श्रेष्ठतम सफलता, कांटो का ताज – हिम्मत, हौसला और जज़्बा रूपी मंत्रों का प्रयोग जरूरी – एड किशन भावनानी
किसी ने ठीक ही कहा है कि “तू अपनी खूबियां ढूंढ,कमियां निकालने के लिए लोग हैं”। “अगर रखना ही है कदम तो आगे रख, पीछे खींचने के लिए लोग हैं”, वाह क्या बात है!!!…साथियों हमारे बड़े बुजुर्गों की जो कहावतें हैं, वह आदिलोक आदिकाल की हैं, परंतु हम आज के युग में भी और अपनी अगली पीढ़ियों में भीदेखेंगे तो यह बिल्कुल फिट बैठती है। बड़े बुजुर्गों के एक-एक शब्द हीरे मोती के तुल्य हैं, बस पहचानने वाले जौहरी वाली नजर की जरूरत है। अगर हम गहराई में जाकर उन कहावतों और शब्दों के अर्थों को अपने जीवन में ढाल दिया तो साथियों दुखों की हिम्मत नहीं, असफलताओं की ताकत नहीं, जो तुम्हारी ओर करवट बदल सके,बस जरूरत है हिम्मत, जज्बे, संकल्प की। सफलता तुम्हारे आगे सर झुकाए खड़ी होगी।…साथियों बात अगर हम, हतोत्साहित वह नुक्ताचीनी करने वाले चंद लोगों की करे तो साथियों, यह बिल्कुल कहावत सच बैठती है कि जिंदगी के नियम भी कबड्डी के खेल जैसे ही हैं। आपके सफलता की लाइन को टच करते ही लोग आपके पैर खींचने लगते हैं,जिसका मूल कारण द्वेष,प्रतिपक्ष में आत्मविश्वास की कमी, नकारात्मकता, मेहनत की कमी, अपने आप को यूसर्टिफाई करने की चाहत, अनकॉन्शियसली इंटेंशन, अपना स्टेटस बनाए रखना, कुदृष्टि और समाज में अपनी प्रतिष्ठा कम होने का डर इत्यादि के कारण है कि ऐसे लोग, किसी दूसरे अपने समकक्ष या प्रतिद्वंदी व्यक्ति को या तो सफल नहीं होने देते या सफलता की सीढ़ी पर पहुंचने के बाद उसके पैर खींचने में अपनी ताकत लगा देते हैं।…साथियों, ऐसा सदियों से युगा युगांतर से होता आया है। हर क्षेत्र में चाहे वह राजनीति, शिक्षा, सरकारी, गैर सरकारी, सामाजिक, सहकारिता, इत्यादि हर क्षेत्र में हमें कहीं ना कहीं दो व्यक्तियों, अनेक व्यक्तियों, समूह, दो गुटों, में टांगें खींचने की प्रथा होती आई है। साथियों, सफलता के पैर खींचने की यह प्रथा राष्ट्रीय ही नहीं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी है। आए दिनों हम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इसका नजारा देख रहे हैं कि, एक देश की नजर विश्व का ताज पहनने की चाहत की ओर है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कोविड-19 फैलाने के आरोप उस पर लग रहे हैं।…साथियों, बात अगर हम भारत की करें तो अभी के ही रिसेंटली दिनों में भी राजनीतिक, खेल जगत सहित अनेक क्षेत्रों में बड़े-बड़े केस इसी की परिणति है कि अपनी प्रतिष्ठा, पद और स्थान बनाए रखने के लिए खेलजगत में हत्या राजनीति जगत में गंभीर आरोप हम सब देख रहे हैं। जो दूसरों के सफलता की सीढ़ी पर पहुंचने के कारण खुद के पद, मान, प्रतिष्ठा छीनने का डर जिन्हें होता है। वही इस तरह से सफल व्यक्ति के विरोध में यह काम करते हैं। साथियों…एक इंसान की आदतें ही यह तय करती हैं कि वह अपनी ज़िंदगी में कितना सफल बनेगा और कितना आगे जाएगा। हर व्यक्ति सफल होना चाहता है पर हर किसी को सफलता नहीं मिलती। किसी इंसान की गलत आदतें उसको नाकामयाबी के अंधेरे में डुबा देती और उसी जगह अच्छी आदतें उस इंसान को कामयाबी की ऊँचाइयों तक पहुँचा देती हैं।