Wednesday, December 4, 2024
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महिला जगत

काॅस्मेटोलाॅजी में बढ़ते रोजगार के अवसर -अनीता गौड़

क्रेडिट रोल- भारती तनेजा, डाॅयरेक्टर आॅफ एल्पस ब्यूटी क्लीनिक एंड एकेडमी
समृद्धि, संपन्नता और फैशन की लहर ने ब्यूटी इंडस्ट्री को काफी लोकप्रिय बना दिया है। आज महानगरों में ही नहीं बल्कि छोटे-छोटे शहरों में भी कई पर्सनाॅलिटी ग्रूमिंग और ब्यूटी सेंटर खुल गए हैं क्योंकि आज ये जरूरी होगया है, कि आप न सिर्फ अपने परिवार में बल्कि दूसरों की निगाहों में भी सुंदर दिखें। इसी जागरूकता के कारण ही ब्यूटी इंडस्ट्री में करियर भी इन दिनों काफी लोकप्रिय हो रहा है। ऐसा ही एक कामयाब करियर है, काॅस्मेटोलाॅजी की लाइन में। काॅस्मेटोलाॅजी में करियर केवल आपको ब्यूटी में ही नहीं बल्कि ब्यूटी, मेकअप व हेयर तीनों में एक्सपर्टाइज बनाएगा, जिसके चलते आप केवल एक ब्यूटी एक्सपर्ट नहीं बल्कि ब्यूटी डाॅक्टर भी कहलाएंगी। कैसे बने एक सफल काॅस्मेटोलाॅजिस्ट, जानते हैं….सुप्रसिद्ध काॅस्मेटोलॉजिस्ट, ऐस्थिटीशियन व एल्पस काॅस्मेटिक क्लीनिक की फांउडर डाॅयरेक्टर भारती तनेजा जी से।
संपूर्ण करियर- एक सफल काॅस्मेटोलाॅजिस्ट बनने के लिए ये जरूरी है कि आपको ब्यूटी, हेयर एंड मेकअप की कंप्लीट जानकारी हो, क्योंकि आज के इस हाईटेक वल्र्ड में सिर्फ प्राॅब्लम के बेसिक जानना ही काफी नहीं बल्कि उन प्राॅब्लम्स की जड़ों तक पहुंचना और उन्हें ठीक करने के लिए नई तकनीकों का ज्ञान होना भी जरूरी है, जो आपको सिर्फ डी.बी.एच.एम यानि ब्यूटी, हेयर एंड मेकअप में डिप्लोमा करके प्राप्त हो सकता है। ये कोर्स आप एल्पस एकेडमी की किसी भी ब्रांच से कर सकते हैं।
कोर्स कंटेंट- हेल्दी और ग्लोइंग स्किन हमेशा से ही खूबसूरत चेहरे का राज रही है। स्किन कोहेल्दी रखने के लिए दो तत्वों की जरूरत होती है….पहला तेल और दूसरा नमी। इन दोनों की संपूर्ण पूर्ति किस प्रकार और कैसे करनी है… इसी बात को ध्यान में रखते हुए हमारी एकेडमी में स्टूडेंट्स को स्किन की एनाटाॅमी व फिजियोलाॅजी के बारे में बताया जाता है साथ ही उसे कैसे न्यूट्रीशियन देना है, इस बात की भी पूरी जानकारी दी जाती है। इसके अलावा आईब्रोज की शेप बनाना, अपरलिप, फोरहेड और चिन के अनवांटेड हेयर्स को रिमूव करने के लिए थ्रेड और रेड वैक्स का इस्तेमाल करना, बाॅडी के अलग-अलग पार्ट्स पर वैक्सिंग करने की तकनीक, सावधानी और बारीकियों को समझाना और कब क्या नहीं करवाना या लेना है, इन सभी के बारे में पढ़ाया जाता है। इसके साथ ही उन्हें अनवांटेड हेयर कलर को लाइट करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले ब्लीच और उसके अलग-अलग प्रकार के बारे में बताया जाता है।

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अंडर आम्र्स डार्क को कैसे करें दूर

