, पुलिसकर्मी देश के सीमा पर या फिर प्रदेश मे अपराधियों के हाथों शहीद हो रहे है कहा की योगी राज में बदमाशों के हौसले इतने बुलंद हैं की ना तो उन्हें योगी सरकार से भय है ना ही प्रदेश के पुलिस और प्रशासन का डर भय हैं ! श्री यादव ने आरोप लगाया की प्रदेश भर मे  गुंडे माफियाओं का ही बोलबाला है ऐसा प्रतिक होता है की अपराधियों को भाजपा सरकार के ही लोग संरक्षण देने का काम कर रहे हैं। वही युवा सपा नेता इंजीनियर अजीत यादव ने भी उत्तर प्रदेश में बढते अपराध पर चिंता जताते हुए कहा की जल्द ही अपराधियों पर योगी सरकार अंकुश नहीं लगाती है तो यही अपराधी बेलगाम होकर अपराधिक घटनाओं को अंजाम देना शुरु कर देते है और सबकुछ जानते हुए भी योगी सरकार कुंभकर्णी निंद सो रही है। यही कारण है की अब प्रदेश की जनता भाजपा सरकार से उब गई है और आनेवाले समय मे भाजपा सरकार को हटाकर ही दम लेगी।

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विकास दुबे को सोशल मीडिया पर बनाया जा रहा हीरो

कानपुर नगर, अर्पण कश्यप। कुख्यात बदमाश विकास दुबे और उसके साथियों से मुठभेड़ में शहीद हुए पुलिसकर्मियों के बाद जहां प्रदेशभर में लोग शोकाकुल हैं वहीं, काकादेव के कोचिंग संचालक किलकिल ने सोशल मीडिया पर विकास दुबे को शेर बताकर एक पोस्ट लिखी, जिसमें लिखा कि ब्राहमण होतो विकास दुबे जैसा शेर, दुर्बल जनता को नहीं बल्कि पुलिस को मारा है। सेल्यूट यू विकास दुबे जी। सोशल मीडिया पर ये पोस्ट वायरल होते ही काकादेव पुलिस ने किलकिल पर आईटी एक्ट सहित धारा में रिपोर्ट दर्ज की गई।
महिला पर भी दर्ज हुई रिपोर्ट
किलकिल ही नहीं एक महिला पर भी सोशल मीडिया पर विकास दुबे को ब्राहृमण बताकर भ्रामक पोस्ट करने पर फजलगंज पुलिस ने साइबर सेल की मदद से मुकदमा दर्ज किया।

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अधिकारी व कर्मचारी कार्य के प्रति रहे संवेदनशील, लापरवाही पर होगी कार्यवाही: नोडल अधिकारी

शासन के आदेशों का हर हाल में किया जाये पालन: अनुराग पटेल
कानपुर देहात, जन सामना ब्यूरो। जनपद के कोविड-19 नोडल अधिकारी आईएएस अनुराग पटेल ने रसूलाबाद सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, एम्बुलेंस 102, 108 चिकित्सकों व पैरा मेडिकल स्टॉफ की उपस्थिति, पुरुष व महिला वार्ड के शौचालय, कोविड हेल्प डेस्क-नगर पंचायत कार्यालय, ब्लॉक कार्यालय, तहसील व थाना रसूलाबाद का निरीक्षण किया तथा 2 निगरानी समिति नगर पंचायत रसूलाबाद के अध्यक्ष व सदस्यों से बातचीत भी की।
नोडल अधिकारी ने रसूलाबाद तहसील क्षेत्र का निरीक्षण किया गया इस दौरान उन्होंने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रसूलाबाद का निरीक्षण के दौरान जहां वार्ड के शौचालयों में गंदगी मिली वही डॉक्टरों अनुपस्थित मिले पर कडी नाराजगी जाहिर की। वहीं एंबुलेंस का निरीक्षण करते हुए एम्बुलेंस संचालक को निर्देश दिये कि एम्बुलेंस में सभी उपकरण उपलब्ध रहे तथा साफ सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाये।

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पद्म पुरस्कार-2021 के लिए नामांकन की अंतिम तिथि 15 सितंबर, 2020

