Monday, September 23, 2024
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मुख्यमंत्री को शिकायती पत्र भेज न्याय की मांग

ऊंचाहार/रायबरेली, पवन कुमार गुप्ता ।शासन ने जहां भ्रष्ट अधिकारियों पर नकेल कस कर अधिकारियों का तबादला कर लोगों को समुचित न्याय दिलाने के लिए प्रयासरत है।वहीं दूसरी तरफ ऊंचाहार तहसील में कार्यरत तहसीलदार अजय गुप्ता के कारनामे कहीं छुपे नहीं है,इनके कारनामे दिन प्रति दिन उजागर हो रहे है।हालांकि ऊंचाहार से पूर्व तहसीलदार अजय गुप्ता सालोन में कार्यरत थे।वहां भी सदैव सुर्खियों में छाए रहते थे।जबसे ऊंचाहार तहसील पदभार ग्रहण किया है।यहां पर भी लगातार सुर्खियों में बने रहते है।बीते दिनों वकीलों ने तहसीलदार के कारनामों को लेकर वकीलों ने कार्य का बहिष्कार किया और मामले को नवागंतुक जिलाधिकारी माला श्रीवास्तव के संज्ञान में भ दिया।किन्तु कार्यवाही का नतीजा शून्य रहा।तहसीलदार अजय गुप्ता का दूसरा कारनामा दैनिक समाचार पत्र के अधेड़ पत्रकार को अभद्र भाषा का प्रयोग किया।तीसरा कारनामा तहसीलदार ने समाज सेवी रामबाबू गौतम निवासी बहेरवा ने मुख्यमंत्री को शिकायती पत्र भेज कर आरोप लगाया है कि 20जून 2022 की रात में तहसीदार व दो अज्ञात व्यक्तियों द्वारा घर पहुंच कर जाती सूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए अन्य साथियों से खींच कर गाड़ी में बैठा लिया और दो दिनों तक बंधक बनाए रखा था।

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श्रावण मास में गंगा घाट समेत मंदिरों में कांवरियों के आगमन मार्ग की दुरुस्त हो व्यवस्था-एसपी

ऊंचाहार/रायबरेली,पवन कुमार गुप्ता। श्रावण मास में गंगा स्नान को गंगा घाटों से लेकर मंदिरों में जलाभिषेक को श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जमा होती है। पुलिस अधीक्षक ने इसी के दृष्टिगत गंगा घाट समेत सिद्ध पीठ मंदिरों को जाने वाले मार्गो समेत मंदिरों में तैयारियों को लेकर जायजा लिया। तथा व्यवस्थाओं को चुस्त-दुरुस्त रखने के लिए संबंधितों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए।अगले माह की 14 तारीख से श्रावण मास का शुभारंभ हो रहा है। जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु गंगा स्नान कर कांवड़ में जल लेकर क्षेत्र के सिद्ध पीठ शिव मंदिरों समेत दूर दराज के शिव मंदिरों में जलाभिषेक करते हैं। व्यवस्थाओं का जायजा लेने को लेकर शुक्रवार को पुलिस अधीक्षक आलोक प्रियदर्शी गोकर्ण ऋषि की तपोस्थली गोकना गंगा घाट पहुंचे। जहां श्रद्धालुओं के गंगा स्नान की व्यवस्थाओं से लेकर कांवरियों के आवागमन वाले मार्ग के बारे में विस्तृत जानकारियां ली। इसके बाद कोतवाल शिवशंकर सिंह के साथ मिर्जापुर एहारी गांव स्थित सिद्ध पीठ बूढ़े बाबा शिव मंदिर पहुंचे। जहां जलाभिषेक को लेकर मंदिर के पुजारी महावीर से तैयारियों का जायजा लिया।

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समाधान दिवस पर एसडीएम और एसपी ने फरियादियों की सुनी समस्याएं

ऊंचाहार/रायबरेली,पवन कुमार गुप्ता। एसडीएम राजेश कुमार की अध्यक्षता में कोतवाली में समाधान दिवस का आयोजन किया गया। इस दौरान कुल 28 शिकायती पत्र आये जिसमें 15 शिकायती पत्रों का मौके पर निस्तारण कर दिया गया बाकी शिकायती पत्रों के निस्तारण के लिए टीम गठित कर भेजी गई है, इसी बीच पुलिस अधीक्षक आलोक प्रियदर्शी भी कोतवाली पहुंचे। एसपी ने कोतवाली का निरीक्षण किया।पुलिस अधीक्षक ने कोतवाली पहुंचते ही महिला हेल्प डेस्क का निरीक्षण किया। बंदीगृह, अभिलेखागार की व्यवस्था देखी। इसके बाद एसपी ने समाधान दिवस में लोगों की शिकायतें सुनी। शिकायतों को रजिस्टर में करने की बात कही। समस्याओं के समाधान को समय पर कराने के निर्देश दिए।वहीं सुरेंद्र बहादुर सिंह ने भूमिधरी जमीन पर अवैध कब्जे की शिकायत व बीकरगढ़ के माता बदल ने भूमि विवाद में हुए समझौते का पालन कराने की गुहार लगाई,बहादुर पुर1मजरे मतरौली निवासी सत्तीदीन ने गांव के ही लोगों पर मिट्टी डालकर रास्ता बन्द करने का आरोप लगाते हुए शिकायत की।एसडीएम ने बताया कि सभी शिकायतों का निपटारा कराया जाएगा।