…साथियों, बात अगर हम पते की करें तो हमें सफलता प्राप्त करने वालों के कंधे से कंधा मिलाकर उनके साथ खड़े होना चाहिए। उनसे प्रेरणा लेने का साहस जुटाना चाहिए। उनको अपना प्रेरणास्त्रोत बनाना चाहिए, ना कि उनकी टांगें खींचना चाहिए।…साथियों, बड़े बुजुर्गों ने भी कहा है कि जो दूसरों के लिए गड्ढा खोदते हैं वह उसी गड्ढे में खुद गिरते हैं, बात सोलह आने सच है।…साथियों बात अगर हम प्रेरणा और सफल आदमी से प्रोत्साहन पाने की करें तो मेरी है निजी राय है कि सफलता के 10 गुण होना चाहिए। (1)-लक्ष्य तय होना-एक सफल इंसान बनने के लिए या जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण है लक्ष्य तय करना। जब तक आप लक्ष्य तय नहीं कर लेते, तब तक मानो आप सफलता से काफी दूर खड़े है। (2)- मजबूत इच्छाशक्ति – अगर किसी काम को करने की हमारी इच्छाशक्ति मजबूत और दृढ़ है, तो कुछ भी नामुमकिन नही है और हम हर काम को संभव बना सकते हैं। (3) नकारात्मकता:- यह एक ऐसी चीज है जो हमारे हर सपने को बर्बाद कर सकता है। हम जब भी कुछ करना चाहते हैं सबसे पहले यही सोचते हैं नहीं हम नहीं करपाएंगे, हमारे अंदर इस काम की क्षमता नहीं है यह नकारात्मक विचार, होने वाले काम को भी बिगाड़ सकते हैं, इसीलिए जहां तक संभव हो नकारात्मकता से बचना चाहिए (4) हमेशा सच्चाई की राह पर रहना चाहिए (5) धैर्यवान बनना चाहिए (6) कड़ी मेहनत-कड़ी मेहनत,जीवन में कोई भी कार्य में अगर सफलता हासिल करनी हैं तो उसके लिए कठिन परिश्रम करना बेहद ही जरुरी हैं। कड़ी मेहनत के बिना सफलता प्राप्त करना नामुमकिन सा हैं। कड़ी मेहनत और लग्न से किया गया कार्य आपको जिंदगी में आगे तक पहुंचा सकता है। (7) अपनी क्षमता और कमजोरियों की पहचान-जीवन में सफलता हमेशा उसी व्यक्ति को मिलती है जो अपनी क्षमताओं और कमजोरियों को पहचानकर मेहनत करता है। (8) दूसरों से तुलना ना करें – हर व्यक्ति की अपनी योग्यता और क्षमता होती है। अच्छे छात्र भी अपनी क्षमता के दम पर ही सफल होते हैं न कि दूसरों की नकल करके। आप भी जीवन में सफल होने के लिए अपने तरीके से मेहनत करें। (9) साहस-जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए आपने अपने लक्ष्य तय कर लिया हैं और उसकी पूरी तैयारी भी कर ली हैं पर साहस ही जीवन में सफलता के लक्ष्य तक पहुंचता हैं इसीलिए साहस का होना परम आवश्यक है। (10) आत्मा विश्वास-यहीं सफलता की सीढ़ी का आधार है। अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर उसका विश्लेषण करेंगे तो हम देखेंगे कि जिंदगी के नियम भी कबड्डी के खेल जैसे हैं। सफलता की लाइन टच करते ही लोग आपके पैर पीछे लग जाते हैं। याने श्रेष्ठतम सफलता कांटों का ताज है। इसके लिए हिम्मत, जज़बा और हौसले रूपी मंत्र का प्रयोग करना बहुत जरूरी है और आलोचना करने वाले प्रतिपक्ष को उपरोक्त 10 मंत्रों का पालन कर अपनी जिंदगी को श्रेष्ठतम बनाया जा सकता है जिससे उनका लोग भी सुधरेगा और परलोक में भी बाहर आएगी। किसी ने ठीक ही लिखा है
भरोसा रखना है तो खुद पर रख।
शक करने के लिए लोग हैं।।
खुद की अलग पहचान बना।
भीड़ में चलने के लिए लोग हैं।।
तू कुछ करके दिखा दुनिया को।
तालियां बजाने के लिए भी लोग हैं।
-संकलनकर्ता लेखक- कर विशेषज्ञ एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र
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