अधिकांश महिलाएं टाॅपलेस गाउन या स्लीव लैस कपड़े पहना पसंद करती हैं, जब अंडर आर्म क्षेत्र में किसी भी तरह त्वचा टोनिंग या मैलापन हो तो इसे ढककर रखना ही सही है। अगर आप भी काले अंडर आर्म की समस्या से परेशान हैं, तो आइए जानते हैं ‘जन सामना’ की ब्यूटी एडवाइजर सी डब्लु सी ब्यूटी एन मेकअप स्टूडियो की सेलिब्रिटी मेकओवर एक्सपर्ट शालिनी योगेन्द्र गुप्ता से अंडर आर्म को गोरा करने के तरीके के बारे में, ताकि आप भी बिना किसी झिझक के खुल कर टाॅपलेस गाउन या स्लीव लैस कपड़े पहन सकें ।
अंडर आर्म के बालों को हटाने के लिए लोग रेजर का प्रयोग करते हैं। शेविंग करने से थोड़े बाल छूट जाते हैं, जो भद्दे भी लगते हैं जिस कारण से आपके अंडर आर्म डार्क होने लगते हैं। ठीक ऐसा ही बाल साफ करने वाली क्रीम के उपयोग से भी होता है। इसलिए बालों को साफ करने के लिए वैक्सीन करना उचित रहता है, क्योंकि इसमें बाल जड़ से साफ होते हैं और निशान भी नहीं रहता।
मृत कोशिकाओं के कारण डार्क अंडर आर्म, मृत कोशिकाओं के संचय का परिणाम भी हो सकता है। इसलिए अंडर आर्म में डार्क पपड़ी को लैक्टिक एसिड के साथ एक स्क्रब की मदद से धीरे से हटाना चाहिये।
प्रोडक्ट्स का जरूरत से ज्यादा उपयोग करनाः यह पाया गया है कि डियोड्रेंट में मौजूद रासायनिक यौगिकों डार्क अंडर आर्म का कारण बनते हैं। इनका अधिक उपयोग रंजकता ;पिग्मन्टैशनद्ध पैदा करता है, जो स्थायी रूप से गहरे रंग की बगल का कारण बनते हैं। इसलिए बगल की गंध के लिए कोई प्राकृतिक तरीके का प्रयोग करें या फिर संवेदनशील त्वचा वाले डियोड्रोंट प्रयोग करें।

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प्रतिभाशाली फैशन डिजाइनरों को किया सम्मानित

कानपुर, प्रियंका तिवारी। कानपुर सिविल लाइन स्थित एक गेस्ट हाउस में आईएनआईएफडी द्वारा एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया। इस मौके पर देश का नाम रौशन करने वाली कानपुर की प्रतिभाओं का एमएलसी अरूण पाठक ने सम्मान व उत्साहवर्धन किया। इण्टरनेशनल इन्स्टीट्यूट आफ फैशन डिजाइन आईएनआईएफडी के द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय फैशन के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक एवं विलक्षण उपलिब्ध हासिल की गयी है जिसमें कानपुर की संस्था से चार फैशन डिजाइन स्नेहा पुरी, चांदनी जायसवाल, सरगम मक्कर एवं अनम फातिमा जिनका चयन लंदर फैशन वीक में अपने ड्रेस डिजाइन का कलेक्षन प्रस्तुत करने के लिए किया गया।
इस अवसर पर डायरेक्टर विनय बहल ने अरूण पाठका का अभिनन्द किया तथा चारो फैशन डिजाइनर एवं उनके माता-पिता का स्वागत व सम्मान किया। उन्होने बताया कि संस्था में 22 वर्ष के अन्तराल में डिजाइन खेत्र में असीमित वृद्धि की है और अनतर्राष्ट्रीय स्तर तक अपना प्रभुत्व स्थापित कर लिया है। बताया लंदन फैशन वीक स्प्रिंग समर 2018 के लिए चयिनित किया गया जो हमारे महानगर प्रदेश व देश के लिए गौरव का विषय है। सभी डिजाइनरों ने अपने कलेक्शन को सभी के समक्ष प्रस्तुत किया। अन्त में अरूण पाठक ने सभी डिजाइनरों एव उनके माता पिता का स्वागत किया और डिजाइनरों की प्रशंसा करते हुए कहा कि हमारे यह सभी डिजाइनर नगर एव प्रदेश का गौरव है। हम सब को इनपर गर्व होना चाहिये।