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3440 ग्राम अवैध पोस्ता छिलका के साथ 03 गिरफ्तार

रायबरेली,पवन कुमार गुप्ता। शहर कोतवाली पुलिस ने तीन किलो चार सौ चालीस ग्राम पोस्ता छिलका के साथ तीन लोगों को गिरफ्तार करके जेल भेजा है।पुलिस ने शहर के बस्तेपुर निवासी विनय पासी , इंडस्ट्रियल एरिया रतापुर निवासी रिंकू मंडल और रातापुर निवासी अमित सिंह को गिरफ्तार किया है । इनके पास से अलग अलग कुल तीन किलो चार सौ चालीस ग्राम पोस्ता छिलका बरामद हुआ है । सभी के विरुद्ध मादक पदार्थ की तस्करी का मामला दर्ज किया गया है ।

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1100 ग्राम अवैध गांजा के साथ 01 गिरफ्तार

डीह/रायबरेली,पवन कुमार गुप्ता। पुलिस ने एक व्यक्ति को एक किलो सौ ग्राम गांजा के साथ गिरफ्तार किया है । इस पर काफी समय से मादक पदार्थों की तस्करी का आरोप है ।पुलिस ने क्षेत्र के नहर पुलिया के पास से एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। जो क्षेत्र के गांव लोधवारी निवासी धर्मेंद्र सिंह उर्फ बब्बू है । इसके कब्जे से एक किलो सौ ग्राम गांजा बरामद किया गया है । पुलिस ने इसके विरुद्ध मामला दर्ज करके उसे जेल भेजा है।

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कौशाम्बीः रापम के प्रदेश सचिव के स्वागत के दौरान संगठन विस्तार पर की चर्चा

– राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ व राष्ट्रीय मीडिया महासंघ के पदाधिकारियों ने किया गर्मजोशी से स्वागत
– देश में पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने के लिए रापम जल्द करेगा सड़क से संसद तक आंदोलनः नवनीत रावत
– पत्रकारों के सम्मान में पत्रकार भवन बनाए जाने के लिए होगी बड़ी पहलः शीबू खान
कौशाम्बी। राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ (रापम) के प्रदेश सचिव नवनीत रावत का शुक्रवार को जनपद मुख्यालय पर स्थित कार्यालय में प्रथम आगमन हुआ जहाँ संगठन के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने फ़ूल माला पहनाकर स्वागत किया।
बताते चलें कि शुक्रवार को जनपद मुख्यालय पर स्थित राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ के उत्तर प्रदेश इकाई के सचिव नवनीत रावत का जनपद आगमन हुआ जिनकी अगुवानी संगठन की जिलाध्यक्ष प्रियंका यादव व सहयोगी पत्रकार संगठन राष्ट्रीय मीडिया महासंघ (एनएमसी) के जिलाध्यक्ष राजेश साहू ने किया। साथ ही संगठन के अन्य पदाधिकारियों ने भी आये अतिथियों का फूल माला पहनाकर स्वागत व सत्कार किया। इस दौरान संगठन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शीबू खान भी उपस्थित रहें।

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आओ नशीली दवाओं के दुरुपयोग, अवैध तस्करी रोकनें में सक्रिय भागीदारी बढ़ाएं

नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के खिलाफ़ अंतर्राष्ट्रीय दिवस 26 जून 2022 पर विशेष
नशीली दवाओं के दुरुपयोग को रोकने सामुदायिक सहायता की ज़रूरत हैं
मादक पदार्थों के प्रयोग से दुष्प्रभाव- परिवार से विच्छेदन, अपराध प्रवृति में वृद्धि, शारीरिक व मानसिक कमजोरी के रूप में सामने आती है – एड किशन भावनानी
अंतरराष्ट्रीय स्तरपर मादक पदार्थों के सेवन और नशीली दवाओं के दुरुपयोग तथा उसकी अवैध तस्करी के मामलों से करीब-करीब हर देश पीड़ित है और यह समस्या दिनोंदिन बढ़ती ही जा रही है। खासकर मानवीय युवा पीढ़ी जिन्हें भविष्य की बागडोर संभालनीं है, यानें हमारी अगली पीढ़ी बनने वाले युवा और बच्चों की रुचि मादक पदार्थों में बढ़ती ही जा रही है हम अपने आसपास भी देखते होंगे कि बच्चे भी सिगरेट, बीड़ी, बीयर पीने की ओर आगे बढ़ते दिखाई दे रहे हैं जो वैश्विक समस्या बनती जा रही है इसीलिए ही नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय दिवस 26 जून के उपलक्ष में हम इस आर्टिकल के माध्यम से, आओ नशीली दवाओं के दुरुपयोग, अवैध तस्करी को रोकने सक्रिय भूमिका बढ़ाएं पर परिचर्चा करें।

