(कोविड ने स्मार्ट गवर्नेंस की जगह पैदा कर दी है, सहकारी संघवाद के जरिये केंद्र और राज्यों को अविलंब विश्वास की कमी को दूर करना चाहिए, यह जीवन और मृत्यु का मामला है। आपसी रस्साकशी को रोकें जैसा कि दिल्ली और पश्चिम बंगाल में देखा गया है।)
21वीं सदी में कोरोना के क्रूर काल में हमें नागरिक केंद्रित शासन सुनिश्चित करने की तत्काल आवश्यकता है, आज मानवता के सामने गंभीर और अभूतपूर्व समस्याएं हैं। मौजूदा सदी में सुपर साइक्लोन से लेकर उत्परिवर्तित वायरस का हमेशा के लिए खतरनाक चुनौतियों का सामना करने की संभावना है। ऐसे समय में स्मार्ट गवर्नेंस समय की जरूरत है।
महामारी के समय में नागरिक केंद्रित शासन को ध्यान में रखकर विशेषज्ञ निर्णय लेना अति आवश्यक था, शीर्ष डॉक्टरों, महामारी विज्ञानियों, वैज्ञानिकों, यहां तक कि रसद विशेषज्ञों की एक स्वायत्त पूरी तरह से अधिकार प्राप्त टास्क फोर्स को वायरस पर नज़र रखने, जीनोम अनुक्रमण, ऑक्सीजन के परिवहन और टीके की खरीद पर भारत का नेतृत्व करने की आवश्यकता थी।