नई दिल्ली, जन सामना ब्यूरो। गणतंत्र दिवस, 2021 के अवसर पर घोषित किए जाने वाले पद्म पुरस्कारों के लिए ऑनलाइन नामांकन/सिफारिश की अंतिम तिथि 15 सितंबर, 2020 है। पद्म पुरस्कारों के लिए नामांकन की शुरुआत 1 मई, 2020 से हो चुकी हैं। पद्म पुरस्कारों के लिए नामांकन/सिफारिशें केवल पद्म पुरस्कार https://padmaawards.gov.in/ पोर्टल पर ऑनलाइन माध्यम से ही प्राप्त की जाएंगी।
पद्म पुरस्कारों में पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्मश्री देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कारों में शामिल हैं। 1954 में स्थापित किए गए इन पुरस्कारों की घोषणा प्रत्येक वर्ष गणतंत्र दिवस के अवसर पर की जाती है। यह पुरस्कार ‘काम में विशिष्टता’ की पहचान करने का प्रयास करता है और कला, साहित्य, शिक्षा, खेल, चिकित्सा, सामाजिक कार्य, विज्ञान, इंजीनियरिंग, सार्वजनिक मामलों, सिविल सेवा, व्यापार और उद्योग आदि जैसे सभी क्षेत्रों/विषयों में विशिष्ट और असाधारण उपलब्धियों/सेवाओं के लिए प्रदान किया जाता है। इन पुरस्कारों के लिए लिये व्यवसाय, स्थिति या लिंग आदि बिना किसी भेदभाव के सभी व्यक्ति पात्र हैं। सरकारी कर्मचारी, सार्वजनिक उपक्रमों के कर्मचारी, डॉक्टर और वैज्ञानिक इन पद्म पुरस्कारों के लिए पात्र नहीं हैं।

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निजी स्कूल संचालकों और शिक्षा माफियाओं के दबाव से हटकर ले स्कूल खोलने का फैसला

कोरोना संकट के बीच में शिक्षा मंत्रालय ने आदेश जारी किया है कि राज्य सरकार चाहे तो जुलाई से स्कूलों को खोल सकती है। इसी बीच करीब 5 से ज्यादा राज्य सरकारों ने जुलाई से स्कूलों को खोलने के आदेश भी जारी कर दिए हैं मगर प्रश्न और चिंता की बात ये है कि क्या स्वास्थ्य मानकों को पूरा करते हुए स्कूल प्रबंधन स्कूल खोलने को तैयार है और पूरे देश भर में क्या जुलाई से खुलने वाले स्कूलों में अभिभावक अपने बच्चों को भेजने को तैयार भी है या फिर वो इस वक्त अपने बच्चों के भविष्य और जान को लेकर असमंजस कि स्थिति में है.स्कूल खुले तो कोरोना वायरस संक्रमण पर काबू पाना मुश्किल हो जाएगा, क्योंकि अभी लगातार कोरोना पॉजिटिव केस बढ़ रहे हैं। ऐसे बिगड़े हालात में अगर स्कूल खुले और बच्चों को विद्यालय भेजा गया तो संक्रमण फैलाव पर काबू पाना और भी मुश्किल हो जाएगा। अधिकांश सरकारी और निजी विद्यालयों के अंदर प्रत्येक बच्चे के लिए अलग से शौचालयों का प्रबंध कर पाना मुश्किल है और सामुदायिक दूरी के नियमों का अनुपालन भी संभव नहीं है।

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मोर्चे पर महिलाओं के बढ़ते कदम -डॉo सत्यवान सौरभ

