चकिया/चन्दौली, जन सामना, ब्यूरो। स्थानीय तहसील सभागार में शनिवार को 2019-2020 के लिए चकिया तहसील उपजा के पदाधिकारियों का चयन निर्वाचन अधिकारी अशोक द्विवेदी के देखरेख में सम्पन्न हुआ। जिसमें तहसील अध्यक्ष पद के लिए आशुतोष मिश्र व विजय विश्वकर्मा ने मौखिक आवेदन किया लेकिन विजय विश्वकर्मा ने अपना आवेदन वापस ले लिया।बाद में सबके सहमति से आशुतोष मिश्र को तहसील का नया अध्यक्ष घोषित किया गया जिसका सभी सदस्यों ने तालियां बजा कर समर्थन किया। तदुपरांत नई कमेटी का गठन किया गया जिसमें महामंत्री वैभव मिश्र, उपाध्यक्ष ज्ञान प्रकाश द्विवेदी, राकेश केशरी, गोविन्द केशरी कोषाध्यक्ष अमित द्विवेदी, कनिष्ठ उपाध्यक्ष अनुराग जायसवाल, संगठन मोहन पाण्डेय, मंत्री धर्मेंद्र जायसवाल, सूचना मंत्री जितेन्द्र जायसवाल को चुना गया वही जिला कार्य समिति के लिए अशोक द्विवेदी, प्रेम शंकर त्रिपाठी, विजय विश्वकर्मा, दीपनारायण यादव, गौरव श्रीवास्तव, अजय जायसवाल, लोकेश पाण्डेय, लक्ष्मण जायसवाल का नाम चुना गया।
Read More »मीना कुमारी: पहली फिल्म फेयर एवार्ड पाने वाली अभिनेत्री
मायानगरी मुम्बई, प्रमोद दीक्षित। यह युवाओं के सपनों का शहर है। यहां रातें भी सितारों की झिलमिलाहट से रोशन रहती हैं। यहां गिरने वालों को कोई उठाने वाला नहीं होता उसे स्वयं ही उठकर अपनी धूल झाड खड़ा होना पड़ता है। यह उगते सूरज को वंदन करने वालों की जगह है। यहां उल्लास है, उमंग है, जिजीविषा और आनन्द भी तो वहीं पीड़ा है, बेबसी है और हताशा भी। बेशुमार धन-दौलत है और धन से बने नीरस एवं बेजान सम्बंध भी। सफलता का अट्टहास करती अट्टालिकाएं हैं तो असफलता का रुदन करती चाल-झोंपड़ी भी। फलक पर खुशियों की धारा का सरस प्रवाह है तो तल पर जीवन की विकृति और विषाद का जमाव एवं ठहराव भी। सफलता के भोजपत्र में इंद्रधनुषी रंग और हास-परिहास की मधुर ध्वनि है तो असफलता के स्याह पृष्ठ पर कराहता मूक स्वर और हताश मन की इबारत भी। हंसते-मुस्काते चेहरों के पीछे दर्द से तड़पते मन हैं और सूखे आंसू भी। पर कलाकार अपने दुःखों और पीड़ा को सीने में दफन किए दर्शकों के लिए अभिनय करते हैं ताकि उन्हें रसानुभूति करा सकें। ऐसे सिने कलाकरों की एक लम्बी सूची है जो निजी जीवन के कष्टों को भूल बस कला के लिए जीये। मीना कुमारी निजी जीवन के दर्द और पीड़ा के घूंट को पल-पल पीने वाली भावप्रवण एवं संवेदनशील अदाकरा हैं जिन्हें 1954 में ‘बैजू बावरा’ के लिए पहला फिल्म फेयर एवार्ड प्रदान किया गया था। 38 वर्ष की अल्पायु में ही दुनिया छोड़ देने वाली मीना कुमारी कभी सुख-संतुष्टि का जीवन नहीं जी पायीं। दर्द एवं पीड़ा के अनुभव नज्मों के शेर बन ढलते रहे। उनकी गजलों का संग्रह गुलजार के संपादन में मृत्यु के बाद ‘तन्हां चांद’ के नाम से छपा।
Read More »अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में मुकेश मीडिया गौरव सम्मान से हुए सम्मानित
