वक्त का पहिया कैसे करवट बदल लेता है – हम खुद अपने पुराने और आज के वक्त का विश्लेषण करें!!
वक्त का पहिया हमेशा एक जैसा नहीं रहता – कितना भी पकड़ लो फिसलता ज़रूर है, यह वक्त है साहब बदलता ज़रूर है – एड किशन भावनानी
गोंदिया – खूबसूरत सृष्टि की रचना करने वाली कुदरत ने खूबसूरत मानवीय जीवन के साथ वक्त का एक ऐसा पहिया संलग्न कर दिया है कि मानवीय जीवन चक्र के साथ वक्त का पहिया भी घूमता रहता है! जो किसी का सगा नहीं है!! बस मानवीय जीवन को ही अपनी बुद्धि के बल पर परिस्थितियों के अनुसार कुशाग्र बुद्धि से वक्त का सकारात्मक उपयोग कर ऐसा कार्य करना चाहिए कि हमारा नाम सदियों, पीढ़ियों तक टिमटिमाते तारों की तरह इस सृष्टि में जगमगाता रहे!! क्योंकि वक्त हमेशा एक सा नहीं रहता वक्त का पहिया कैसे करवट बदल देता है,पताही नहीं चलेगा!! क्योंकि वक्त अपनी गति से चलता रहेगा वक्त का पहिया हमेशा एक जैसा नहीं रहता कितना भी पकड़ लो फिसलता ज़रूर है!! यह वक्त है साहब बदलता जरूर है!!
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