भारत में सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश ने महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन और कमांडिंग ऑफिसर के स्तर तक उठने के समान अवसर के लिए रास्ता साफ कर दिया तो उधर पाकिस्तान में पहली महिला जनरल की खबर सुर्ख़ियों में है। दुनिया में आज हर क्षेत्र में महिलायें आगे बढ़ रही है और ऐतिहासिक उपलब्धियां हासिल कर रही हैं. भारतीय इतिहास नारी की त्याग-तपस्या की गाथाओं से भरा पड़ा है। किसी युग में महिलाएं पुरुषों से कमतर नहीं रहीं। वैदिक युग में महिलाएं युद्ध में भी भाग लेती थीं।
हालांकि, मध्यकाल के पुरुषवादी समाज ने नारी को कुंठित मर्यादाओं के नाम पर चार-दीवारी में कैद कर रखने में कोई कसर नहीं छोडी, परन्तु तब भी महिलाओं ने माता जीजाबाई और रानी दुर्गावती की तरह न केवल शास्त्रों से, अपितु शस्त्रों का वरण कर राष्ट्र की एकता और संप्रभुता की रक्षा की। वर्तमान में केवल भारतीय वायुसेना ही लड़ाकू पायलट के रूप में महिलाओं को लड़ाकू भूमिका में शामिल करती है। वायुसेना में 13.09% महिला अधिकारी हैं, जो तीनों सेनाओं में सबसे अधिक हैं। आर्मी में 3.80% महिला अधिकारी हैं, जबकि नौसेना में 6% महिला अधिकारी हैं।

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विश्व पटल पर ‘योगी मॉडल’ की धूम

आज कल बहुचर्चित मुद्दा योगी मॉडल सोशल मीडिया से लेकर विश्व पटल पर ट्रेंड कर रहा है। उत्तर प्रदेश के योगी मॉडल की गूंज लखनऊ से 12346 किलोमीटर दूर अमेरिकी ह्वाइट हाउस में भी सुनाई पड़ रही है। अब आपके मन में एक सवाल होगा कि योगी मॉडल का अमेरिका से क्या लेना-देना ?, आखिर इस योगी मॉडल से अमेरिका को क्या फायदा ? मगर हकीकत तो यह है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को योगी मॉडल खूब पसंद आ रहा है। गौरतलब हो कि पिछले साल 2019 में जब देश में नागरिकता कानून बिल पेश हुआ था तक इस नागरिकता कानून के खिलाफ देश भर में दंगाइयों ने खूब हिंसा फैलाई, जगह-जगह आगजनी, तोड़फोड़, गाड़ियों, पुलिस चौकियों व सरकारी सम्पत्ति को जमकर नुकसान पहुंचाया गया था जिससे उत्तर प्रदेश भी अछूता नहीं रहा मगर उत्तर प्रदेश के योगी सरकार ने इन दंगाइयों को सबक सिखाने के लिए एक अनोखी व अद्वितीय पहल की, जिसमें एक नए योगी मॉडल का जन्म हुआ  इस योगी मॉडल के अंतर्गत योगी सरकार ने लगभग 100 से ज्यादा स्थानों पर 57 दंगाइयों के पोस्टर लगवाए, जिस पर उन दंगाइयों का नाम, पता , उनसे वसूली जाने वाली रकम (जो इन दंगाइयों ने सरकारी सम्पत्ति का नुकसान किया था ) लिखी हुई थी।

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भारत की बेटी ने विश्व में रोशन किया देश का नाम

(डॉ एस अनुकृति बनी विश्वबैंक में अर्थशास्त्री) -प्रियंका सौरभ
वो कहते हैं न हौसले बुलंद हो और कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी कामयाबी की छलांग लगाई जा सकती है। कुछ ऐसी ही कहानी है हरियाणा की अनुकृति की, अनुकृति ने ये साबित कर दिखाया है कि बेटियों की जिंदगी सिर्फ चूल्हा-चौके तक सीमित रखना अब पुरानी बात हो गई है। आज बेटियां हर क्षेत्र में अपने परिवार और देश का नाम रोशन कर रही हैं। गरीबों की पढ़ी-लिखी और आगे बढ़ीं चाहें वो देश की बेटी हिमा दास हो या फिर कुश्ती के मैदान में अपना परचम लहराने वालीं फोगाट सिस्टर्स। बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ सिर्फ एक नारा नहीं, बल्कि मुहिम है। हरियाणा की बेटियां ने विश्व में नाम रोशन कर भारत को गौरवान्वित किया है। सभी यदि बेटियों की नींव को मजबूत करने में सहयोग करेंगे तो वह दिन दूर नहीं जब भारत दोबारा से विश्व गुरु बन जाएगा।

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