भिवानी, जन सामना ब्यूरो। गुगनराम एजुकेशनल एण्ड सोशल वैलफेयर सोसायटी हरियाणा, बोहल शोध मञ्जूषा (अन्तर्राष्ट्रीय शोध पत्रिका) व टांटिया विश्वविद्यालय श्रीगंगानगर (राजस्थान) ने संयुक्त बैनर तले आर्यसमाज मंदिर सभागार घंटाघर, भिवानी में एक अन्तर्राष्ट्रीय सम्मान समारोह का आयोजन किया। जिसमें जनपद आगरा निवासी मुकेश कुमार ऋषि वर्मा को उनकी कलम साधना के लिए उन्हें रज्जीदेवी नंदाराम सिहाग मीडिया गौरव सम्मान 2019 डॉ. नरेश सिहाग एडवोकेट, राधेमोहन राय, डॉ. राजेन्द्र गोदारा, डॉ. विनोद तनेजा, डॉ. प्रतिभा चौहान व प्रो. सत्यवीर कालोहिया के करकमलों से प्रदान किया गया।
कार्यक्रम का मुख्य विषय था इक्कीसवीं सदी नव विमर्श। जिसमें देश-विदेश के शोधार्थियों ने अपने – अपने शोधपत्र पढ़े। कार्यक्रम में मंचासीन रहे मनीषा महन्त, धनंजय चौहान मंगलमुखी, डॉ. कैलाश चंद शर्मा शंकी, राधेमोहन राय। साथ ही कार्यक्रम में उपस्थिति दर्ज कराई डॉ. अशोक मंगलेश, बसंत बंसल, डॉ. सुरजीत कैशवा, डॉ. राजेश शर्मा, डॉ. नीलम दहिया, डॉ. सुमन भाटी, रविकुमार, सुशील भगत, साहब सिंह, संजय धौलपुरिया आदि। सुस्वादु भोजन के उपरान्त कार्यक्रम का समापन हुआ।
सीएसजेएम में हुआ करियर एंड पर्सनल काउंसलिंग कार्यक्रम का आयोजन
कानपुर, डॉ.दीपकुमार शुक्ल। छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय में विश्वविद्यालय प्लेसमेंट एवं काउंसलिंग सेल तथा राष्ट्रीय सेवा योजना प्रथम इकाई के संयुक्त तत्वावधान में करियर एंड पर्सनल काउंसलिंग कार्यक्रम का आयोजन यूआईईटी लेक्चर हॉल कंपलेक्स में किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ कुलसचिव डॉ.विनोद कुमार सिंह, काउंसलिंग प्रभारी डॉ.सुधांशु राय, अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ. अंशु यादव, निदेशक डॉक्टर आर एन कटियार एवं डॉक्टर वारसी सिंह ने किया। इस अवसर पर सर्वप्रथम डॉक्टर रिचा वर्मा ने आए हुए सभी अतिथियों का स्वागत किया। उसके पश्चात डॉक्टर वारसी सिंह ने हॉस्टल प्रतिनिधि के रूप में सभी छात्र-छात्राओं को काउंसलिंग महत्व बताते हुए कहा कि हॉस्टल में निश्चित अंतराल पर काउंसलिंग होती रहती है। आज लोगों को काउंसलिंग की सबसे ज्यादा जरूरत है। काउंसलिंग सेल प्रभारी डॉ.सुधांशु राय ने कहा कि काउंसलिंग सिर्फ समस्या आने के उपरांत ही नहीं होती है बल्कि समस्याओं को ना आने दिया जाए इस हेतु भी काउंसलिंग की जाती है।
Read More »एयर मार्शल आरकेएस शेरा ने तुगलकाबाद वायुसैनिक अड्डे का दौरा किया
नई दिल्ली, जन सामना ब्यूरो। अति विशिष्ट सेवा मेडल और विशिष्ट सेवा मेडल से सम्मानित भारतीय वायुसेना की मेंटेनेंस कमान के एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ (एओसी) एयर मार्शल आर के एस शेरा ने 26 मार्च को तीन दिवसीय दौरे पर तुगलकाबाद स्थित भारतीय वायुसैनिक अड्डे पहुंचे। इस अवसर पर उनकी पत्नी तथा एयरफोर्स वाइव्स एसोसिएशन की क्षेत्रीय अध्यक्ष श्रीमती जसप्रीत शेरा भी मौजूद थीं। तुगलकाबाद वायुसैनिक अड्डा वायुसेना के विमानों और अन्य सैन्य उपकरणों के रखरखाव और मरम्मत का एक बड़ा डिपो है।
तुगलकाबाद वायुसैनिक अड्डे के एयर ऑफिसर कमांडिंग (एओसी-इन-सी) एयर कमोडोर आरएल नारायणन ने अपनी पत्नी तथा एयरफोर्स वाइव्स एसोसिएशन की स्थानीय इकाई की अध्यक्ष राजलक्ष्मी नारायणन के साथ एयर मार्शल आरकेएस शेरा की अगवानी की और डिपो के प्रमुख कर्मियों के साथ उनका परिचय कराया।