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वृद्धाश्रम की वेदना

सिसकती है कई ज़िंदगीयां उस दोज़ख के भीतर एक गुमनाम सी उम्र ढ़ोते, सुलगती है ममता और वात्सल्य पिता का ज़ार-ज़ार रोते..
मन को झकझोरने वाले द्रश्य पनपते है कलयुग के कारीगरों की करतूतों को उजागर करते, वृद्धों की आँखों से पश्चाताप छलकता है असुरों को पैदा करने की सज़ा पाते..
उस जननी के ख़्वाबगाह से बहते अश्कों की भयावह गाथा कोई क्या जानें, जन्म दिया जिसे वही छोड़ गया वृद्धाश्रम की चौखट के पीछे..
खून से सिंचा जिस औलाद को अपने शौक़ परे रखकर, सपने जिनके पूरे किए उसी ने कलंकित किया माता-पिता के मासूम हृदय को..

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योग मतलब ऊर्जा का स्रोत

आज पूरे विश्व में योग की महत्ता बढ़ गई है। शारीरिक बीमारियों से लेकर मानसिक तनाव को दूर करने में योग सक्षम है। सुबह सुबह का योग व्यक्ति को दिन भर ऊर्जावान बनाए रखता है। ऐसे बहुत से आसन है जो व्यक्ति की शारीरिक दुर्बलता को दूर करता है। 21 जून यानी उत्तरी गोलार्ध का सबसे लंबा दिन है जिसे कुछ लोग ग्रीष्म संक्रांति भी कह कर बुलाते हैं। भारतीय परंपरा के अनुसार संक्रांति के बाद सूर्य दक्षिणायन हो जाता है। कहा जाता है कि दक्षिणायन का समय आध्यात्मिक सिद्धियां प्राप्त करने में बहुत लाभकारी होता है और इसी वजह से 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है। योग का अर्थ है “जुड़ना” यानि मन को वश में करना। सदियों पहले महर्षि पतंजलि ने मुक्ति के आठ द्वार बनाए थे जिन्हें हम अष्टांग योग कहते हैं। मौजूदा वक्त में अष्टांग योग के कुछ अंगों जैसे आसन, प्राणायाम व ध्यान को ही हम जान पाए हैं। सही मायनों में आठ अंकों की पूरी जानकारी ही योग को पूर्ण करती है।
1. यम : मतलब संयमित या मर्यादित व्यवहार
2. नियम: जीवन में कुछ नियम जरूर स्थापित करना चाहिए
3. आसन: मौजूदा वक्त में यह सबसे प्रचलित है अनेक तरह के व्यायाम आसन को प्रतिपादित करते हैं।
4. प्राणायाम: आती जाती सांसों के प्रति सजगता
5. प्रत्याहार: इंद्रियों पर नियंत्रण
6. धारणा: मन को एकाग्र करना
7. ध्यान: जो कहता है कि जब लगातार धारणा बनी रहती है तो ध्यान घटित होता है और ध्यान के नाम पर हम जो भी विधि या प्रक्रिया अपनाते हैं वह हमें धारणा अर्थात एकाग्रता की ओर ले जाती है ध्यान मतलब शून्यता
8. समाधि: यह शब्द सम यानि समता से आया है। महर्षि पतंजलि कहते हैं कि जब योगी स्वयं के वास्तविक स्वरूप में लीन हो जाता है तब साधक की वह अवस्था समाधि कहलाती है
समाधि पूर्ण योगस्थ स्थिति का प्रकटीकरण है। कबीर इस अवस्था को व्यक्त करते हुए कहते हैं, “जब जब डोलूं तब तक परिक्रमा, जो जो करूं सो सो पूजा।”
बुद्ध ने योग को निर्वाण और महावीर ने कैवल्य कहा है।हमारी प्राचीन चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद में अष्टांग योग के यम एवं नियम इन दो नियमों के आधार पर शारीरिक व्याधियों की उत्पत्ति और प्रतिबंधन हेतु सर्वाधिक प्रयोग किया गया है। उल्लेखित है श्योगे मोक्षे च सवार्सॉ वेदना नाम वर्तनम्श् अर्थात योग के माध्यम से समस्त वेदनाओं का शमन आयुर्वेद बताता है। आयुर्वेद में वर्णित आचार रसायन योग के अहिंसा, सत्य, अस्तेय, ब्रह्मचर्य आदि सिद्धांतों के परिपालन से रसायन की तरह शरीर का पोषण करने का निर्देश देता है।आयुर्वेद द्वारा निर्दिष्ट आहार, निद्रा, ब्रह्मचर्य योग के विस्तृत महत्व को प्रतिपादित करता है। योगाभ्यास के द्वारा आयुर्वेद के चिकित्सा सिद्धांतों का परिणाम परिष्कृत रूप में प्राप्त किया जा सकता है। योग हमारे शरीर को भौतिक रूप से ही स्वस्थ नहीं करता बल्कि मानसिक रूप से भी सुदृढ बनाता है।