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महिला सशक्तिकरण प्रतियोगिता का आयोजन किया

सहार, औरैयासहारः ध्रुव कुमार अवस्थी। शासन के निर्देश पर महिला उत्पीड़न के खिलाफ मनाई जा रहे महिला सुरक्षा सशक्तिकरण सप्ताह के अंतर्गत शुक्रवार को मन्नू लाल द्विवेदी महाविद्यालय सहार में एक निबन्ध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें महिलाओं को सशक्तिकरण बनाये जाने के लिये बालिकाओं ने निबंध लिखकर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। इस निबन्ध प्रतियोगिता में सैकड़ों बालिकाओ ने भाग लिया। कार्यक्रम के दौरान अंजू पाण्डेय सदस्य महिला परामर्श केंद्र औरैया ने कहा कि महिलाओं को अपने उत्पीड़न के खिलाफ एक जुट होना चाहिये। आज के परिवेश में महिलाओं पर आये दिन अत्याचार किये जा रहे हैं। इसका विरोध करने के लिये महिलाओं को आगे आना चाहिए। अपर पुलिस अधीक्षक राजेश सक्सेना, थाना अध्यक्ष देवेन्द्र सिंह चैहान ने कहा कि शासन व प्रशासन स्तर से महिलाओं की आत्मरक्षा के लिये 1090 व 100 व 181 नम्बर जारी हैं जिससे कि मौके पर सहायता मिल सके और अपराधियों पर तत्काल शिकंजा कसा जा सके। महिलाओं को अब सरकार की महात्वाकांक्षी योजनाओं का लाभ उठाना चाहिये।
इसके अलावा विद्यालय प्रवन्धक प्यारे लाल द्विवेदी, पं0 दिनेश शंकर चतुर्वेदी, गोविंद यादव, उमेश यादव, संदीप यादव, महिला थानाध्यक्ष नीलम पाण्डेय, प्रधानाचार्य धीरेन्द्र सिंह सेंगर, ध्यान सिंह सेंगर, ऋषि पाण्डेय, अमित कुमार गुप्ता, विनोद कुमार त्रिपाठी आदि लोगों ने महिला सशक्तिकरण को लेकर अपने विचार व्यक्त किये।

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जानिए कैसे करें आंखों का मेकअप

शादी के मेकअप में सबसे ज्यादा अहम मेकअप आंखों का मेकअप होता है। पूरा मेकअप कितना भी अच्छा कर दिया जाएं लेकिन आंखों का मेकअप परफेक्ट न हों, तो बहुत बेकार लगता है। शादी के दिन तैयार होने से पहले ही सारी बातें अपनी मेकअप आर्टिस्ट से क्लीयर कर लें। तो आइए जानते हैं ‘जन सामना’ की ब्यूटी एडवाइजर सी डब्लू सी ब्यूटी एन मेकअप स्टूडियो की सेलिब्रिटी मेकओवर एक्सपर्ट शालिनी योगेन्द्र गुप्ता से ब्राइडल आईज मेकअप के लिए खास टिप्सः
एक आई शैडो प्राइमर लगाएंः आखों के मेकअप में आईशैडो प्राइमर का यूज जरूर करें, आईशैडो प्राइमर आपके आईशैडो को लंबे समय तक टिके रहने में मदद करेगा। अगर आप इसके बिना करते हैं, तो आपने देखा होगा कि आपकी आईशैडो फीकी पड़ जाती है या आॅइली बन जाती है और कुछ घंटों बाद आपके पलकों के क्रिज में जमा हो जाती है। आईशैडो प्राइमर लगाने के लिए अपनी उंगलियों का इस्तेमाल करें, इसे अपनी पलकों के जड़ों से लेकर क्रिज के ऊपर तक मिलाते हुए।
आई शैडो लगाएंः आईशैडो लगाने के अनेक तरीके है, हालांकि सबसे प्रचलित और क्लासिक लुक है एक सिंगल कलर अपने संपूर्ण पलकों पर लगाएं। यदि आप कलर व्हील के बारे में जानते हैं तो कलर व्हील के अनुसार पलकों पर आईशैडो कलर लगाये आयशैडो कलर लगाने के लिए एक आयशैडो ब्रश का इस्तेमाल करें, पलकों की रेखा से नजदीक बीच से शुरू करते हुए और बाहर की तरफ मिलाते हुए। अपनी क्रिज के पास और आँखों के बाहरी और अंदरूनी कोनों पर आईशैडो त्वचा के प्राकृतिक रंगत की तरह फीकी कर दें, ताकि कोई खुरदरी रेखा तैयार न हो। अगर आप थोड़ा गहरा लुक चाहती हैं, तो आईशैडो का दूसरा अधिक गहरा कलर ‘सी’ के आकार में अपनी पलकों की रेखा के बाहरी कोने से ऊपर तक लगा दें, अपनी पलकों के क्रिज के भाग पर। आईशैडो पूरी भौंहों तक नहीं जानी चाहिए, और आपकी पलकों से आगे जहां आपकी भौंहों का छोर है उसके आगे नहीं जानी चाहिए सिवाय इसके कि आप एक बहुत गहरा लुक चाहती हैं। अगर आप आईशैडो के एक से ज्यादा कलर इस्तेमाल कर रही हैं, तो हमेशा देख ले कि उन्हें ठीक से एकसाथ मिला लिया है।