यूरोप और ओशिनिया देशों के साथ व्यापार और आर्थिक सहयोग पर चर्चा
नई दिल्ली, जन सामना ब्यूरो। यूरोपीय और ओशिनिया देश प्रमुख व्यापारिक साझेदार होने के साथ ही भारत में निवेश के प्रमुख स्रोत भी हैं। इन देशों में व्यापार की प्रचुर संभावनाए मौजूद हैं जिनका लाभ उठाया जा सकता है। इन देशों के साथ भारत ने हाल के दिनों में आर्थिक संबंधों को अगले स्तर तक ले जाने के प्रयासों के तहत कुछ व्यापारिक समझौते किए हैं। इन प्रयासों को तार्किक निष्कर्ष पर ले जाने की आवश्यकता है। वाणिज्य सचिव डॉ. अनूप वधावन ने कल शाम नई दिल्ली में यूरोपीय और ओशिनिया देशों के राजदूतों और उच्चायुक्तों के साथ व्यापार और आर्थिक सहयोग पर चर्चा के दौरान यह बात कही।
ओशिनियाई देश प्रशांत महासागर और उसके आसपास के क्षेत्र के द्वीपीय देश हैं जिन्हें उनकी भौगोलिक समानता के कारण ओशिनियाई देशों के रूप में जाना जाता है।
गन्ने की लगभग पौन बीघे फसल जलकर हुई नष्ट
सरेनी/रायबरेली, जन सामना ब्यूरो। सरेनी थाना क्षेत्र के अंतर्गत आग लगने की घटनाओं में निरंतर वृद्धि होती दिख रही है। गर्मी के मौसम के आगमन के साथ साथ आगजनी जैसी घटनाओं में इजाफा देखा जा सकता है। एक ऐसा ही मामला प्रकाश में आया है जहां आग से पौन बीघे गन्ने की फसल जलकर नष्ट हो गई।सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार किसी ने गन्ने के खेत के पास स्थित बाग में महुए के पत्ते जलाए हुए थे और पत्ते जलाकर मौके से नदारद हो गया और तभी दोपहर में चल रही हवा के झोंके ने उस जल रही आग से एक तिनका पास में ग्राम डिघिया निवासी छोटेलाल यादव के गन्ने के खेत में जा गिराया। देखते ही देखते आग ने भयानक रूप धारण कर लिया और लगभग पौन बीघे गन्ने के खेत को अपने आगोश में ले लिया।जैसे ही घटना की जानकारी ग्रामीणों को हुई तत्काल सभी ग्रामीणों ने घटनास्थल पर पहुंच कर अथक प्रयास कर आग पर काबू पाया।
Read More »स्वच्छ भारत मिशन की पोल खोल रहा खीरों का रामलीला मैदान
खीरों/रायबरेली, सलमान चिश्ती। जहां एक ओर केंद्र सरकार व राज्य सरकार करोड़ो रुपये खर्च करने के बाद स्वच्छ भारत मिशन का सपना देख रही है वही खीरों चौराहे के निकट स्थित रामलीला मैदान में बजबजाती नालिया और उसमे भरा हुआ सड़ा पानी स्वच्छ भारत अभियान की पोल खोल रहा है। नाली के बगल में लगे हैंडपम्प से लोग पानी लेने इस लिए नहीं जाते की नालियो से निकलती दुर्गंध के कारण लोग जाना मुनासिब नही समझते। यही सड़ा हुआ पानी अब्दुल कलाम के घर में जा रहा है जिससे उनके परिवार का जीना हराम है। सफाई के नाम पर ग्राम पंचायत द्वारा लाखो रुपये खर्च हो रहा है और सफाई कर्मी अपना वेतन भी निकाल रहे है। आखिर यह पैसा कहाँ खर्च हो रहा है। यही हाल कस्बे में स्थित नालियो का है। ऐसे में सरकार द्वारा चलाया जा रहा स्वच्छ भारत मिशन अभियान का सपना कैसे पूरा होगा।
इस संबंध में खण्ड विकास अधिकारी कमलाकान्त से पूछा गया तो उनका कहना है कि मामला संज्ञान में नहीं है। शीघ्र ही नाली की सफाई कराई जायेगी।
रायबरेली में प्रियंका गांधी का जोरदार स्वागत, चुनावी चर्चाओ पर मिले बूथ कार्यकर्ता
प्रियंका ने जनपद के सभी बूथ कार्यकर्ताओं व कॉग्रेस नेताओ से बैठक कर चुनावी रणनीति की चर्चा