प्रियंका वरमा माहेश्वरी
गुजरात

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क्यों नारी को हीन बनाया बनाया गया!

जिस देश में नारी आदि काल से ही पूजी जा रही हैं उसी देश में नारी का सम्मान का हनन,मानसिक और शारीरिक रूप से सालों से होता रहा हैं।जिसमे सिर्फ मां सीता या द्रौपदी ही नहीं अनेक नारियां हैं जिनके बारे में हम ज्यादा कुछ जानते ही नहीं।अहिल्या शीला क्यों बनी?दत्तात्रेय की माता की कहानी, सतीत्व की परीक्षा क्यों ली गई?देखा हैं कभी किसी पुरुष के सत की परख हुई हो, ऐसी कोई भी कहानी इतिहास में लिखी दिखी हैं कभी? क्यों सावित्रियाँ ही पति को यम से वापस ले आती हैं,देखा हैं कोई नर जिसकी पत्नी के मृत्यु के बाद अपनी पत्नी को वापस पाने के लिए यम से भिड़ा हो?
सीता को माता कहलाने के लिए जो सहना पड़ा वह सती बनी,पर क्या क्या कीमत चुकाई ये हम विदित ही हैं।वैसे क्यों हरण हुआ सीता का,राम और लक्ष्मण के स्वरूपनाखा के साथ हुए मसखरे वर्तलाप की वजह से ही तो। इसमें सीता के स्त्रीदाक्षिण्य में कोई कमी तो न थी। द्रौपदी का को अपमान हुआ वह भी पांच पांच बाहुबली पतियों के सामने ये क्या बताता हैं निर्मल्य मानसिकता या अपना द्युत धर्म के पालन करने की जूठी जिद्द!वहीं द्रौपदी को माता का दर्जा नहीं मिला लेकिन एक नरसंहार को जन्म मिला।द्रौपदी की वेदना को वाचा उसके पतियों ने दी जो वाकई में दर्दनाक थी।महाभारत के युद्ध के बाद आसमान में गिद्धों के बदल छा गए थे ये उस संहार के चित्र को स्पष्ट कर रहा हैं की विनाश की मात्रा कितनी थी।ये समाज की लघु दृष्टि को साबित करती हुई घटनाएं हैं।
एक जमाने में ऋषि पत्नियां भी वाग संवाद में हिस्से लेती थी,यहां तक की किसी भी गोष्टी में निर्णयकर्ता भी नियत की जाती थी।वे विदुषियां थी तभी तो उनको इतना मान सम्मान भी मिलता था।आज कल के जमाने में देखा जाएं तो नारी उत्पीड़न की वजहें बहुत ही सामान्य होने के साथ साथ बहुत ही गहन भी हैं।नारी शारीरिक बल के अलावा हरेक मामलों में पुरष से आगे हैं।व्यवहारिक मामलों में नारी से कोई मुकाबला पुरुष का नहीं हैं,मानसिक बल स्त्री के पास ज्यादा हैं, भावनात्मक लगाव कभी भी पुरुष से कम नहीं रही हैं वह।क्या ये नारी के मान को हीन बनाना एक पुरुष उन्नति के लिए प्रायोजित कार्यक्रम हैं? जैसे हम विद्यार्थी काल में लाइन बनाके अपने सहपाठी से कहते थे,” उस लाइन को छेड़े बगैर छोटी कर के दिखाओ।”और क्या किया जाता था,उसी लाइन के साथ में एक बड़ी लाइन खींच के पहली लाइन को छोटी बना दिया करतें थे,तो कालक्रम में स्त्री को अबला और बाद में कमतर साबित कर दिया गया ताकि पुरुषों के अपेक्षित सम्मान या ईगो को पूरा किया जा सके।

जयश्री बिरमी
अहमदाबाद

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