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मेकअप करें शालिनी के साथ

अगर चेहरे पर पहले से कोई मेकअप हो तो उसे निकाल दें। जब आप मेकअप लगाना शुरू करती हैं, तो एक साफ सुथरे चेहरे से शुरू करना जरूरी है। इसलिए, अगर पिछला कोई मेकअप चेहरे पर हो तो उसे धो लें। अगर आप पुराने ही मेकअप पर और मेकअप करने की कोशिश करेंगे (टच अप्स शामिल नहीं है), तो आपका आखरी लुक एक पपडी चढाए जैसे लगेगा और फ्रेश चेहरे पर किए मेकअप से अधिक आर्टिफिशियल दिखेगा। आप एक अच्छा मेकअप रिमूव्हर या एक सौम्य बेबी आॅइल को मेकअप के सभी अवशेष निकालने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। इसे याद रखें कि दिन के अंत में हमेशा अपना मेकअप निकाल देंय मेकअप के साथ सो जाने से आपके रोमछिद्र अवरूद्ध हो सकते हैं और दागधब्बे और झुर्रीयों का कारण बन सकते हैं।
अपना चेहरा धो लेंः मेकअप निकालने साथ, आपको अपना चेहरा भी धोना जरूरी हैय चेहरे पर चिपचिपाहट और पसीना होना कुछ घंटों बाद आपके ताजा किए हुए मेकअप को चमकदार, पपडी जैसे दिखा सकता है। एक सौम्य फेस क्लिन्सर का उपयोग अपने चेहरे को कोमलता से धोने के लिए करें, लगभग 1 मिनट तक स्क्रब करने में बिताएं जिससे आपके त्वचाछिद्रों से सभी बैक्टीरिया और मृत त्वचा कोशिका निकल जाएं। एक फेशियल मॉश्चरायजर लगाते हुए पूरा करें। सूखी त्वचा एक तो परतदार भी दिखेगी और इसकी भरपाई के लिए आॅइल का शोषण करेगी, इसलिए निश्चित करें कि आपने त्वचा पर माॅश्चरायजर लोशन लगाया है।
कन्सीलर लगाएंः कन्सीलर का उद्देश्य है त्वचा के दाग धब्बे या आँखों के नीचे काले घेरे के कारण से बनी असमान त्वचा रंगत को एक समान दिखाना। एक कन्सीलर ब्रश का इस्तेमाल करें या अपनी साफ उंगलीयों से कन्सीलर अपने नीचे के पलकों के निचले भाग पर मलें, अन्य किसी लाल धब्बे पर या गहरे धब्बों पर भी लगा दें। कन्सीलर लोशन के किनारे ठीक से मिला दें ताकि चेहरे पर असमान रंगत के निशान न दिखाई दें।

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मेंहदी प्रतियोगिता का किया आयोजन