मीडिया को कवरेज से रखा गया दूर, बाहर खड़े खड़े कट गया दिन
रायबरेली, सलमान चिश्ती। अमेठी दौरे के बाद प्रियंका गांधी अपनी मां के संसदीय क्षेत्र रायबरेली भुएमऊ गेस्ट हाउस पहुंची इस बार भाजपा अमेठी और रायबरेली में कमल खिलाने के लिए प्रयासरत है जबकि अभी तक भाजपा का कोई उम्मीदवार घोषित नहीं किया गया फिर भी चुनावी बिगुल बजने के बाद सोनिया के गढ़ को भेदने के लिए जहां भाजपा पूरे दमखम से रायबरेली में कमल खिलाने का प्रयास कर रही है। तो वही प्रियंका गांधी अपनी मां सोनिया गांधी व भाई राहुल गांधी को जीत दिलाने के लिए रायबरेली व अमेठी चुनावी मैदान में कूद चुकी है। कल अमेठी के अपने दौरे के बाद प्रियंका बीती देर रात रायबरेली भुए मऊ गेस्ट हाउस पहुचकर विश्राम किया वही आज 10 बजे के बाद जनपद के सभी बूथ कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर चुनाव को लेकर चर्चा करने के लिए रायबरेली पहुंची। लगभग 11 बजे से प्रियंका गांधी शहर के सदर क्षेत्र के बूथ कार्यकर्ताओ के साथ बैठक कर अंदर चुनाव चर्चा कर रही है। आज शाम तक बारी बारी से जनपद के सभी बूथ कार्यकर्ताओ के साथ बैठक करती रही। आज सुबह से ही गैर जनपदों सहित जनपद भर से सैकड़ो कॉग्रेस कार्यकर्ता भुएमऊ गेस्ट हाउस पहुँचे जहां बारी बारी से प्रियंका गांधी ने सभी बूथ कार्यकर्ताओं से मिलकर चुनाव पर चर्चा की वही गेस्ट हाउस के बाहर प्रियंका राहुल सोनिया गांधी जिंदा बाद व चौकी दार चोर है कि नारेबाजी में कार्यकर्ता जुटे रहे।
…और जब कांग्रेस कार्यकर्ता ही हो गये नराज
सियासी जामा पहनता.. मिशन शक्ति
“मिशन शक्ति” सभी को जानकारी को चुकी है इस बारे में कि अंतरिक्ष में उपग्रह को मार गिराने की क्षमता हासिल हो गई है, लेकिन इस चुनावी दौर में इसे भी भुनाया जा रहा ह। “मिशन शक्ति” मोदी या कांग्रेस की सफलता नहीं है, यह भारत की सफलता है। आज भारत इस उपलब्धि के कारण एक महाशक्ति के रूप में उभरा है। किसी भी कार्य में सफलता सरलता से हासिल नहीं होती, वर्षो की मेहनत, लगन और संघर्ष के बाद जीत की ओर कदम बढ़ते है। आज हमारे वैज्ञानिक सबसे ज्यादा बधाई के हकदार है जिन्होंने ये उपलब्धि हासिल करके देश का मान बढ़ाया है। ये मिशन किस समय शुरू हुआ यह महत्व की बात नहीं है बल्कि हमने एक चुनौती को पूर्ण करके सफलता हासिल की है ये ज्यादा महत्वपूर्ण है।
अहमद पटेल का बयान कि “यूपीए सरकार ने ए एस ए टी प्रोग्राम की शुरुआत की थी, जो आज सफल हुआ है। मैं भारत के वैज्ञानिकों और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व को बधाई देता हूं।” यह मिशन किसी भी सरकार के कार्यकाल में पूरा हुआ हो मगर डीआरडीओ के वैज्ञानिकों की 9 सालों की मेहनत रंग लाई है तो सियासी रंग में नहीं रंगना चाहिए मोदी अभी भी प्रधानमंत्री है और उनका फर्ज बनता है कि देश के वैज्ञानिकों की हौसला अफजाई करें लेकिन मोदी को राष्ट्र के नाम संबोधन करने से बचना चाहिए था । देश की यह सफलता मीडिया वैसे भी बखानता पर मोदी सेना, न्यायपालिका और अब वैज्ञानिकों की सफलता भुना रहे। तो राजनीति कौन कर रहा ? इस मुद्दे पर ममता बनर्जी की नाराजगी सिर्फ एक चुनावी ड्रामा भर है। प्रियंका माहेश्वरी।