औरैयाः जन सामना ब्यूरो। श्री रामकुमार भारतीय ज्ञानदेवी महाविद्यालय फफूंद औरैया के प्राचार्य ने बताया कि महाविद्यालय में मेंहदी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें लगभग 50 छात्राओं ने भाग लिया। इस प्रतियोगिता की संयोजक प्रो0 अलका गुप्ता, प्रो0 नेहा गुप्ता एवं निर्णायक मंडल प्रो0 संतोष कुमारी चौहान, प्रो0 सीमा मोहराना ,प्रो0 अक्षिता सिंह चौहान, प्रो0 कल्पना अवस्थी, प्रो0 अपूर्वा उपाध्याय के निर्देशन में प्रतियोगिता सम्पन्न हुई है। इस प्रतियोगिता के निर्णायक मंडल ने डोली कुशवाहा बी0 टी0 सी0, अमिता कोष्टा बी0 ए0 तृतीय वर्ष को प्रथम स्थान, स्वान्ति बी0 टी0 सी0, जैन, बी0 ए0 तृतीय वर्ष को द्वितीय स्थान एवं सिन्की बी0 ए0 प्रथम वर्ष, सोनम कुशवाहा बी0 एस0 सी0 तृतीय वर्ष को तृतीय स्थान दिया इसके अलावा दिव्यांशी शर्मा बी0 ए0 प्रथम वर्ष, प्रिंसी एम0 ए0 द्वितीय वर्ष को सांत्वना स्थान देकर छात्राओं का हौसला आफजाई किया।

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महिलाओं को उन्नति करने के लिए उन्नत माहौल की आवश्यकता

आंकड़े सिर्फ आहट की दस्तक नहीं देते, बल्कि सच्चाई से रूबरू कराते हैं। देश में लिंग-अनुपात के लगातार कम होने के जो आंकड़े हमारे सामने आ रहे हैं, वे न सिर्फ हमारी मानसिकता बताते हैं। यहां तक हमारे समाज के दो- अर्थी व्यहवार को भी व्यक्त करते हैं। साथ- साथ यह भी पता चलता है, कि कन्याभ्रूण हत्या रोकने और अन्य स्तर पर लड़कियों को सुरक्षा देने के सरकारी और गैर-सरकारी प्रयास निरर्थक ही साबित हो रहें हैं। मध्यप्रदेश प्रदेश सरकार भले ही प्रदेश के हर घर की लाड़ली को लक्ष्मी बनाने का अथक प्रयास कर रही हो, लेकिन जमीनी हकीकत में लड़कियां 28 दिन भी साँसें नहीं ले पाती । मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार जहां सूबे में लड़के की मृत्यु दर में 14.6 प्रतिशत की दर से गिरावट आ रही है, वहीं घर की लाड़ली बन रहीं लड़कियों की मृत्युदर में मात्र 1.6 फीसदी की मामूली गिरावट यह दर्शाता है, कि नीति-निर्धारक कितने भी कानून का एलान कर दे, लेकिन लैंगिक भेदभाव समाज से दूर किए बिना लड़कियों की संख्या सूबे क्या पूरे देश में लड़कों के बराबरी पर नहीं आ सकती।
बात चाहें मध्यप्रदेश की हो, या पूरे देश की। पुरुष प्रधान सोच देश से अभी निकल नही पाई है। भले ही देश ने केंद्रीय सत्ता में महिला को प्राश्रय 50 वर्ष पूर्व ही दे चुकी हो, लेकिन महिला सशक्तिकरण के मामले में देश विकसित देशों के मामले में काफी पीछे है, और देश के भीतर मध्यप्रदेश राज्य। एक कहावत है, हाथ कंगन को आरसी क्या, और पढ़े-लिखे को फारसी क्या। ऐसे में सूबे की महिलाओं की स्थिति क्या स्थिति है, वह बताने की शायद आवश्यकता नहीं। फिर भी आंकड़ों के सागर में अगर गोता लगाते हैं, तो पता चलता है, कि देश में महिला सशक्तिकरण की दिशा में मध्यप्रदेश राज्य आज के वक्त भी काफी पिछड़ा हुआ है। तभी तो महिलाओं को शिक्षा, स्वास्थ्य, और सुरक्षा प्रदान करने के मामले में मध्यप्रदेश देश के अन्य राज्यों से काफी दूर मामूल पड़ता है। उससे भी दुःखद बात यह है, कि केंद्र की जो भाजपा सरकार सत्ता में ही बहुत हुआ महिलाओं पर अत्याचार, अबकी बार मोदी सरकार के नारे पर आई । उसी पार्टी के शासित राज्य में महिलाओं की अस्मिता के साथ सबसे ज्यादा खिलवाड़ होता आ रहा है। अभी बीते दिनों की घटना है, जब प्रदेश अपने स्थापना दिवस की रंगीनियों में धूमिल था, तभी राजधानी में एक लड़की दरिंदगी का शिकार हो जाती है। फिर सूबे में महिलाओं की क्या सामाजिक स्थिति है, उसका अंदाजा लगाया जा सकता है।

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रंगोली प्रतियोगिता में दिखाई प्रतिभारंगोली प्रतियोगिता में दिखाई प्रतिभा

सासनी, हाथरसः जन सामना ब्यूरो। गीतांजली इंटर काले नगला ताल में छात्राओं द्वारा रंगोली दीप सजाओ जैसी विभिन्न प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें छात्राओं ने बढचढकर हिस्सा लिया।  प्रतियोगिता का शुभारंभ मां सरस्वती और बाबा जाहरवीर के छवित्रि और प्रतिमा के सामने दीप जलाकर तथा माल्यार्पण कर किया गया। प्रतियोगिता में करीब 120 छात्राओं ने प्रतिभाग किया। प्रतियोगिता के दौरान छात्राओं का उत्साहवर्द्धन करते हुए प्रधानाचार्य गौरव शर्मा ने कहा कि प्रतियोगिताओं के माध्यम से प्रतियोगी विजयी होते हुआ अपने माता पिता और गुरूजनों के साथ अपने देश और समाज का नाम रोशन करता है।

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बिटिया बचाओ अभियान को मिला 101 वकीलों का साथ

हाथरस, जन सामना ब्यूरो। बिटिया बचाओ अभियान से बेहद प्रभावित होकर अभियान के माध्यम से आने वाले कन्या-भ्रूण हत्या व छेड़छाड़ के मामलों में प्रतिवादी पक्ष/आरोपियों के विरूद्ध पूर्ण निःशुल्क सशक्त पैरवी करने की घोषणा करने वाले अधिवक्ताओं की संख्या का आंकड़ा शतक पार कर गया है। घोषणा करने वाले अधिवक्ताओं की संख्या बढ़कर अब 101 हो गई है। इन अधिवक्ताओं में डिस्ट्रिक्ट बार एसोसियेशन के पांच पूर्व अध्यक्ष व 6 पूर्व सचिव के साथ-साथ एक महिला अधिवक्ता भी शामिल हैं। इन सभी अधिवक्ताओं ने पर्यावरणविद भवतोष मिश्र द्वारा शुरू किये गये बिटिया बचाओ अभियान की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुये यह भी कहा है कि वह बेटियों को उनके विधिक अधिकारों के बारे में अवगत कराने में भी अहम भूमिका अदा करेंगे।
अधिवक्ताओं के इस निर्णय से कन्या-भ्रूण हत्या व छेड़छाड़ के उन आरोपियों के लिये मुश्किल पैदा होगी जो अपने विरूद्ध लचर पैरवी का लाभ उठा लेते थे, साथ ही अपने अधिकारों से अनभिज्ञ बेटियां भी अपने विधिक अधिकार जान अपने शोषण के विरूद्ध आवाज उठा सकेंगी। बिटिया बचाओ अभियान को आश्चर्यजनक रूप से मिले अधिवक्ताओं के व्यापक समर्थन की समाज के विभिन्न वर्गों में सराहना हो रही है। गौरतलब है कि 2011 की जनगणना के आंकड़े के मुताबिक जिले में 1000 पुरूषों पर 865 महिलायें हैं। प्रदेश में सबसे कम लिंगानुपात वाले जिलों में टाॅपटेन की सूची में जिला शामिल है।

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